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    चण्डीगढ़

    साईबर क्षेत्र के माहिरों द्वारा साइबरस्पेस को सुरक्षित रखने हेतु ऑनलाइन जानकारी सांझी करने के मौके पर सचेत रहने का न्योता

    By Himachal VartaDecember 15, 2019
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    ‘स्पाईमास्टरज़ और साईबर इंटेलिजेंस इन वॅार एंड पीस’ विषय पर हुई चर्चा ने साईबर सुरक्षा के कई अछूते पक्षों पर प्रकाश डाला
    चंडीगढ़। सरकारी और प्राईवेट समेत लगभग सभी क्षेत्र साईबर हमले के सुरक्षा खतरे में हैं और आपकी जानकारी (डाटा) को बचाने का एकमात्र रास्ता है साइबरस्पेस पर इसके (डाटा) के शेयररिंग की मात्रा को सीमित करना। विचार पैनलिस्टों द्वारा शनिवार को ‘स्पाईमास्टरज़ और साईबर इंटेलिजेंस इन वॉर एंड पीस’ विषय पर विचार-विमर्श किया गया।
    इस विचार-चर्चा की शुरुआत करते हुये रॉ के पूर्व डायरैक्टर के.सी वर्मा ने कहा कि साईबर हमले से हुए नुकसान भविष्य में किसी भी देश के लिए जंग के दौरान होने वाले अधिक से अधिक नुकसान का स्रोत बन जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि दूसरी प्रौद्योगिकियों में से साईबर इंटेलिजेंस भी उभर रही प्रौद्योगिकियों के शिखर पर है।
    लेफ्टिनेंट जनरल संजीव लंगैर ने दावा करते हुये कहा कि सभी कंप्यूटर साईबर हमलावरों की निगरानी अधीन हैं और बम्बई स्टॉक एक्सचेन्ज (बी.एस.ई) भारत में सबसे अधिक खतरे में है जिससे आम नागरिकों के पैसे को भी ख़तरा बना रहता है।
    पूर्व अतिरिक्त् सचिव जयदेव रानेडे ने कहा कि साईबर इंटेलिजेंस ने जासूसी और संचार में नये पहलू जोड़ दिए हैं और यह डाटा की सुरक्षा में संवेदनशीलता को भी बढ़ाता है। उन्होंनेे कहा कि हमले के बाद भी हमलावरों की पहचान और हमले के मकसद का पता लगाना आसान नहीं होता। उन्होंने आगे कहा कि अमरीका में एक साईबर हमले के केस में भी चीन से सम्बन्धित साईबर हमलावरों का पता लगाने में लगभग 2 साल का समय लग गया था।
    प्रसिद्ध पत्रकार रितु सरीन ने कहा कि विभिन्न सरकारी विभागों पर लगातार साईबर हमले हो रहे हैं और मई 2019 तक कुल 24 विभागों को निशाना बनाया गया है। उन्होंने बताया कि सरकारी क्षेत्रों के अलावा, जानी मानी निजी वेबसाइटें और वट्सऐप समेत कई ऐपलीकेशनें हाल ही में साईबर हमलों से बचें हैं। उन्होंने बताया कि साईबर हमले के शिकार हुए लगभग 120 भारतीयों की सूची भी भारत के नागरिकों के लिए एक चेतावनी है क्योंकि वट्सऐप ने ख़ुद माना है कि हमलावरों द्वारा उनके निजी डाटा तक पहुँच की गई थी।
    श्रीमती सरीन ने आगे कहा कि भारत हार्डवेयर का बहुत बड़ा हिस्सा खासकर चीन से आयात करता है जो इस सम्बन्ध में चिंता का विषय भी है। उन्होंने कहा कि भारत में रक्षा से जुड़े हमलों ने सरकार के लिए चेतावनी दी है और इस मुद्दे की गंभीरता का हवाला देते हुये सरकार की तरफ से एक नयी साईबर नीति तैयार की गई है जो जल्द ही अमल में आयेगी।

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