शिमला हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खाड़ी देशों में से एक संयुक्त अरब इराक (यू ए ई) की राजधानी दुबई में निवेशकों को लुभाने में रोड शो में अति व्यस्त भले हो लेकिन प्रदेश के आयुर्वेदिक विभाग में बहुचर्चित महंगी व उट पटांग खरीद का मामला जयों ही उनके संज्ञान में आया उन्होंने वहीं से बिना देर किए आयुर्वेदिक विभाग की खाट खड़ी करने में देर नहीं की राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार को तलब कर इस खरीद घोटाले की तुरंत जांच के आदेश दिए हालांकि विभाग ने निदेशक संजीव भटनागर भी मामला उछलते ही इसकी जांच का जिम्मा 3 सदस्य कमेटी को सौंप चुके हैं जबकि परमार ने भटनागर से ही 2 दिन में जांच कार्य पूरा कर रिपोर्ट देने को कहा है खरीद कोई बहुत ज्यादा नहीं डेढ़ करोड़ की आस पास है लेकिन इतनी उटपटांग है कि पूरी सरकार को ही जांच को लेकर हरकत में आने को विवश होना पड़ा |
मुख्य सचिव बी. के.अग्रवाल ने भी आयुर्वेदिक विभाग से रिपोर्ट मांगी है और कहा है रिपोर्ट देखने के बाद आगे कार्रवाई होगी यह खरीद-फरोख्त 1 करोड़ 60 लाख रुपए लेकिन के आसपास है लेकिन जिन मशीनों व यंत्रों की खरीद हुई वे बाजार भाव से ऊंची कीमत पर खरीदी जाने के आरोपों के दायरे में तो है ही कुछ उपकरण ऐसे भी खरीदे गए बताए जा रहे हैं जिनका की आयुर्वेदिक विभाग में कोई उपयोग ही नहीं है इनमें पारे के थर्मामीटर शामिल है जो कि 380 डिग्री तापमान मापने के लिए प्रयुक्त है और आम तौर पर इसका प्रयोग उद्योग धंधे वाले करते हैं विभाग ने ऐसे 300 थर्मामीटर खरीदे हैं और इनकी एवज में संबंधित कंपनियों को पूरा भुगतान भी कर दिया है इन थर्मामीटर का आयुर्वेदिक विभाग करेगा क्या इसे लेकर खासी चर्चा है एक तरह से कुछ मशीनें व यंत्र खरीदकर आयुर्वेदिक विभाग ने मुसीबत मोल ले ली है पहले इसकी जांच का जिम्मा 3 सदस्य कमेटी को सौंपा गया |
अब मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव की ओर से सख़्ती दिखाए जाने से जांच का दायरा बढ़ गया है आयुर्वेदिक विभाग के निदेशक संजीव भटनागर को आज शुक्रवार को ही किसी समय जांच रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्री परमार को सौंपनी है मुख्य सचिव ने अलग से विभाग से रिपोर्ट मांगी है पहले मामला आयुर्वेदिक विभाग के ही सर तक सीमित था और रहता भी लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा दुबई से सख्ती दिखाने से अब यह पूरी सरकार का ही मामला हो गया है हालांकि हैरानी भी जताई जा रही है की स्वास्थ्य मंत्री विपिन परमार ने इस मामले में मुख्यमंत्री के निर्देशों की प्रतीक्षा क्यों कि जबकि आयुर्वेदिक विभाग उनके अधिकार क्षेत्र में है मामला उछलते ही वह इसकी जांच के आदेश या इसमें अपने स्तर से पहले ही कार्रवाई कर सकते थे जबकि उनकी ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री का फोन निर्देश आने से पहले तक कोई प्रतिक्रिया तक व्यक्त नहीं की गई यही स्थिति मुख्य सचिव महोदय की ओर से रिपोर्ट मांगने को लेकर है वैसे भी आर्युवेद विभाग ने जो खरीद की है उससे संबंधित प्रस्ताव की सवीकृति सरकार ने ही दी थी और जाहिर है कि प्रस्ताव में उन सभी मशीनों व यंत्रों का विवरण दर्ज होगा ही जिनकी की खरीद हुई है सरकार तब भी पूछ सकती थी 380 डिग्री सेल्सियस तापमान मापने वाला थर्मामीटर किस प्रयोजन से लिया जा रहा है कुछ अपुष्ट सूत्रों का कहना है नाममात्र खरीद है सभी विभागों या अन्य में हुई खरीददारी की भी जानकारी जुटाई जाए तो पूरा हिमाचल ना सिर्फ चौकेगा बल्कि डगमगा भी सकता है