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    Home»हिमाचल प्रदेश»परियोजनाओं की समीक्षा के लिए हिम विकास सेवा आरम्भ
    हिमाचल प्रदेश

    परियोजनाओं की समीक्षा के लिए हिम विकास सेवा आरम्भ

    By adminawJuly 31, 2019
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    मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश के सभी अधिकारियों को विकासात्मक योजनाओं के प्रभावकारी कार्यान्वयन के प्रति ‘प्रो-एक्टिव’ रवैया अपनाने के निर्देश दिए हैं ताकि निर्धारित समय में चल रही परियोजनाओं के कार्यों को पूरा किया जा सके और वांछित लक्ष्यों को भी प्राप्त किया जा सके। मुख्यमंत्री आज यहां ‘हिम विकास समीक्षा’ की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘हिम विकास समीक्षा सेवा ’ राज्य सरकार की ऐसी अभिनव पहल है, जिससे विकासात्मक परियोजनाओं के कार्यों की प्रगति की लगातार समीक्षा की जा सकेगी तथा इससे विकास कार्यों में तेजी भी आएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 21 विभागों के लिए 103 मुख्य कार्यनिष्पादन संकेतक निर्धारित किए गए हैं, जबकि 26 विभागों के लिए ऐसे चार संकेतक बनाए गए हैं। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी विभागों के कार्यों की समीक्षा के लिए यह एक ऐसा तंत्र विकसित किया गया है, जिससे अलग-अलग विभागों की समीक्षा करने की बजाय अब सभी विभागों का एक साथ आकलन संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि विकास कार्यों में तेजी लाने के लिए पारम्परिक तरीकों की बजाय अब ऑनलाइन रिपोर्टिंग अपनाई जा रही है, जिससे कार्यों के निष्पादन में तेजी आई है और पारदर्शिता भी बढ़ी है। जय राम ठाकुर ने लोक निर्माण विभाग को भी अपने कार्यों की निगरानी रखने के लिए प्रबंधन का ऐसा सूचना तंत्र विकसित करने के निर्देश दिए, जिसमें विभाग के सभी कार्य ऑनलाइन दर्शाए जा सकें। उन्होंने कहा कि वन अधिनियम तथा वन संरक्षण अधिनियम के मामलों को शीघ्र निपटाने पर विशेष बल दिया जाना चाहिए ताकि वन स्वीकृतियां के कारण विकासात्मक परियोजनाओं को आरम्भ करने में विलम्ब न आए। उन्होंने परियोजनाओं को समयबद्ध आधार पर पूरा करने के साथ-साथ निर्माण कार्यों में गुणवत्ता बनाए रखने पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी परियोजनाओं को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाना चाहिए, जिनमें 60 प्रतिशत से अधिक कार्य हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि कार्यों में तेजी लाने के समय गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार से समझौता नहीं किया जाएगा तथा कोताही बरतने वाले ठेकेदारों अथवा कर्मचारियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।

     मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सिक्किम राज्य के उपरांत ऐसा दूसरा प्रदेश है, जहां लोगों को घर-द्वार पर स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को जल जनित रोगों की रोकथाम के लिए विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बनाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी बल दिया कि अधिक से अधिक खेतों तक सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए ताकि किसान परम्परागत फसलों की बजाय नकदी फसलें उगाने के प्रति प्रेरित हो सकें। इससे आगामी तीन वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने में भी सहायता मिलेगी। प्रदेश में कई मुख्य सिंचाई परियोजनाओं के चालू हो जाने के बावजूद कृषि पद्धति में कोई विशेष परिवर्तन न आने पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को नकदी फसलें उगाने के प्रति प्रेरित करने हेतु अभियान आरम्भ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य से सरकार ने नई-नई योजनाएं आरम्भ की हैं, जिसके तहत किसानों को अनेक प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में फसलों की कटाई/तुड़ाई के उपरांत बेहतर प्रबन्धन तथा खाद्य प्रसंस्करण की दिशा में प्रयास करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कृषि विभाग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कृषकों को उनके उत्पाद के समुचित दाम मिल सकें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि यह प्रदेश देश का एक प्राकृतिक खेती करने वाला राज्य बन सके। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में भी प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि कृषकों के लिए आय के अतिरिक्त साधन के तौर पर दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने पर भी बल दिया जाना चाहिए। 

    मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में रोजगारोन्मु ख शिक्षा प्रदान करने पर भी बल दिया जाना चाहिए ताकि युवाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को और अधिक सक्षम बनाने की दृष्टि से गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हिमाचल एक छोटा राज्य होने के बावजूद प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय कार्य किया है और सरकार इस महत्वपूर्ण क्षेत्र पर राज्य बजट का लगभग 20 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते प्रदेश के सभी वर्गों के लोगों को सामाजिक न्याय सुनिश्चित बनाने के प्रयास किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 5.34 लाख से भी ज्यादा जरूरतमंद लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है और सरकार के पास सामाजिक सुरक्षा पेंशन का कोई भी मामला लम्बित नहीं है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में चल रही अनेक योजनाओं की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के उद्देश्य से जागरूकता अभियान आरम्भ करने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि कुपोषण तथा शिशु मातृत्व देखभाल जैसे क्षेत्रों पर विभाग को विशेष ध्यान देना चाहिए ताकि वांछित परिणाम प्राप्त किए जा सकें। जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमकेयर तथा आयुष्मान भारत गरीब एवं जरूरतमंद परिवारों के रोगियों के लिए वरदान सिद्ध हो रही हैं। उन्होंने प्रदेश में शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पतालों में ही प्रसव करवाने के प्रति प्रेरित किया जाना चाहिए।

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