नाहन। सिरमौर में जहां इंसानों के इलाज के लिए लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है वहीं पशुओं के इलाज के लिए इंसान ही मुसीबत बने हुए है। इंसान को अगर एक अस्पताल में उचित इलाज नहीं मिलता तो वह अन्य स्थान पर अच्छे अस्पताल तक पहुंच सकता है मगर पशु को अगर इंसान ही परेशानी में डाल दें और अस्पताल तक जाने ही नहीं दे तो इस का कोई भी हल नहीं है केवल पशु को मरने देने के अतिरिक। ऐसी ही समस्या यहां से 38 किलोमीटर दूर ददाहू स्थित पशुपालन अस्पताल की है जहां के आसपास के 4 विधानसभा क्षेत्रों से ग्रामीण आबादी के किसान अपने बीमार पशुओं को लेकर इलाज के लिए आते है मगर इस अस्पताल के बाहर मुख्य गेट पर स्थानीय दुकानदार व अन्य निवासी अपने वाहन खडे़ कर देते हैं जिस कारण पशुओं को अस्पताल के अन्दर ले जाना मुश्किल हो जाता है।
इस बारे अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस को भी कई बार शिकायत की मगर स्थानीय रसूकदार व उच्च नेताओं के इशारों पर पुलिस भी वहां अपने आप को बेबस समझ रही है। जब इस बारे पशुपालन विभाग के नाहन स्थित उप-निदेशक डा. शबनम से बात की तो उन्होंने बताया कि ददाहू स्थित पुलिस विभाग को इन वाहनों को हटाने बारे कई बार कह चुके हैं और पुलिस इन वाहनों को कुछ समय के लिए हटा तो देती है मगर पुलिस के वहां से चले जाने के बाद वाहन मालिक उन्हे फिर वहीं खडा़ कर देते हैं। उन्होंने कहा कि अब वह उपायुक्त से इस बारे आग्रह करेंगी कि इसका समाधान स्थाई रुप से करें ताकि पशुओं को इलाज के लिए अन्दर लाया जा सके। सब से दिलचस्प बात यह है कि ददाहू का पशु चिकित्सालय लगभग 60 साल पुराना है और इस का भवन भी खस्ता हालत में ही है जिस की कोई सुध भी नहीं ले रहा है।