फील्ड वन कर्मचारियों को सब पता होता है लेकिन ठेकेदारोंके हौसले बढ़ाने में लगे रहते हैं
नाहन।। जिला सिरमौर के आरक्षित वन क्षेत्रों में सरेआम देख सकते हैं इन वन क्षेत्रों में इन दिनों सूखे पेड़ काटने का काम ठेकेदारों के जरिए टेंडर प्रक्रिया से जारी है ठेकेदार अपनी मर्जी के मालिक हैं सूखे पेड़ काटकर लुढ़का देते हैं या फिर वन भूमि में ही कच्ची सड़कें निकाल कर उन्हें वाहनों के जरिए धो रहे हैं इससे वन संपदा का बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है वन विभाग ने लगता है ठेकेदारों को मनमर्जी की खुली छूट दी हुई है और अपने आप मुख दर्शक बना है जबकि निविदाओं मैं शर्त यह होती है कि कटे पेड़ उठाकर ले जाने होंगे ताकि वन संपदा को कोई नुकसान न हो सिरमौर जिले के वन क्षेत्रों में सूखे पेड़ वाह गिरे हुए पेड़ों को काटकर उठाने का काम चला ही रहता है जो ठेकेदार इन पेड़ों को काटने का ठेका लेता है वह अपनी सुविधा को देखते हुए जहां तक वहां जा सकते हैं वहां तक वहां ले जाते हैं नहीं तो लुडकान कर अपना कार्य पूर्ण करने में लगे रहते हैं |
जबकि आरक्षित वन क्षेत्रों में ऐसा करने की पूरी नहीं है क्योंकि ऐसा करने से छोटे बड़े पौधे व अन्य खनिज नष्ट हो रहे हैं वन विभाग के खासकर फील्ड कर्मचारियों को सब पता होता है लेकिन मुख दर्शक बन ठेकेदारों के हौसले बढ़ाने में लगे रहते हैं जब कोई पर्यावरण या वन सेवी इस अंधेर गर्दी की ओर वन कर्मियों का ध्यान आकर्षित करता है तो उल्टा उसे ही पूछा जाता है कि ठेकेदार लकड़ी कैसे ले जाएं यानी वन विभाग वाले ठेकेदार के मितवा सुविधा के लिहाज से उसके पक्ष मैं ही बात करते हैं मामला ज्यादा तूल पकड़े या दबाव बनाने पर छोटी मोटी डैमेज रिपोर्ट बनाकर मामूली जुर्माना राशि भरकर मामला रफा दफा कर दिया जाता है |