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    Home»हिमाचल प्रदेश»मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया मंथन
    हिमाचल प्रदेश

    मादक पदार्थों की रोकथाम हेतु पांच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने किया मंथन

    By adminawJuly 25, 2019
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    चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा है कि मादक पदार्थों की बिक्री व इनका बढ़ता सेवन आज एक राष्ट्रव्यापी समस्या बन गई है और समाज में मादक पदार्थों के उन्मूलन के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाने तथा इसे प्रभावी ढंग से लागू करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री आज चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा राजस्थान के मुख्यमंत्रियों और जम्मू कश्मीर, केन्द्र शासित क्षेत्र चण्डीगढ़ व दिल्ली के  उच्चाधिकारियों की दूसरी क्षेत्रीय कान्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। बैठक में इन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने-अपने राज्य में ड्रग्स की रोकथाम व बड़े अपराधियों और गैंगस्टर्स की गिरफ्तारी के लिए बनाई जाने वाली गतिविधियों पर विस्तार से चर्चा की।

    इन राज्यों के मुख्य सचिव व डीजीपी भी इस क्षेत्रीय कान्फ्रेंस में शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक पदार्थों का प्रचलन समाज के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है तथा इस सामाजिक बुराई से निपटने के लिए एक संयुक्त रणनीति बनाई जानी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केवल कुछ प्रदेशों तक सीमित नहीं है, बल्कि मादक पदार्थों का दुरूपयोग एक वैश्विक समस्या है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की सीमाएं कई अन्य राज्यों से लगती हैं इसलिए यह आवश्यक है कि अंतरराज्यीय स्तर पर नशा तस्करी से निटपने के लिए एक संयुक्त कार्य योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित सूचना के आदान-प्रदान के लिए एक प्रभावी प्रणाली का निर्माण किया जाना चाहिए, ताकि नशा तस्करी में संलिप्त अपराधियों को पकड़ा जा सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि हिमाचल प्रदेश में ड्रग्स का तंत्र अपने पांव न पसार सके, इसके लिए उन्होंने प्रदेश में सत्ता संभालते ही उच्चाधिकारियों के साथ मंथन किया और फिर पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा एकजुट होकर कारगर रणनीति बनाए जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा इस पहल का स्वागत करते हुए पिछले साल चंडीगढ़ में पहली क्षेत्रीय कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी, जिसकी मेजबानी हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा की गई थी। उन्होंने कहा इस कांफ्रेंस के परिणाम स्वरुप ही पंचकूला में रीजनल कमांड सेंटर की स्थापना हुई थी, जिसे अब और सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा 15 अगस्त से पहले इस रीजनल कमांड केंद्र में हिमाचल प्रदेश के दो अधिकारियों को नियुक्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह भी प्रसन्नता की बात है कि इस बार आयोजित दूसरी क्षेत्रीय कान्फ्रेंस में राजस्थान के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में उठाए गए कारगर कदमों के कारण हिमाचल प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित गिरफ्तारियों में इजाफा हुआ है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष जून तक हिमाचल प्रदेश में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1622 मामले दर्ज हुए। इस अवधि में 141.776 किलोग्राम चरस, 7.095 किलोग्राम अफीम, 3.599 किलोग्राम हीरोइन, 5810 नशे की गोलियां और 50,700 कैप्सूल पकड़े गए। कुल 789 लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनमें 27 महिलाएं व दो विदेशी शामिल थे। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार हुए लोगों में 40 प्रतिशत पंजाब के व 25 प्रतिशत हरियाणा राज्य से संबंधित थे। उन्होंने कहा बॉर्डर एरिया में सूचनाओं के आदान-प्रदान का तंत्र मजबूत होना चाहिए ताकि दोषी पुलिस के शिकंजे से न बच पाएं।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी अभियान केवल सरकारी स्तर पर सफल नहीं हो सकता और इसके लिए जनभागीदारी व जन जागरूकता जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किशोर व युवा नशे की गर्त में जाने से बच सकें, इसके लिए इस आयु ग्रुप के बच्चों पर विशेष रूप से फोकस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि      ‘नशे को ना-जीवन को हां’ स्लोगन के साथ अभियान चलाया जाना चाहिए।जय राम ठाकुर ने उत्तरी भारत के राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तीसरी क्षेत्रीय बैठक अगली बार हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में आयोजित किया जाने का प्रस्ताव रखा, जिसपर सभी मुख्यमंत्रियों ने सहमति जताई।पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार द्वारा सत्ता में आते ही नशा तस्करों के विरूद्ध अभियान छेड़ा गया है। उन्होंने कहा कि इस बुराई को रोकने के लिए विशेष अभियान छेड़े गए हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब केन्द्र सरकार से मादक पदार्थों के तस्करों के विरूद्ध कड़ी सजा तथा मृत्यु दंड के प्रावधान का आग्रह कर रहा है, क्योंकि यह नशे की तस्करी को रोकने के लिए एक बड़ा कदम होगा।

    हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि यह बैठक मादक पदार्थों का दुरूपयोग से संबंधित महत्वपूर्ण विषय पर विचार-विमर्श करने के लिए रखी गई है। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मादक पदार्थ हमारे समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती के रूप में उभरी है तथा हरियाणा सरकार इसे रोकने के लिए निरन्तर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दूसरे प्रदेशों के साथ नशा तस्करों को पकड़ने के लिए आपसी सहयोग कर रही है। उन्होंने ड्रग कंट्रोल सचिवालय बनाए जाने की वकालत भी की और कहा कि नशीले दवाइयों की बिक्री व आपूर्ति को रोकने व इस तंत्र को तोड़ने पर अधिकाधिक फोकस होना चाहिएउत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री टी.एस. रावत ने कहा कि उनके प्रदेश में मादक पदार्थों के विरूद्ध कारगर अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न सामाजिक संगठनों को इस सामाजिक बुराई को रोकने के लिए आगे आना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ड्रग्स कोई राजनीतिक नहीं बल्कि सामाजिक समस्या है, जिसपर सभी को मिलजुलकर काबू पाना है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में संयुक्त रणनीति को कारगर तरीके से अमलीजामा पहनाया जाना चाहिए।इस अवसर पर जम्मू व कश्मीर के एडवाइजर के.के. शर्मा, दिल्ली के स्पेशल पुलिस कमिश्नर, चण्डीगढ़ के डीजीपी सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी अपने विचार रखे।मुख्य सचिव बी.के. अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव व मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डा. श्रीकान्त बाल्दी तथा पुलिस महानिदेशक एस.आर. मरड़ी भी इस क्षेत्रीय कान्फ्रेंस में उपस्थित थे।

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