शिमला। मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी की अध्यक्षता में आज हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 के प्रारूप को तैयार करने के लिए एक बैठक आयोजित की गई। बैठक के दौरान डाॅ. बाल्दी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिक वाहन नीति-2019 का लक्ष्य प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश को आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करना और सुरक्षित, पर्यावरण के अनुकूल, समावेशी व एकीकृत गतिशीलता प्रदान करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन नीति का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों और भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ राज्य में 2030 तक शत प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों का प्रयोग सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही इस नीति द्वारा पर्यावरण संरक्षण, इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग में तेजी लाना तथा परिवहन की स्थाई प्रणाली को बढ़ावा देना है और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सार्वजनिक व निजी चार्जिंग बुनियादी ढांचे का निर्माण करना है।
उन्होंने बताया कि नीति के तहत आंतरिक दहन इंजन से इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलने के लिए एक अनुकूल वातावरण तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति को सरकारी संस्थाओं द्वारा हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को प्रोत्साहित करने व रोजगार के नए अवसर पैदा करने के लिए तैयार किया जा रहा है।
डाॅ. बाल्दी ने कहा कि नीति का उद्देश्य जनहित में वांछित नीतिगत उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अत्यधिक महत्व की रणनीति विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यह नीति राजकोषीय व गैर राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान कर इलेक्ट्रिक वाहन तकनीक को अपनाने को बढ़ावा देगी। इसके द्वारा भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों द्वारा सार्वजनिक चार्जिंग के बुनियादी ढांचे के लिए अधिसूचित मानकाें के अनुसार इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग के लिए समर्पित बुनियादी ढांचे के निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि निजी चार्जिंग स्टेशन को बढ़ावा देने तथा बुनियादी ढ़ाचा स्थापित करने के लिए व्यवहारिक व्यापार माॅडल विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस नीति के तहत होटल तथा शाॅपिंग माॅल जैसे व्यवसायिक भवनों में चार्जिग स्पाॅट का प्रावधान रखा गया है। पूरे प्रदेश में घरेलू उपयोगकर्ता इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बिजली की घरेलू दर वसूली जाएगी। सार्वजनिक चार्जिंग सुविधा और चार्जिंग स्टेशनों में ‘नाॅन डोमेस्टिक, नाॅन कमर्शियल’ बिजली की दरें लागू होगी। हिमाचल प्रदेश विद्युत नियामक आयोग समय-समय पर इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की बिजली दरों को निर्धारित करने वाला अंतिम प्राधिकरण होगा।
उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड लिमिटेड को मल्टी पर्पज प्रोजेक्ट्स एंड पावर विभाग द्वारा राज्य मंे इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग व्यवस्था स्थापित करने के लिए राज्य नोडल एजेंसी के रूप में नामित किया गया है। राज्य नोडल एजेंसी सार्वजनिक व्यवसायिक चार्जिंग स्टेशनों पर सेवा शुल्कों की दरों को निर्धारित करेंगी। उन्होंने नोडल एजेंसी को प्रमुख मार्गों पर चार्जिंंग स्टेशनों की सम्भावनाओं को तलाशने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नीति का उदेश्य स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देना भी हैै जिसके लिए राज्य सरकार इलेक्ट्रीक वाहनों की बैटरी और संबंधित पुरजों के निर्माण और निपटान के लिए प्रोत्साहन देगी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश औद्योगिक नीति के अनुसार समय-समय पर पात्र उद्यमियों को प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस नीति को लागू करने की प्रक्रिया की निगरानी के लिए जहां वांछित हो वहां प्रक्रिया और रूपरेखा विकसित करने हेतु एक उच्च राज्य स्तरीय समिति का गठन भी किया गया हैै।
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Saturday, April 20