शिमला: हिमाचल में आर्युवेद विभाग इन दिनों चर्चा में है, लोकसभा चुनाव के दौरान इस विभाग ने मशीनें व चिकित्सा यंत्रों की खरीद की जिससे सरकार को सीधे-सीधे है लाखों रुपए का चुना लगा है | शुगर टेस्टिंग मशीन की खरीद के लिए 2600 रुपए का ज्यादा भुगतान किया | यह मशीन 1599 रुपए के मूल्य पर बाजार में उपलब्ध है लेकिन आयुर्वेद विभाग ने इसके लिए 4200 रुपए का भुगतान किया और कुल 700 मशीनें खरीद कर सरकार को सीधे-सीधे 18 लाख 20 हजार रुपए की चपत लगा दी |
खरीदारी अंबाला की जिस कंपनी से की गई उसे ₹4200 के हिसाब से विभाग ने 2939300 रुपए का भुगतान कर दिया वैसे यह खरीद विभाग की खरीद कमेटी की सलाह व स्वीकृति से की गई लेकिन चुनाव के दौरान आनन-फानन में की गई इस खरीद-फरोख्त के लिए राज्य सरकार व चुनाव आयोग से अनुमति लेने की जरूरत ही नहीं समझी गई | आयुर्वेद विभाग ने महंगी शुगर टेस्टिंग मीटर हिमोग्लोबिन थर्मामीटर एक्वा ग्लूकोस एक्टि व किट प्लस ऑक्सीमीटर बीपी ऑपरेटर थर्मामीटर वजन करने वाली मशीनें स्टेचर सीरिंज डिस्पोजल मशीन भी खरीदी है इनमें सिर्फ एक या दो चीजें ही ऐसी है जिनकी खरीद बाजार मूल्य से मामूली सी कम है बाकी मशीनें व किट महंगी खरीदारी के संबंध में विभाग के निदेशक संजीव भटनागर से पूछा गया तो इनका कहना था कि मैं खुद इसकी जांच कर रहा हूं यदि किसी ने गलती की है तो नहीं बख्शा जाएगा |