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    Home»हिमाचल प्रदेश»देवभूमि मे है यातायात प्रबंधन को और प्रभावी बनाने की जरूरत
    हिमाचल प्रदेश

    देवभूमि मे है यातायात प्रबंधन को और प्रभावी बनाने की जरूरत

    By adminawJuly 13, 2019
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    शिमला। नाहन। रेणुका जी: बार-बार दोहराना पड़ता है यह जानते समझते हुए भी सरकार को बहुत अच्छी तरह से जानकारी है की हिमाचल देवभूमि भी है व पर्यटन के लिए बेहद आकर्षक प्रदेश जिसकी खूबसूरत वादियों को देखने वर्षभर बड़ी संख्या में सैलानियों का आना जाना लगा रहता है जिसमें विदेशियों की संख्या भी उत्साहजनक होती है ऐसे में राज्य में यातायात प्रबंधन की मौजूदा व्यवस्था या कहे तामझाम व कार्यशैली में बड़े पैमाने पर व हर स्तर से सुधार बदलाव की जरूरत बहुत ज्यादा महसूस की जा रही है वह भी प्राथमिकता के आधार पर तो अनिवार्य रूप से भी ताकि प्रदेश में हो रहे सड़क हादसों में कमी हो जोकि अक्सर व्यवस्था मैं खामी से हो रहे हैं यातायात संबंधी स्ट्रक्चर जितना कारगर हो मजबूत बने किया बनाया जाना चाहिए अभी अनुभव कटु ही ज्यादा है बहुत कुछ राम भरोसे चल रहा है |

    राज्य के उन जिलों में जिनमें की पर्यटन अधिक है सड़कों पर वाहनों का भारी दबाव है सुरक्षित सुनिश्चित सुगम आवागमन के मोटर वाहन अधिनियम ओं का कड़ाई से करवाने के लिए और अधिक ट्रैफिक पुलिस चौकिया बनाई जानी जरूरी है वही नियमों को दत्ता बताने या कुल मिलाकर रफ ड्राइविंग करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए पर्याप्त संख्या में रडार गन इंटरसेप्टर वाहन एल्कोमीटर जैसे उपकरण काम में ले जाने की दरकार है जिनकी अभी कमी समझी जा रही है जो है भी ठीक से काम नहीं कर पानी की शिकायतें हैं इससे खासकर यातायात व्यवस्था ठीक करने में जुटी पुलिस को भी काफी दिखते हैं आती है तेज गति से वाहन चलाने वालों की धरपकड़ के लिए इंटरसेप्टर वाहन पूरे हो तो हादसों में बहुत हद तक कमी आ सकती है अक्सर सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने वालों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर कहां है की सबसे पहले खटारा वाहनों को सड़कों से अलग किया जाना जरूरी है तथा निजी वाहनों में ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसा जाए तो यातायात खुद-ब-खुद सुधरने लगेगा अनाड़ी या नौसिखिया ड्राइवर गाड़ियां चला रहे हैं स्पीड गर्वनर नहीं लगे हुए हैं यह भी परिवहन विभाग को देखना चाहिए

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