नाहन। नकली सोने से नाहन में स्थित आईडीबीआई बैंक से लाखों का लोन लेने के चक्कर में फंसे नाहन शहर के निवासी विकास गौतम और काजल चौधरी को नाहन के मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी ने जमानत पर रिहा करने के आदेश जारी किए हैं जिन्हें 30-30 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी गई है जिन्हें शिमला क्राइम ब्रांच की टीम ने गत दिनों हिरासत में लिया था। उल्लेखनीय है कि नाहन निवासी काजल चौधरी तथा विकास गौतम पर आरोप था कि उन्होंने पीतल पर सोने की परत चढा़ कर आईडीबीआई बैंक से 8.23 लाख रुपये का लोन धोखे से हासिल किया था। खास बात यह है कि इन दोनों पर इस से पहले भी इसी तरह धोखे से पीतल पर सोने की परत चढ़ा कर बैंक से कर्ज लिया था मगर बाद में उस सोने को चैक करने पर पता चला कि बैंक को दिया गया सोना असली था जिस कारण उन पर जो केस किया गया था वह रद्द किया गया। इसी के आधार पर ही इस बार उन्हें जमानत मिल सकी है। हैरानगी की बात तो यह है कि नाहन स्थित बैंक के अधिकारियों ने उन्हें इतना बडा़ कर्ज बिना सोना चैक कराए कैसे दे दिया जबकि बैंक अधिकारी किसी भी स्थानीय विश्वासनीय सुनार को बुलाकर सोने की जांच करा सकते थे। इस पूरे मामले में यह साफ लगता है कि इस में बैंक के बडे़ अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं जो कमीशन के चक्कर में कर्ज देने के समय किसी भी प्रकार की जांच करने की कोशिश ही नहीं करते। इस मामले में क्राइम ब्रांच सोने की जांच करा रही है और अगर यह नकली सोना पाया गया तो इन दोनों की जमानत रद्द भी हो सकती है।
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Saturday, May 10