चंडीगढ़: अब यदि अस्पताल में डाॅक्टर, नर्स या किसी स्टाफ के साथ झगड़ा या मारपीट हाेती है तो इसमें आरोपी को एक साल की सजा या 50 हजार रुपए जुर्माना हो सकता है। एक्ट के मुताबिक मेडिकेयर सर्विस इंस्टीट्यूशन की प्राॅपर्टी के डैमेज पर पूरी तरह से पाबंदी लगाई गई है। प्राॅपर्टी डैमेज पर मेडिकल इक्विपमेंट डैमेज या प्राॅपर्टी लाॅस पर उसकी कीमत से डबल आरोपी से वसूली जा सकती है।
मेडिकल इंस्टीट्यूशंस में किसी भी तरह के वाॅयलेंस को रोकने के लिए चंडीगढ़ में भी पंजाब प्रोटेक्शन ऑफ मेडिकल सर्विसेज पर्सन एंड मेडिकल सर्विसेज इंस्टीट्यूशंस (प्रिवेंशन ऑफ वायलेंस एंड डैमेज ऑफ प्राॅपर्टी) एक्ट 2008 को लागू किया जाएगा। चंडीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह फैसला लिया गया है।
इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स को सिफारिश की जाएगी और वहां से अप्रूवल के बाद इसे चंडीगढ़ में लागू कर दिया जाएगा। अब चंडीगढ़ प्रशासन पंजाब सरकार से भी इस एक्ट में कुछ बदलाव करने को लेकर बात करेगा। एक्ट में अभी एक साल की सजा का प्रावधान है, जिसको चंडीगढ़ प्रशासन एक साल से बढ़ाकर तीन साल करवाना चाहता है।
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Friday, May 9