
शिमला। सोलन जिले के अर्की जनपद की 21 वर्षीय कुसुम के लिए आज अविस्मरणीय पल था जब वे मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त करने के लिए आज उनसे उनके कार्यालय में मिली।
कुसुम टाइप-1 डायबिटीज से ग्रसित हैं तथा उन्हें दिन में चार से पांच बार इनसुलिन का इंजेक्शन लगाना पड़ता था। एक दिन कुसुम की मुलाकात इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज शिमला की स्नातकोत्तर छात्रा डॉ. रणजीत से हुई जिन्होंने उनका प्रोफाइल बनाकर मुख्यमंत्री राहत कोष से इस निर्धन लड़की को इनसुलिन पम्प लगाने के लिए मुख्यमंत्री से वित्तीय सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने कुसुम के रोग तथा उनकी आर्थिक स्थिति को देखते हुए तुरन्त इलाज के लिए दो लाख रूपये मुख्यमंत्री राहत कोष से स्वीकृत किए जो एक माह के भीतर इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज को प्रदान किए गए और इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग में प्रोफेसर डॉ. जितेन्द्र मोक्टा की देखरेख में कुसुम का इलाज आरम्भ हुआ और उनके शरीर में इनसुलिन पम्प स्थापित किया गया। इस पम्प के उपरान्त अब कुसुम को इंजेक्शन लगाने की आवश्यकता नहीं है और वे सामान्य जीवन जी रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कुसुम के बेहतर स्वास्थ्य पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्हें अपने हाथों से मिठाई भी खिलाई।
कुसुम ने मुख्यमंत्री का इस उदार व सामयिक वित्तीय सहायता के लिए धन्यवाद किया और उन्हें निर्धन व्यक्तियों का सम्बल बनने के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया।
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज के मेडिसन विभाग में प्रोफेसर डॉ. जितेन्द्र मोक्टा ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि प्रदेश सरकार डायबिटीज रोग से ग्रसित निर्धन लोगों को निशुल्क इनसुलिन पम्प उपलब्ध करवाने पर विचार करें तथा सरकारी कर्मचारियों के लिए इस उपकरण के लिए प्रतिपूर्ति की सुविधा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि इस उपकरण के लगाने से डायबिटीज रोगी सामान्य जीवन यापन कर सकते हैं।