Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • चरस तस्कर को दस साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेड क्रास डे पर प्रधानाचार्य ने प्रकाश डाला
    • पाकिस्तान द्वारा साइबर हमलों के प्रयासों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल पुलिस ने नागरिकों को सर्तक रहने का आग्रह किया।
    • उद्योग मंत्री पांवटा साहिब के राजपुरा में 13 मई को करेंगे ‘‘सरकार गांव के द्वार‘‘ कार्यक्रम की अध्यक्षता
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेस प्रतियोगिता का आयोजन
    • बिजली उपभोक्ता तुरंत बिल‌ जमा कराए नहीं तो कनेक्शन कटे गा
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Friday, May 9
    Himachal Varta
    Home»पंजाब»सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘पोषण माह’ विषय पर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन
    पंजाब

    सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ‘पोषण माह’ विषय पर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन

    By Himachal VartaSeptember 6, 2019
    Facebook WhatsApp

    कुपोषण से मुक्ति के लिए जन-आंदोलन चलाने की ज़रूरत-अरुना चौधरी
    विभिन्न विभागों के बीच तालमेल की ज़रूरत पर दिया ज़ोर
    राज्य भर में सितम्बर महीने को ‘पोषण माह’ के तौर पर मनाया जाएगा
    चंडीगढ़।
    देश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए जन-आंदोलन चलाने की ज़रूरत है जिससे जन्म लेने वाले बच्चों और माताओं को पोष्टिक आहार देने संबंधी जागरूकता पैदा की जा सके। इन विचारों का प्रगटावा पंजाब की सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुना चौधरी ने आज यहाँ ‘राष्ट्रीय पोषण माह’ मनाने सम्बन्धी करवाई गई वर्कशाप के मौके पर किया।
    श्रीमती चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर पोषण माह मनाना बहुत ही अच्छा प्रयास है और इसको जन-आंदोलन के रूप में आगे ले जाने की ज़रूरत है ताकि कुपोषण को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिला तभी सेहतमंद और तंदुरुस्त बच्चे को जन्म दे सकती है, यदि उसको पौष्टिक आहार मिले। उन्होंने कहा कि नया जीवन प्रदान करने वाली माँ को यदि सही भोजन नहीं मिलेगा तो जन्म लेने वाला बच्चा कुपोषण का शिकार हो सकता है। उन्होंने कहा कि कुपोषण वाला बच्चा अपने पूरे जीवन के दौरान हीन भावना का शिकार रहता है और शारीरिक व मानसिक तौर पर समस्याओं का सामना करता है। उन्होंने पोषण माह को सफल बनाने के लिए आमंत्रण देते हुए कहा कि यदी हम तंदुरुस्त और सेहतमंद समाज की सृजना करना चाहते हैं तो हमें गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चों का विशेष ध्यान रखना पड़ेगा।
    श्रीमती राजी पी. श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास ने अपने संबोधन के दौरान ‘पोषण माह’ के उद्देश्यों और ज़रूरतों को प्रमुखता के साथ उभारते हुए कहा कि 8 मार्च, 2018 को राष्ट्रीय स्तर पर यह मुहिम शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि इस मुहिम को सफल बनाने के लिए इसके लक्ष्यों सम्बन्धी स्पष्टता होनी बेहद ज़रूरी है। उन्होंने विस्तारपूर्वक ढंग से कुपोषण से मुक्ति के उपाए साझे किये। उन्होंने कुपोषण से मुक्ति के लिए पाँच सूत्री फॉर्मूले संबंधी जानकारी देते हुए पौष्टिक आहार संबंधी जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया के विभिन्न साधनों द्वारा प्रचार की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।
    श्रीमती गुरप्रीत कौर सपरा, डायरैक्टर, सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग ने राज्य को कुपोषण मुक्त करने के लिए सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास, स्थानीय निकाय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, कौशल विकास, जल सप्लाई और सेनिटेशन, युवा सेवाएं और खेल विभाग और सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के साझे योगदान और आपसी तालमेल पर ज़ोर दिया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों ने पौष्टिक आहार की महत्ता के अलावा अनीमिया (खून की कमी) और डायरीया जैसी बिमारियों को हराने के लिए किए जा रहे प्रयासों संबंधी अपना एक्शन प्लैन पेश किया।
    केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय की ज्वाइंट सचिव श्रीमती अनुराधा चागती ने अपने संबोधन में भारत सरकार के इस अभियान को आम लोगों तक पहुँचाने के लिए आंगनवाड़ी वर्करों को विशेष प्रशिक्षण देने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास पोषण माह के लक्ष्यों को हासिल करने में बेहद सहायक साबित होंगे।
    स. काहन सिंह पन्नू, मिशन डायरैक्टर तंदुरुस्त पंजाब ने अपने विचार साझे करते हुए कहा कि पंजाब राज्य प्राकृतिक की देन से भरपूर है और लोगों को पानी की जांच करवा कर ही आर.ओ. लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि बेवजह आर.ओ. लगाने से लोग मिनरल रहित पानी पी रहे हैं और जिस कारण वह मानसिक और शारीरिक बिमारियों का शिकार हो रहे हैं।
    आज की इस वर्कशॉप के मौके पर सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास विभाग की डिप्टी डायरैक्टर (प्रबंध) श्रीमती दमनजीत कौर की ‘सुपोषण गोद भराई’ की रस्म भी अदा की गई और विभाग का लोगो डिज़ाइन करने के लिए शिरीन हसनैन और अंजलि का सम्मान भी किया गया। इस मौके पर विभाग की अलग-अलग स्कीमों को दर्शाती एक पुस्तिका भी जारी की गई और उपस्थित डेलीगेटों ने पौष्टिक आहार के विषय सम्बन्धी कविताएं और नारे भी लिखे। इसके अलावा परंपरागत पंजाबी खाना बनाने सम्बन्धी एक मुकाबले का आग़ाज़ भी किया गया।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • चरस तस्कर को दस साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेड क्रास डे पर प्रधानाचार्य ने प्रकाश डाला
    • पाकिस्तान द्वारा साइबर हमलों के प्रयासों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल पुलिस ने नागरिकों को सर्तक रहने का आग्रह किया।
    • उद्योग मंत्री पांवटा साहिब के राजपुरा में 13 मई को करेंगे ‘‘सरकार गांव के द्वार‘‘ कार्यक्रम की अध्यक्षता
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेस प्रतियोगिता का आयोजन
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.