सिरमौर। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण तथा रूलक संस्था देहरादून द्वारा महिलाओं को कानूनी जागरूक करने हेतू एक तीन दिवसीय कानूनी साक्षरता पर प्रशिक्षण जिला सिरमौर के पांवटा साहिब एवं ग्राम पंचायत भगानी में 30 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं में कानूनी जागरूकता व कानूनी अधिकारों की जानकारी का संचार करने तथा निवारण तंत्र के समबन्ध में जानकारी उपलब्ध कराना था। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरमोर के सचिव बसंत कुमार जी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए महिलाओं को विभिन्न कानूनी अधिकारों की जानकारी जैसे निशुल्क विधिक सहायता, मौलिक अधिकार व महिलाओं से सम्बन्धित अन्य कानूनी अधिकारों की जानकारी दी।
मेयर, पांवटा साहिब श्रीमति कृष्णा धीमान ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार को महिलाओं की सुरक्षा हेतू सख्त कानून बनाने चाहिएं तथा उन्होनें महिलाओं का अपने कानूनी अधिकारों को जानने एवं उनका उपयागे करने को कहा।
रूलक संस्था देहरादून के अध्यक्ष, पद्मश्री सम्मानित अवधेश कौशल ने महिलाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ‘‘हिमाचल प्रदेश के सभी जिलों में कानूनी जागरुकता प्रशिक्षण के उपरान्त एक राज्य स्तरीय खुलामंच का आयोजन किया जाएगा जिसमें 600 महिलाएं हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश के समक्ष अपनी समस्याएं साझा करेगीं’’। उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘महिलाओं के लिए बहतु से कानून बनाए गए हैं परन्तु जानकारी के अभाव में वह उनका लाभ नही ले पाती हैं।’’
इस कार्यक्रम मे घरेलू हिंसा से सम्बन्धित कानून, सूचना का अधिकार अधिनियम हिन्दू विवाह अधिनियम तथा संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानकारी उपलब्ध करायी गयी तथा कार्यक्रम के अन्त में महिला फोरम का गठन किया गया जिसमें महिलाओं ने बढ़ चढ़कर कर हिस्सा लिया। इस फोरम की महिला उषा देवी, रीना देनी एवं जसविन्दर आदि ने कहा कि जो जानकरी उनको इस कार्यक्रम में प्राप्त हुई है उसको वह लोग अन्य महिलाओं को जानकारी देकर लाभान्वित करेगी।
Saturday, April 20