शिमला। राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि आध्यात्म की शक्ति चरित्र निर्माण के साथ-साथ व्यक्तित्व को ऊंचा कर देती है। चरित्र निर्माण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण संभव है।
राज्यपाल आज शिमला जिले के सुन्नी में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय संस्थान के द्विवार्षिक आध्यात्मिक सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें अपनी प्राचीन गौरवमयी संस्कृति को समझना होगा। हमारे ऋषि-मुनियों ने योग का ज्ञान दिया। योग जीवन जीने की क्रिया है। प्राचीन काल में यह जीवन शैली का एक प्रमुख अंग था। लेकिन, समय के साथ-साथ हम अल्ट्रा माॅडर्न के नाम पर अपने गौरवशाली ज्ञान को ही भूल गए। मन, बुद्धि और शरीर को स्वस्थ रखने में योग की अहम् भूमिका है। योग प्रभाव से मन में शुद्ध, सात्विक और शक्तिशाली विचार चलने लगते हैं और जब विचार श्रेष्ठ होते हैं तो कर्म भी श्रेष्ठ होते हैं।
श्री दत्तात्रेय ने कहा कि देश तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है। भारत दुनिया का सबसे युवा राष्ट्र है। आज सबसे जरूरी है कि युवाओं की शक्ति को रचनात्मक दिशा प्रदान की जाए। मेरा मानना है कि जब युवाओं के विचार सकारात्मक होंगे तो उन्नति की राह में कुछ भी बाधक नहीं हो सकता है। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय संस्थान सामाजिक चेतना और राष्ट्र विकास में अच्छा कार्य कर रहा है। उन्होंने आग्रह किया कि यह संस्थान हिमाचल को स्वच्छ, प्लास्टिक मुक्त और अधिक हराभरा बनाने में भी अपना योगदान दे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर ब्रह्माकुमारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर, हैदराबाद से आई ब्रह्माकुमारी अंजली बहन ने राज्यपाल का स्वागत किया और अध्यात्म को लेकर संस्थान की गतिविधियों की जानकारी दी।
ब्रह्माकुमार रेवा दास ने राज्यपाल का स्वागत किया और अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माऊंट आबु के वरिष्ठ राजयोगी श्री प्रकाश ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
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Saturday, June 28