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    73वें स्‍वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के भाषण की मुख्‍य बातें

    By Himachal VartaAugust 15, 2019
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    नयी दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्‍वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के पावन पर्व पर सभी देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं।
    वर्षा और बाढ़: आज देश के अनेक भागों में अति वर्षा और बाढ़ के कारण लोग कठिनाइयों से जूझ रहे हैं। राज्‍य सरकार, केंद्र सरकार, एनडीआरएफ सभी संगठन, नागरिकों का कष्‍ट कम कैसे हो, सामान्‍य परिस्थिति जल्‍दी कैसे लौटे,उसके लिए दिन-रात प्रयास कर रहे हैं।
    अनुच्‍छेद 370: दस हफ्ते के भीतर-भीतर ही अनुच्‍छेद 370 का हटना, 35A का हटना सरदार वल्‍लभ भाई पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में एक अहम कदम है। जो काम पिछले 70 साल में नहीं हुआ, नई सरकार बनने के बाद, 70 दिन के भीतर-भीतर अनुच्‍छेद370 और 35A को हटाने का काम भारत के दोनों सदनों ने, राज्यसभा और लोकसभा ने, दो-तिहाई बहुमत से पारित कर दिया। आज लाल किले से मैं जब देश को संबोधित कर रहा हूं, मैं यह गर्व के साथ कहता हूं कि आज हर हिन्‍दुस्तानी कह सकता है- एक देश, एक संविधान।
    तीन तलाक: दस हफ्ते के भीतर-भीतर हमारे मुस्लिम माताओं और बहनों को उनका अधिकार दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया। अगर इस देश में, हम सती प्रथा को खत्म कर सकते हैं, हम भ्रूण हत्या को खत्म करने के कानून बना सकते हैं, अगर हम बाल-विवाह के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं, हम दहेज में लेन-देन की प्रथा के खिलाफ कठोर कदम उठा सकते हैं, तो क्यों न हम तीन तलाक के खिलाफ भी आवाज उठाएं।
    आतंक से जुड़े कानून: आतंक से जुड़े कानूनों में आमूल-चूल परिवर्तन करके उसको एक नई ताकत देने का, आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के संकल्‍प को और मजबूत करने का काम किया गया।
    किसान सम्‍मान निधि: हमारे किसान भाइयों-बहनों को प्रधानमंत्री सम्‍मान निधि के तहत 90 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में ट्रांसफर करने का एक महत्‍वपूर्ण काम आगे बढ़ा है।
    किसानों और छोटे व्‍यापारियों के लिए पेंशन: हमारे किसान भाई-बहन, हमारे छोटे व्‍यापारी भाई-बहन, उनको कभी कल्‍पना नहीं थी कि कभी उनके जीवन में भी पेंशन की व्‍यवस्‍था हो सकती है, वैसी पेंशन योजना को भी लागू करने का काम कर दिया है।
    जल शक्ति अभियान: जल संकट की चर्चा बहुत होती है, भविष्‍य जल संकट से गुजरेगा, यह भी चर्चा होती है, उन चीजों को पहले से ही सोच करके, केंद्र और राज्‍य मिलकर के योजनाएं बनाएं इसके लिए एक अलग जल-शक्ति मंत्रालय का भी निर्माण किया गया है।
    जल-जीवन मिशन: हम आने वाले दिनों में जल-जीवन मिशन को आगे ले करके बढ़ेंगे। इसके लिए केंद्र और राज्‍य सरकारें साथ मिलकर काम करेंगे और आने वाले वर्षों में साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा रकम इस मिशन के लिए खर्च करने का हमने संकल्‍प लिया है।
    चिकित्‍सा कानून: हमारे देश में बहुत बड़ी तादाद में डॉक्‍टरों की जरूरत है, आरोग्‍य की सुविधाएं और व्‍यवस्‍थाओं की आवश्यकता है। चिकित्सीय शिक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए अनेक महत्‍वपूर्ण कानून हमने बनाए हैं, महत्‍वपूर्ण निर्णय लिए हैं।
