चंडीगढ़। पंजाब विद्यालय शिक्षा बोर्ड (पीएसईबी) ने पिछले 15 साल में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में अनुत्तीर्ण रहे छात्रों को टेस्ट में फिर से बैठने का ‘सुनहरा’ मौका देने का फैसला किया है। सार्वजनिक सूचना के अनुसार, यह फैसला सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक की 550वीं जयंती के उपलक्ष्य में किया गया है। बोर्ड ने कहा कि वैसे छात्र जो अपनी परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके या किसी कारणवश परीक्षा नहीं दे सके और अगर वे अपने प्राप्तांक में सुधार करना चाहते हैं तो उनके लिये परीक्षा में एक बार फिर बैठने का यह एक सुनहरा मौका है। पीएसईबी उन छात्रों को यह विशेष मौका दे रहा है जो मार्च 2004 के बाद परीक्षा में फिर से बैठ नहीं पाये या किसी एक विषय में अनुत्तीर्ण रहे। अवसर का लाभ लेने के इच्छुक छात्रों के लिये परीक्षा शुल्क 15,000 रुपये तय किया गया है।
परीक्षा शुल्क का विरोधः पंजाब डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने पीएसईबी के भारी भरकम परीक्षा शुल्क की निंदा की है और आरोप लगाया है कि बोर्ड को पैसे की कमी है और वह अपना कामकाज चलाने के लिये ऐसे लोगों से पैसे इकट्ठा करना चाहता है। फ्रंट के महासचिव देविंदर पुनिया ने शुक्रवार को कहा, ‘यह महज व्यवसायीकरण है। चूंकि राज्य सरकार विभागों या बोर्ड को कोई वित्तीय मदद नहीं दे रही है इसलिए पीएसईबी गरीब छात्रों को परीक्षा में शामिल होने की इजाजत देने के नाम पर इतनी बड़ी रकम वसूल कर लोगों पर बोझ डालना चाहता है।’ उन्होंने कहा, ‘पीएसईबी के इस कदम का हम सख्ती से विरोध करते हैं।’
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Wednesday, May 7