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    हिमाचल प्रदेश

    मुख्य सचिव ने हिम प्रगति पोर्टल के तहत प्रगति कार्यों की सीमक्षा की

    By Himachal VartaOctober 4, 2019
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    शिमला। मुख्य सचिव डाॅ. श्रीकांत बाल्दी ने आज यहां प्रदेश सरकार द्वारा हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापनों के तहत विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि सभी समझौता ज्ञापनों को निवेशकों की समस्याआंे के शीघ्र निपटारे व प्रभावशाली समाधान की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से ‘हिम प्रगति’ पोर्टल के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ग्लोबल इंवेस्टर मीट को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
    डाॅ. बाल्दी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने 8 नवम्बर, 2019 को होने वाली इंवेस्टर्ज मीट में 118 समझौता ज्ञापनों का शुभारम्भ गृह मंत्री अमीत शाह द्वारा करने का लक्ष्य रखा है। इस परियोजना के तहत हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है तथा उन्होंने विभागों को निर्धारित समय अवधि में सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरा करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
    उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विशेष अभियान के तहत निवेशकों को आकर्षित करने के लिए ‘हिम प्रगति’ पोटर्ल का शुभारम्भ किया था, जिसके बेहतर परिणाम रहे है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इंवेस्टर मीट से पूर्व 85,000 करोड़ रुपये के निवेश के लक्ष्य को शीघ्र ही प्राप्त कर लिया जाएगा और अभी तक 75,000 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है।
    उन्होंने शहरी और नगर एवं नियोजन विभाग को निर्देश दिए कि वे उनके द्वारा भूमि विकास को लेकर अनापत्ति प्रमाण पत्र हटाए तथा नए दिशानिर्देशों की अनुपालना करें। उन्होंने कहा कि टीसीपी विभाग द्वारा जारी किए गए अनापत्ति प्रमाण पत्र का कोई औचित्य नहीं है इसीलिए 118 परियोजना प्रस्ताव रिपोर्ट के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह विकासात्मक परियोजनाओं के कार्यान्वयन में अनावश्यक विलम्ब करता है।
    उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को आई.टी. नीति में से आई.टी टाॅवर लगाने के लिए पंचायत से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रक्रिया को सरल किया गया है और सम्बन्धित अधिकारियों से निवेशकों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए है। उन्होंने सम्बन्धित विभागों के नोडल अधिकारियों से निवेशकों के मुद्दों का शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए।
    मुख्य सचिव ने कहा कि पर्यटन, राजस्व तथा उद्योग विभागों की ग्लोबल इंवेस्टर मीट में महत्त्वपूर्ण भूमिका है और उन्होंने सम्बन्धित विभागों को विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं स्थापित करने के लिए ‘लैंड पूल’ बनाने को कहा क्योंकि इन सभी कार्यों, विशेषकर पर्यटन परियोजनाओं के लिए भूमि पहली आवश्यकता है।
    अतिरिक्त मुख्य सचिव आयुर्वेद संजय गुप्ता, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुंडू, प्रधान सचिव शिक्षा कमलेश कुमार पंत, विभिन्न विभागों के सचिव तथा निदेशक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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