    बच्‍चों की सुरक्षा के लिए कठोर कानून प्रबंधन आवश्‍यक था। हमने इस काम को भी पूर्ण कर लिया है।
    अगर 2014 से 2019 आवश्‍यकताओं की पूर्ति का दौर था, तो 2019 के बाद का कालखंड देशवासियों की आकांक्षाओं की पूर्ति का कालखंड है, उनके सपनों को साकार करने का कालखंड है।
    जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख: जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख के नागरिकों की आशा-आकांक्षा पूरी हो, यह हम सब का दायित्‍व है। वहां के मेरे दलित भाइयो-बहनो को, देश के अन्‍य दलितों के समान अधिकार प्राप्त नहीं थे, वो उनको भी मिलने चाहिए। वहां हमारे कई ऐसे समाज और व्‍यवस्‍था के लोग चाहे वह गुर्जर हों, बकरवाल हों, गद्दी हों, सिप्‍पी हों,बाल्‍टी हों – ऐसी अनेक जनजातियां, उनको राजनीतिक अधिकार भी मिलने चाहिए।भारत विभाजन हुआ, लाखों-करोड़ों लोग विस्‍थापित होकर आये उनका कोई गुनाह नहीं था लेकिन जो जम्‍मू-कश्‍मीर में आकर बसे, उनको मानवीय अधिकार भी नहीं मिले, नागरिक के अधिकार भी नहीं मिले।
    जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों का योगदान: जम्‍मू-कश्‍मीर और लद्दाख सुख-समृद्धि और शांति के लिए भारत के लिए प्रेरक बन सकता है। भारत की विकास यात्रा में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। अब, जम्‍मू-कश्‍मीर का सामान्‍य नागरिक भी दिल्‍ली सरकार को पूछ सकता है। उसको बीच में कोई रुकावटें नहीं आएंगी। यह सीधी-सीधी व्‍यवस्‍था आज हम कर पाए हैं।
    एक राष्‍ट्र एक कर: जीएसटी के माध्‍यम से हमने एक देश, एक टैक्स के सपने को साकार किया है। पिछले दिनों ऊर्जा के क्षेत्र में एक देश, एक ग्रिड को भी हमने सफलतापूर्वक पार किया। एक देश, एक मोबिलिटी कार्ड इस व्‍यवस्‍था को भी हमने विकसित किया है। और आज चर्चा चल रही है, “एक देश, एक साथ चुनाव’’। यह चर्चा होनी चाहिए, लोकतांत्रिक तरीके से होनी चाहिए।
    जनसंख्‍या विस्‍फोट: जनसंख्‍या विस्‍फोट हमारे लिए, हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए अनेक नए संकट पैदा करता है लेकिन हमारे देश में एक जागरूक वर्ग भी है, जो इस बात को भली-भांति समझता है। उनके सम्‍मान की आवश्‍यकता है। समाज के बाकी वर्गों को जोड़कर जनसंख्‍या विस्‍फोट की हमें चिंता करनी ही होगी।
    भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद: भ्रष्‍टाचार, भाई-भतीजावाद ने हमारे देश का कल्‍पना से परे नुकसान किया है और दीमक की तरह हमारे जीवन में घुस गया है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसको हमने निरंतर प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए निरस्‍त करने की दिशा में कई कदम उठाए हैं।
    लोगों के जीवन में सरकार का दखल: आजाद भारत का मतलब मेरे लिए यह है कि धीरे-धीरे सरकारें लोगों की जिंदगी से बाहर आएं। ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र हमको बनाना ही होगा। न सरकार का दबाव हो, न सरकार का अभाव हो,लेकिन हम सपनों को लेकर आगे बढ़ें। आसान जीवन आजाद भारत की आवश्यकता है।
    वृद्धिशील प्रगति बनाम हाई जंप: हमारा देश आगे बढ़े, लेकिन वृद्धिशील प्रगति, उसके लिये देश अब ज्यादा इंतजार नहीं कर सकता है, हमें ऊंची छलांग लगानी पड़ेगी।
