शिमला। सितंबर, 2019 का देशभर में पोषण माह के रूप में मनाया जाएगा। इस दौरान कुपोषण की चुनौतियों को दूर करने और समग्र पोषण के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए पोषण अभियान के तहत जन आन्दोलन चलाया जाएगा। राज्य में इस माह के दौरान लोगों को पोषण के महत्व के बारे में जागरूक करने और राज्य सरकार द्वारा बच्चों के लिए चलाई जा रही पोषण सेवाओं, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पूरक पोषण के बारे में अवगत करवाने जैसी गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
यह बात अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय और अधिकारिता निशा सिंह ने आज यहां पोषण माह की तैयारियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि पोषण माह अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक लाभार्थियों को स्वास्थ्य और पोषण की गुणवत्ता में सुधार करना है। इसके लिए नवीन पहल ‘पोषण भागीदारी’ पर ध्यान केंद्रित होगा। पोषण संबंधी मुद्दों को ग्रामीण स्तर पर बढ़ावा देने के लिए ‘पोषण पर चर्चा’ और व्यवहारिक परिवर्तन से निपटने के लिए ‘पोषण चैपाल’ की भी शुरूआत की जा रही है।
इस वर्ष के पोषण माह के दौरान पांच महत्वपूर्ण घटकों पर ध्यान केन्द्रित होगा, जिनमें बच्चे के पहले 1000 दिन, एनीमिया, दस्त, हाथ धोना और स्वच्छता तथा पौष्टिक आहार शामिल हैं।
निशा सिंह ने कहा कि पोषण माह छोटे बच्चों, किशोरियों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बीच पोषण को बढ़ावा देगा। महिला और बाल विकास विभाग ग्रामीण क्षेत्रों और प्रवासी आबादी के बीच स्वास्थ्य और पोषण सेवाओं के विस्तार का प्रयास करने के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में जन आंदोलन गतिविधियों को बढ़ावा देगा।
अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को हाल ही में पोषण अभियान के बेहतर कार्यान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर तीन पुरस्कार मिले हैं। अब राज्य इस संख्या को दस तक ले जाने के लिए प्रयासरत है, जिसके लिए विभाग अधिक उत्साह और ऊर्जा के साथ काम करेगा।
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Saturday, May 10