शिमला। आबकारी एवं कराधान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि 18 दिसंबर, 2019 को आयोजित जीएसटी परिषद् की 38वीं बैठक में करदाताओं को जीएसटीआर-1 के बैकलाॅग को समाप्त करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक बार के उपाय के रूप में 10 जनवरी 2020 तक देर से शुल्क माफी की घोषणा की थी जिसे जुलाई 2017 से नवंबर 2019 तक दायर नहीं किया गया है।
प्रवक्ता ने कहा कि इस छूट के दृष्टिगत, करदाताओं से आग्रह किया गया है कि जीएसटीआर-1 के किसी भी प्रकार के बैकलाॅग को 10 जनवरी, 2020 तक दूर किया जाए। अगर करदाता इस अवसर का उपयोग करने में विफल होते हैं तो जीएसटीआर-1 दाखिल नहीं करने पर 50 रुपये प्रति दिन का विलंब शुल्क जो अधिकतम 10 हजार रुपये होगा, वसूला जाएगा।
उन्होंने कहा कि सरकार उन करदाताओं के लिए ई-वे बिल की सुविधा अवरुद्ध करने पर विचार कर रही है जिन्होंने दो टैक्स अवधि के लिए अपना फार्म जीएसटीआर-1 दायर नहीं किया है। उन्होंने कहा कि प्राप्तकर्ताओं से कहा गया है कि वे अपने आपूर्तिकर्ताओं से आग्रह करें कि अपने जीएसटीआर-1 समय पर दर्ज करें।
प्रवक्ता ने कहा कि चालान या डेबिट नोट के संबंध में प्राप्तकर्ता को इनपुट टैक्स क्रेडिट जो उसके फार्म जीएसटीआर-2ए में परिलक्षित नहीं होता है, चालान या डेबिट नोट के संबंध में उपलब्ध पात्र क्रेडिट के 10 प्रतिशत तक सीमित होगा, जो उनके फार्म जीएसटीआर-2ए में परिलक्षित होता है।
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Wednesday, April 24