    आधुनिक ढांचागत विकास: हमने तय किया है कि इस कालखंड में 100 लाख करोड़ रुपया आधुनिक भूमिकारूप व्यवस्था के लिए लगाए जाएंगे, जिससे रोजगार भी मिलेगा, जीवन में भी नई व्‍यवस्‍था विकसित होंगी।
    5 खरब डालर ईकोनोमी: हमने 5 खरब डालर ईकोनोमी का सपना संजोया है। आजादी के 70 साल बाद हम दो खरब डालर ईकोनोमी पर पहुंचे थे, लेकिन पिछले पांच साल के भीतर हम लोग दो खरब से तीन खरब पहुंच गए। इस गति से हम आने वाले पांच साल में 5 खरब डालर ईकोनोमी बन सकते है।
    ग्रामीण विकास और किसानों की आय: आजादी के 75 साल में देश के किसान की आय दो गुनी होनी चाहिए, हर गरीब के पास पक्‍का घर होना चाहिए, हर परिवार के पास बिजली होनी चाहिए, हर गांव में ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क और ब्रॉडबैंड की कनेक्टिविटी हो, साथ ही साथ लंबी दूरी की शिक्षा की सुविधा हो।
    हमारी समुद्री संपत्ति, नीली अर्थव्यवस्था इस क्षेत्र पर हम बल दें। हमारे किसान अन्‍नदाता है, ऊर्जादाता बनें। हमारे किसान, ये भी निर्यातक क्‍यों न बनें। हमारे देश को एक्पोर्ट बढ़ाना ही होगा। हमारा हर जिला एक्पोर्ट हब बनने की दिशा में क्‍यों न सोचें। हिन्‍दुस्‍तान का कोई जिला ऐसा नहीं होगा जहां से कुछ न कुछ एक्पोर्ट न होता हो। मूल्य संवर्धन वाली चीजें दुनिया के अनेक देशों तक निर्यात हों।
    पर्यटन: हमारा देश पर्यटन स्थल के लिए दुनिया के लिए अजूबा हो सकता है। हम सभी देशवासी तय करें कि हमें देश के पर्यटन पर बल देना है। जब पर्यटन बढ़ता है, कम से कम पूंजी ‍निवेश में ज्‍यादा से ज्‍यादा रोजगार मिलता है। देश की इकोनोमी को बल मिलता है। क्या आप तय कर सकते हैं कि 2022 में आजादी के 75 साल पूरे होने के पहले हम अपने परिवार के साथ भारत के कम से कम 15 पर्यटन स्थल पर जाएंगे।
    स्थिर सरकार – भरोसेमंद नीति: जब सरकार स्थिर होती है,नीति पूर्वानुमेय होती है, व्‍यवस्‍थाएं स्थिर होती है तो दुनिया का भी एक भरोसा बनता है। विश्‍व भी भारत की राजनीतिक स्थिरता को बड़े गर्व और आदर के साथ देख रहा है।
    महंगाई और विकास में संतुलन: आज हमारे लिए गर्व का विषय है कि महंगाई को कंट्रोल करते हुए हम विकास दर को बढ़ाने वाले एक महत्‍वपूर्ण समीकरण को ले करके चले हैं।
    अर्थव्‍यवस्‍था: हमारी अर्थव्‍यवस्‍था के बुनियादी बातें बहुत मजबूत हैं। जीएसटी और आईबीसी जैसे सुधार लाना अपने आप में एक नया विश्‍वास पैदा करते हैं। हमारे निवेशक ज्‍यादा कमाएं, ज्‍यादा निवेश करें और ज्‍यादा रोजगार पैदा करें। हम धन रचयिता को आशंका की नजरों से न देखें। उनका गौरव बढ़ना चाहिए और धन सृजन नहीं होगा तो धन का वितरण भी नहीं होगा। अगर धन का वितरण नहीं होगा तो देश के गरीब आदमी की भलाई नहीं होगी।
    आतंकवाद: भारत आतंक फैलाने वालों के खिलाफ मजबूती के साथ लड़ रहा है। आतंकवाद को पनाह, प्रोत्‍साहन और एक्पोर्ट, करने वाली ताकतों को उजागर करने में दुनिया के देशों के साथ मिलकर भारत अपनी भूमिका अदा करें, हम यही चाहते हैं। आतंकवाद को नेस्‍तनाबूद करने में हमारे सैनिकों, सुरक्षा बलों और सुरक्षा एजेंसियों ने बहुत प्रशंसनीय काम किया है। मैं उनको नमन करता हूं।
    भारत के पड़ोसी देश – बांग्लादेश, अफगानिस्‍तान, श्रीलंका आतंकवाद से जूझ रहे हैं। हमारा पड़ोसी और एक अच्‍छा मित्र अफगानिस्‍तान चार दिन बाद 100वीं आजादी का उत्‍सव मनाने जा रहा है। मैं अफगानिस्‍तान के मित्रों को अनेक-अनेक शुभकानाएं देता हूं।
