शिमला। हिमाचल किसान सभा के नेतृत्व में बागवानों ने आढ़तियों द्वारा बकाया भुगतान न करने, विभिन्न मंडियों में आढ़तियों द्वारा की जा रही गैर कानूनी काट तथा एपीएमसी की लचर प्रणाली को लेकर हल्ला बोला। शिमला जिले के नारकंडा में सैकड़ों बागवानों ने आज चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि बागवानों के पिछले वर्ष व इस वर्ष के आढ़तियों ने जो बकाया भुगतान करना है, उसे तुरंत करवाया जाए। साथ ही बागवानों से गैर कानूनी रूप से की गई काट को तुरंत लौटाया जाए।
हिमाचल किसान सभा के प्रदेश सचिव राकेश सिंघा और जिला सचिव देवकी नंद ने कहा कि पिछले कई वर्ष से प्रदेश की विभिन्न मंडियों में आढ़तियों व अन्य कारोबारियों के द्वारा किसानों व बागवानों के उत्पाद खरीदने के पश्चात उनकी बेची गई फसल का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है। कई आढ़तियों ने तो वर्षों से बागवानों से खरीदे सेब का करोड़ों रुपए का भुगतान नहीं किया है। एपीएमसी का जिम्मा है कि एपीएमसी अधिनियम, 2005 के प्रावधानों को इन मंडियों में सख्ती से लागू करे। आज भी बड़ी संख्या में आढ़ती बिना लाइसेंस के गैर कानूनी तरीके से कारोबार कर रहें हैं लेकिन एपीएमसी इन पर कोई कार्रवाई करने से कतराती है। किसान सभा ने मांग की कि सरकार किसानों व बागवानों के बकाए का जल्द भुगतान करवाए, दोषी आढ़तियों व कारोबारियों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाकर किसानों व बागवानों का भुगतान सुनिश्चित करे तथा किसानों व बागवानों से मंडियों में गैर कानूनी रूप से की गई कटौती को जल्द वापस दिलवाए।
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Saturday, May 4