Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • चरस तस्कर को दस साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेड क्रास डे पर प्रधानाचार्य ने प्रकाश डाला
    • पाकिस्तान द्वारा साइबर हमलों के प्रयासों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल पुलिस ने नागरिकों को सर्तक रहने का आग्रह किया।
    • उद्योग मंत्री पांवटा साहिब के राजपुरा में 13 मई को करेंगे ‘‘सरकार गांव के द्वार‘‘ कार्यक्रम की अध्यक्षता
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेस प्रतियोगिता का आयोजन
    • बिजली उपभोक्ता तुरंत बिल‌ जमा कराए नहीं तो कनेक्शन कटे गा
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Saturday, May 10
    Himachal Varta
    Home»देश»प्रधानमंत्री ने 107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया
    देश

    प्रधानमंत्री ने 107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्घाटन किया

    By Himachal VartaJanuary 3, 2020
    Facebook WhatsApp

    नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज, बेंगलुरु में 107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) का उद्घाटन किया।
    अपने उद्घाटन संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘भारत की विकास गाथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र की उपलब्धियों पर निर्भर है। भारतीय विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवोन्मेष के परिदृश्य में क्रान्तिकारी बदलाव की आवश्यकता है।’
    उन्होंने कहा, ‘युवा वैज्ञानिक देश की पूंजी हैं और उनके लिए मेरा संदेश है- नवोन्मेष, पेटेंट, उत्पादन और समृद्धि।’ इन चारों कदमों से भारत का तेजी से विकास होगा। ‘लोगों के लिए और लोगों के द्वारा नवोन्मेष हमारे न्यू इंडिया की नीति है।’
    श्री मोदी ने कहा, ‘न्यू इंडिया को प्रौद्योगिकी और तार्किक मनोदशा की जरूरत है ताकि हम अपने सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों को एक नई दिशा प्रदान कर सकें।’ उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ऐसी स्थिति का निर्माण करते हैं, जहां अवसर सभी के लिए उपलब्ध होते हैं और यह समाज को एकता के सूत्र में पिरोने की भूमिका भी निभाता है।
    प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विकास से सस्ते स्मार्ट फोन और डाटा उपलब्ध हैं। सभी लोग इस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं, जबकि कुछ वर्षों पहले तक यह सुविधा गिने-चुने लोगों तक ही सीमित थी। आम आदमी अब यह भरोसा करने लगा है कि वह सरकार से अलग नहीं है। वह सरकार से सीधे रूप से जुड़ सकता है और अपनी आवाज सरकार तक पहुंचा सकता है।’
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करते हुए कहा कि उन्हें ग्रामीण विकास के क्षेत्र में कार्य करना चाहिए, जहां किफायती और बेहतर नवोन्मेष के लिए अनेक अवसर मौजूद हैं।
    107वें भारतीय विज्ञान कांग्रेस की थीम – ‘विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी : ग्रामीण विकास’ के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि केवल विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के कारण ही सरकार के कार्यक्रम जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे हैं।
    प्रधानमंत्री श्री मोदी ने रेखांकित करते हुए कहा कि विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा किए गए विज्ञान और इंजीनियरिंग प्रकाशन की संख्या के आधार पर भारत का दुनिया में तीसरा स्थान है। ‘मुझे जानकारी दी गई है कि विशेषज्ञों द्वारा समीक्षा किए गए विज्ञान और इंजीनियरिंग प्रकाशनों के संदर्भ में भारत तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इस मामले में देश 10 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रहा है, जबकि वैश्विक औसत 4 प्रतिशत का है।’
    उन्होंने कहा कि नवोन्मेष सूचकांक में भी भारत की स्थिति बेहतर हुई है और देश 52वें स्थान पर है। सरकारी कार्यक्रमों के द्वारा पिछले पांच वर्षों के दौरान जितने इन्क्यूबेटर निर्माण किए गए हैं, उतना पिछले 50 वर्षों में नहीं हुआ था।
    प्रधानमंत्री ने कहा कि सुशासन के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है। कल हमारी सरकार ने 6 करोड़ लाभार्थियों को पीएम-किसान कार्यक्रम के तहत किस्त जारी किए। यह केवल आधार सक्षम तकनीक के कारण संभव हुआ। इसी तरह शौचालय निर्माण और गरीबों को बिजली आपूर्ति में प्रौद्योगिकी ने सहायता प्रदान की। जियो टैगिंग और डाटा साइंस की तकनीक के कारण ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की कई परियोजनाएं समय पर पूरी हुईं।
    प्रधानमंत्री ने कहा, ‘हम विज्ञान कार्यों की सुगमता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे हैं और लालफीताशाही को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी का प्रभावी तरीके से उपयोग कर रहे हैं।’
    उन्होंने जोर देते हुए कहा कि डिजिटलीकरण, ई-कॉमर्स, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग सेवाएं ग्रामीण लोगों को प्रभावी ढंग से सहायता प्रदान कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के कई पहलों विशेषकर किफायती कृषि एवं खेत से उपभोक्ता तक आपूर्ति श्रृंखला नेटवर्क के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग किया जा सकता है।
    प्रधानमंत्री ने सभी से आग्रह किया कि उन्हें पराली को जलाना, भू-जल स्तर को बनाए रखना, संचारी रोग की रोकथाम, पर्यावरण अनुकूल परिवहन आदि के लिए प्रौद्योगिकी समाधान ढूंढ़ने चाहिए। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में विज्ञान और प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
    इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आई-एसटीईएम पोर्टल का भी शुभारंभ किया।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • चरस तस्कर को दस साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेड क्रास डे पर प्रधानाचार्य ने प्रकाश डाला
    • पाकिस्तान द्वारा साइबर हमलों के प्रयासों में वृद्धि को देखते हुए हिमाचल पुलिस ने नागरिकों को सर्तक रहने का आग्रह किया।
    • उद्योग मंत्री पांवटा साहिब के राजपुरा में 13 मई को करेंगे ‘‘सरकार गांव के द्वार‘‘ कार्यक्रम की अध्यक्षता
    • डीएवीएन पब्लिक स्कूल ददाहू में रेस प्रतियोगिता का आयोजन
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.