शिमला। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राजस्व विभाग ने राज्य में आपदा प्रबंधन के लिए बेहतर तैयारी व प्रतिक्रिया के लिए युवा स्वयंसेवियों की टाॅस्क फोर्स बनाने की योजना आरम्भ की है। इस योजना के तहत प्रभावी आपदा न्यूनीकरण के लिए हर पंचायत में कम से कम 10-15 स्वयंसेवियों के काडर का गठन कर उन्हें प्राथमिक चिकित्सा, खोज एवं बचाव कार्य के जीवनरक्षक कौशल का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। राज्य में प्राकृतिक आपदाओं जैसे भूकंप और भूस्खलन इत्यादि से निपटने के लिए स्थानीय स्तर पर युवा स्वयंसेवियों की टाॅस्क फोर्स बनाने के लिए राज्य सरकार के दृष्टि दस्तावेज में भी प्रावधान है।
प्रतिभावान युवाओं को स्वयंसेवी बनाने के प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षण के दौरान 200 रुपये प्रतिदिन मानदेय का प्रावधान किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान स्वयंसेवियों को वास्तविक दरों के अनुसार यात्रा प्रतिपूर्ति, दोपहर का भोजन भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षित स्वयंसेवियों को आपदा प्रतिक्रिया, बचाव व पुनर्वास इत्यादि गतिविधियों के दौरान सेवाएं प्रदान करने के लिए सम्बन्धित जिला प्रशासन द्वारा भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार अदायगी की जाएगी। जिला प्रशासन द्वारा यह अदायगी आपदा प्रतिक्रिया के लिए उनके पास उपलब्ध निधि से की जाएगी। प्रशिक्षित स्वयंसेवियों का डाटाबेस तैयार किया जाएगा और इसे नियमित रूप से अपडेट भी किया जाएगा। इन स्वयंसेवियों के लिए नियमित रूप से पुनश्चर्या कोर्स व प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
आपातकालीन व आपदा की परिस्थितियों के दौरान इन स्वयंसेवियों की सेवाओं को बेहतरीन तरीके से इस्तेमाल करने के लिए काफी समय से चर्चा की जा रही थी। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत गठित राज्य आपदा प्रबंधन कमेटी ने इस विषय पर चर्चा कर यह सुझाव दिया कि सिविल डिफेंस एक्ट के तहत उप-मण्डाधिकारियों और प्रधानों को सशक्त किया जाए ताकि स्वयंसेवियों का प्रबंधन इस प्रणाली के तहत किया जा सके।
हिमाचल प्रदेश सरकार के गृह विभाग ने वर्ष 1975 जिला दण्डाधिकारियों/आयुक्तों को उनके सम्बन्धित जिलों में नागरिक सुरक्षा नियंत्रक और होम गार्ड के कमाडेंटों को उप-नियंत्रक अधिसूचित किया है। हाल ही में गृह विभाग ने दो अधिसूचनाएं जारी कर नागरिक सुरक्षा के सदस्यों के पंजीकरण तथा ग्राम पंचायत के प्रधान को नागरिक सुरक्षा का वार्डन नियुक्त करने के लिए उपमण्डल स्तर पर उपमण्डाधिकारी को शक्तियां प्रदान की है।
हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की यह योजना जिलों में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा कार्यन्वित की जा रही है। इसके तहत राज्य की 3226 पंचायतों में स्वयंसेवी तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अगले तीन वर्षों में राज्य में 48390 प्रशिक्षित स्वयंसेवी होंगे।
इन सभी स्वयंसेवक का जिला स्तर पर डाटाबेस तैयार किया जाएगा तथा उसे नियमित रूप से भी अपडेट किया जाएगा ताकि आपदा, सड़क दुर्घटना और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों के दौरान उनकी सेवाएं ली जा सके। इससे आपदा और आपातकालीन समय के दौरान जमीनी स्तर पर निपटने की राज्य की क्षमता में और बढ़ौतरी होगी।
नागरिक सुरक्षा संरचना के इस प्रयास को पंचायत स्तर तक ले जाया जाएगा।
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Wednesday, April 24