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    Home»हिमाचल प्रदेश»सरकार पर्यावरण और वन सम्पदा संरक्षण के लिए कृतसंकल्प: जय राम ठाकुर
    हिमाचल प्रदेश

    सरकार पर्यावरण और वन सम्पदा संरक्षण के लिए कृतसंकल्प: जय राम ठाकुर

    By Himachal VartaAugust 31, 2019
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    शिमला। प्रदेश को मिले कैम्पा के तहत 1660 करोड़
    वन मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने आज यहां मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर को क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबन्धन और योजना प्राधिकरण अधिनियम (कैम्पा) के अन्तर्गत मिले 1660.72 करोड़ रुपये का चैक भेंट किया।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि कैम्पा के पास लगभग पिछले 10 वर्षों से लम्बित थी और इस राशि को जल्द से जल्द जारी करने के मामले को कई बार केन्द्र सरकार के समक्ष रखा गया, जिसके परिणामस्वरूप यह राशि प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि इस राशि का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों जैसे वृक्षा रोपण, मृद्धा और जल संरक्षण, वनांे के आधारभूत विकास, वन्यजीव गतिविधियां, स्कूली बच्चों द्वारा वृक्षारोपण, लैंटाना उन्मूलन, बन्दर नसबन्दी जैसे कार्यक्रमों में किया जाएगा तथा कहा कि यह राशि प्रदेश के लोगों को आजीविका प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगी।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की वन सम्पदा, पर्यावरण और हरित आवरण को बढ़ाने के लिए कृतसंकल्प है, जिसके लिए कई कारगर कदम उठाए जा रहे हंै।
    गोविन्द सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री का क्षतिपूर्ति वनीकरण राशि (अकांउट प्रोसिजर) नियम-2018 को संसद में पास करने के लिए आभार व्यक्त किया, जिसके परिणामस्वरूप हिमाचल प्रदेश को इतने लम्बे अन्तराल के बाद इतनी बड़ी राशि जारी हो सकी है।
    उन्होंने कहा कि इस राशि के उचित प्रयोग के लिए तीन समितियों का गठन किया गया है, जिसमें कार्यकारी समिति के प्रमुख, प्रधान वन अरण्यपाल होंगे जो प्रारम्भिक स्तर पर एपीओ का आंकलन करेगी। संचालन समिति जो मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित की गई है, एपीओ को मूल्यांकन के लिए भारत सरकार के अनुमोदन के लिए प्रस्तुत करेगी। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्रबन्ध निकाय की स्थापना की गई है जो इस निधि को विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों पर खर्च करने हेतु नीतिगत निर्णय लेगी।
    मंत्री ने कहा कि अधिनियम के नए प्रावधानों के अन्तर्गत यह राशि समेकित खाते के बजाय सार्वजनिक खाते में जमा की जाएगी और राज्य सरकार को लगभग 100 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष ब्याज के रूप में मिलता रहेगा और यह निधि वित्तीय वर्ष के अन्त में ‘लैप्स’ नहीं होगी।

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