श्री रेणुका जी : हिमाचल प्रदेश सरकार स्वच्छ भारत मिशन के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए अनेक प्रयास कर रही है लेकिन स्वच्छ भारत मिशन को एक व्यापक आंदोलन बनाने में कुछ ग्राम पचायती संस्थाए गंभीर नहीं है | ग्राम पंचायत ददाहू भी एक ऐसी ही पंचायत है जिसे सरकार की स्वच्छ भारत मिशन की योजना को ठेंगा दिखाने से कोई परहेज नहीं है। एक लम्बे समय से ददाहू की गालियां और सार्वजानिक स्थलों के आसपास केवल कचरा ही दिखाई दे रहा है। ग्राम पंचायत ददाहू अपने कार्य क्षेत्र में सफाई व्यवस्था बनाए रखने में नाकामयाब रही है | यह वही पंचायत है जिसे एक समय में निर्मल पंचायत का पुरुस्कार प्राप्त किया था लेकिन पंचायत प्रतिनिधियों के बदलते ही सफाई व्यवस्था चरमरा गई थी |

स्थानीय लोगो का आरोप है कि जन प्रतिनिधि कांग्रेस समर्थित होने की वजह से जानबूझकर सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दे रहे ताकि स्वच्छ भारत मिशन को ठेंगा दिखाया जा सके।
काबिलेगौर है कि ग्राम पंचायत ददाहू का 90% कचरा साथ बहती गिरी नदी में मिल रहा हैं। जिसकी वजह से गिरी के प्रदूषित होने के साथ-साथ बीमारियां भी फैल रही हैं। गंदगी कि वजह से कुछ लोग गंभीर रूप से बीमार हैं। पीजीआई से अपना इलाज करवा रहे एक स्थानीय हंस राज ने कहा कि डाक्टरों ने कहा हैं कि प्रदूषण के कारण वह बीमार हुए हैं।
आरोप लग रहे है कि निर्माण कार्यो पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है तथा स्थानीय लोगों को रोजगार देने के बजाए बाहरी लोगों को काम दिया जा रहा है। मनमाने तरीके से किए जा रहे काम बिना किसी तकनीकि सलाह के किए जा रहे हैं। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में जगह-जगह पानी भरने और बीमारियों फैलने की आंशका से भी इनकार नहीं किया जा सकता।
गिरी नदी में फैल रहे प्रदूषण के विषय पर जब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी डॉ. एस कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पिछले महीने आयोजत बैठक में सिरमौर के खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह कचरा नियंत्रण के लिए सख्त कदम उठाए। प्रत्येक पंचायत में कचरा निपटारे के लिए स्थान निर्धारित किया जाए। वहीं पंचायत कि कार्यप्रणाली को लेकर परियोजना अधिकारी सुदर्शन सिंह ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत ददाहू को निर्देश दिए गए हैं कि वह दो – तीन दिनों के भीतर सफाई व्यवस्था को ठीक करें नहीं तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।