शिमला। हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार ने एक अहम निर्णय में राज्य में बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 को लागू करने की मंजूरी दे दी है। इस निर्णय के तहत अब प्रदेश में पांचवीं और आठवीं कक्षा की परीक्षाएं आयोजित होंगी।
ये परीक्षाएं प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार प्रश्नपत्रों के तहत होंगी और परीक्षाओं का संचालन, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन जैसे कार्य संबंधित जिलों के उप निदेशक प्रारंभिक शिक्षा की देखरेख में किए जाएंगे। यह निर्णय प्रदेश मंत्रिमण्डल की आज शिमला में हुई बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की।
शिक्षण संस्थानों को आपातकालीन स्थितियों के लिए तैयार करने तथा विद्यार्थियों को आपदाओं का सामना करने में सक्षम एवं जागरूक बनाने के उद्देश्य से मंत्रिमण्डल ने स्कूल सुरक्षा परियोजना दिशा-निर्देशों को लागू करने को भी अपनी स्वीकृति प्रदान की।
बैठक में मदर टेरेसा मातृ असहाय सम्बल योजना के अंतर्गत निराश्रित महिलाओं और विधवाओं को मिलने वाली वार्षिक सहायता राशि को 5000 रुपये से बढ़ाकर 6000 रुपये प्रति संतान करने का निर्णय लिया गया। यह राशि अधिकतम दो संतानों के बेहतर पालन-पोषण के लिए दी जाती है।
मंत्रिमंडल ने शिमला और कांगड़ा के बंदोबस्त विभाग में 1195 उम्मीदवारों का चयन कर उन्हें पटवारी का प्रशिक्षण प्रदान करने को भी स्वीकृति प्रदान की ताकि अगले पांच वर्षों में पटवारियों के खाली पदों को भरा जा सके। इन उम्मीदवारों में 933 उम्मीदवार मोहाल और 262 उम्मीदवार बंदोबस्त के होंगे। इसके अलावा 17 पात्र चेनमैन भी चयनित होंगे। मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों के सशक्तिकरण निदेशालय में ‘दिव्यांगता प्रकोष्ठ’ स्थापित करने का निर्णय लिया
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Monday, June 30