    सैन्‍य सुधार: हमारे देश में सैन्‍य व्‍यवस्‍था, सैन्‍य शक्ति, सैन्‍य संसाधन – उसके सुधार पर लंबे अरसे से चर्चा चल रही है। अनेक सरकारों ने इसकी चर्चा की है। अनेक आयोग बैठे हैं, अनेक रिपोर्ट आई हैं और सारे रिपोर्ट करीब-करीब एक ही स्‍वर को उजागर करते रहे हैं। हमारी पूरी सैन्‍यशक्ति को एकमुश्‍त होकर एक साथ आगे बढ़ने की दिशा में काम करना होगा। जल, थल, नभ में तीनों सेनाएं एक साथ एक ही ऊंचाई पर आगे बढ़ें। आज हमने निर्णय किया है कि अब हम रक्षा कर्मचारियों के प्रमुख – सीडीएस की व्‍यवस्‍था करेंगे और इस पद के गठन के बाद तीनों सेनाओं को शीर्ष स्‍तर पर प्रभावी नेतृत्‍व मिलेगा। हिन्‍दुस्‍तान की सामरिक दुनिया की गति में ये सीडीएस एक बहुत अहम और सुधार तथा बल देने वाला काम है।
    स्‍वच्‍छता अभियान: मैंने इसी लाल किले से 2014 में स्‍वच्‍छता की बात कही थी। कुछ ही सप्‍ताह बाद बापू की 150वीं जयंती, 02 अक्‍तूबर को भारत अपने-आपको खुले में शौच मुक्‍त राष्‍ट्र घोषित कर पाएगा। राज्‍यों, गांवों, नगर पालिकाओं और मीडिया ने स्‍वच्‍छता अभियान को जन-आंदोलन बना दिया।
    प्‍लास्टिक मुक्‍त भारत: मैं एक छोटी-सी अपेक्षा आज आपके सामने रखना चाहता हूं। क्‍या हम इस 02 अक्‍तूबर को भारत को एकल उपयोग प्लास्टिक से मुक्ति दिला सकते हैं। इसके लिए हर नागरिक, नगरपालिकाएं, महानगर-पालिकाएंऔर ग्राम पंचायतें सब मिलकर प्रयास करें।
    मेक इन इंडिया: मेड इन इंडिया प्रोडक्ट, हमारी प्राथमिकता क्यों न होनी चाहिए? हमें सौभाग्यशाली कल के लिये स्थानीय उत्पाद पर बल देना है। देश की अर्थव्यवस्था में भी इसके कारण हम मदद कर सकते हैं।
    डिजिटल भुगतान: हमारा डिजिटल प्लेटफॉर्म बड़ी मजबूती के साथ उभर रहा है, लेकिन हमारे गांव में, छोटी-छोटी दुकानों में भी, हमारे शहर के छोटे-छोटे मॉल में भी हम क्यूं न डिजिटल भुगतान पर बल दें?
    रासायनिक उर्वरकों का उपयोग: हम रासायनिक उर्वरक, कीटनाशक का उपयोग करके धरती के स्‍वास्‍थ्‍य को खराब कर रहे हैं। आजादी के 75 साल होने जा रहे हैं। क्‍या हम 10 प्रतिशत, 20 प्रतिशत, 25 प्रतिशत अपने खेत में रासायनिक उर्वरक को कम करेंगे, हो सके तो मुक्तिकर अभियान चलाएंगे। मेरे किसान मेरी इस मांग को पूरा करेंगे यह मुझे पूरा विश्‍वास है।
    प्रगति के नए आयाम: हमारे देश के प्रोफेशनल्स की आज पूरी दुनिया में गूंज है। हमारा चंद्रयान तेजी से चांद के उस छोर की ओर आगे बढ़ रहा है, जहां अब तक कोई नहीं गया है। आज दुनिया के खेल के मैदानों में मेरे देश के 18 से 22 साल के बेटे-बेटियां हिन्‍दुस्‍तान का तिरंगा झंडा फहरा रही हैं।
    नए लक्ष्‍य: आने वाले दिनों में गांवों में डेढ़ लाख कल्याण केंद्र बनाने होंगे, हर तीन लोकसभा के बीच एक मेडिकल कॉलेज, दो करोड़ से अधिक गरीब लोगों के लिए घर, 15 करोड़ ग्रामीण घरों में पीने का पानी पहुंचाना है। सवा लाख किलोमीटर गांव की सड़के बनानी हैं और हर गांव को ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ना है। 50 हजार से ज्‍यादा नये स्टार्टअप का जाल बिछाना है।
    समता मूलक समाज: भारत के संविधान के 70 साल हो गए हैं। बाबा साहेब अम्‍बेडकर के सपने और यह वर्ष महत्‍वपूर्ण है, गुरू नानक देव जी का 550वां पर्व भी है। आइये, बाबा साहेब अम्‍बेडकर, गुरू नानक देव जी की शिक्षा को ले करके हम आगे बढ़ें और एक उत्‍तम समाज का निर्माण, उत्‍तम देश का निर्माण, विश्‍व की आशाओं-अपेक्षाओं के अनुरूप भारत का निर्माण करें ।

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