नाहन। सरकारी एवं निजी बसों में ओवरलोडिंग पर अंकुश लगाने के लिए प्रभावी पग उठाए जाएगें और विशेषकर बसों की छत पर सवारियों को बिठाने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
इस आश्य के आदेश उपायुक्त सिरमौर श्री ललित जैन ने वीरवार को यहां जिला परिषद भवन में परिवहन विभाग द्वारा आयोजित सिरमौर जिला के निजी बस ऑपरेटरज संघ की एक बैठक की अध्यक्षता के दौरान दिए गए । उन्होने निजी बस ऑपरेटरज को निर्देश दिए कि सरकार के निर्धारित माप दण्डों के अनुसार ही बसों में सवारियों को बिठाऐं और ओवरलोडिंग करने पर मोटर वाहन अधिनियम के तहत संबधित वाहन चालकों के विरूद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होंने कहा कि सिरमौर जिला का अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है और पहाड़ी क्षेत्र में ओवरलोडिंग करना एक जोखिम भरा कार्य है। उन्होंने कहा कि बसों में ओवरलोडिंग होना दुर्घटना का एक प्रमुख कारण है। उन्होंने निजी आपरेटरज संध को निर्देश दिए कि वह अपनी बसों पर अनुभवी एवं प्रशिक्षित चालकों को ही रखे जिनके पास भारी वाहन चलाने का लाईसैंस हो। उन्होने कहा कि वाहन चालक और परिचालक को वर्दी भी प्रदान की जाए और वर्दी की कमीज पर कर्मचारी की नेम प्लेट होनी चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि बस चलाते हुए मोबाईल सुनना भी दुर्घटना का एक प्रमुख कारण है और बस चालक अनेकों बार बस चलाते हुए मोबाईल फोन सुनते हैं जिससे दुर्घटना होने की संभावना उत्पन्न हो जाती हैं। उन्होंने निजी ऑपरेटरज को निर्देश दिए कि वह अपने बस चालकों को आदेश दे कि बस चलाते हुए मोबाईल का प्रयोग न करें और यदि बहुत ही आवश्यक हो तो उस स्थिति में बस को खड़ी करके मोबाईल सुना जाए।
उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत बसों में स्टीरियो बजाना प्रतिबंधित है। उन्होने संघ को निर्देश दिए कि वह अपनी बसों में स्टीरियों को न बजाऐं चूंकि बस में विशेषकर बीमार व्यक्तियों और वरिष्ठ नागरिकों को ध्वनि प्रदूषण से बहुत परेशानी पेश आती है। उन्होंने कहा कि बसों में ऊंची आवाज से स्टीरियो बजाने बारे लोगों से काफी शिकायतें भी मिल रही है।
उपायुक्त ने कहा कि तकनीकी तौर पर बसें ठीक होने के साथ साथ बस की सर्विस समय पर करवाई जानी चाहिए। उन्होंने तकनीकी तौर पर बस की फिटनेस का प्रमाण पत्र किसी अधिकृत कम्पन्नी का होना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बस में तकनीकी खराबी और समय पर मुरम्मत न किए जाने पर भी दुर्घटनाऐं घटित हो रही है जिस बारे निजी बस ऑपरेटर संघ को गंभीरता से सोचना होगा ताकि भविष्य में बस की तकनीकी खराबी के कारण कोई दुर्घटना न हो।
उपायुक्त ने कहा कि यातायात नियमों की अनदेखी करने से अधिकांश वाहन दुघर्टनाऐं होती है जोकि चिंता और चिंतन का विषय है। उन्होंने कहा कि वाहन चालकों द्वारा वाहन चलाते समय मोबाईल का सुनना, ऊंची आवाज में स्टीरियों बजाना, तेज रफ्तार, लापरवाही से गाड़ी चलाना, वाहन की आवश्यक मुरम्मत न करवाना, नशे की हालत में वाहन चलाना इत्यादि अनेक कारण है, जिससे अधिकतर दुर्घटनाऐं होती है।
उन्होने परिवहन विभाग को निर्देश दिए कि वाहन चालकों को यातायात नियमों बारे जागरूक करने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाए और चालकों को हिदायत दी जाए कि गाड़ी चलाते समय मोबाईल फोन का प्रयोग न करें और नशे की हालत में गाड़ी न चलाऐं। उन्होंने कहा कि बस और ट्रक के वाहन चालकों की आंखों की जांच भी करवाई जानी चाहिए ताकि कम दिखाई देने से कोई दुर्घटना पेश न आए।
इससे पहले कार्यकारी क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सोना चौहान ने उपायुक्त सहित निजी बस आपरेटर संघ के पदधिकारियों का स्वागत किया और बैठक में क्रमवार विभिन्न मुददों को रखा गया।
बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र ठाकुर, क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी राशिद शेख, जिला निजी बस ऑपरेटर संघ के प्रधान मामराज, पृथ्वी सिंह सहित संघ के लगभग 60 पदाधिकारियों ने भाग लिया।
