शिमला। हिमाचल प्रदेश की खेती को जहरमुक्त करने व स्वास्थ्यवर्धक बनाने के लिए प्रदेश के किसान सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना को अपना रहे हैं जिसमें प्रदेश की महिलाएं अग्रणी भूमिका निभा रही हैं। बड़े पैमाने पर लोग एकल रूप में और स्वयं सहायता समूह बनाकर प्राकृतिक विधि से हरी सब्जियों व अन्य फसलों को उगाने लगे हैं। प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश की 3226 पंचायतों में से 2664 पंचायतों में योजना को लागू किया जा चुका है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती के लिए 44325 किसानों को प्रशिक्षित किया गया है, जिसके लिए विभिन्न स्थानों पर लगभग 1031 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। निर्धारित 50 हजार किसानों के लक्ष्य के मुकाबले 39124 किसान प्रदेश में प्राकृतिक खेती को कर रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर लगभग 1650 हेक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती की जा रही है। जिला मंडी के करसोग क्षेत्र के पांगणा गांव ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। गांव के लगभग 20 कृषक परिवारों की महिलाएं सब्जी उत्पादन कार्य से जुड़ी हैं। जिला शिमला की घैणी व पाहल पंचायत की महिलाओं ने प्राकृतिक सब्जियां उगाने के लिए विलेज आर्गेनाइजेशन हिमालय संस्था का गठन किया है। घैणी पंचायत में 8 स्वयं सहायता समूह गठित किए गये हैं। समूहों से जुड़ी महिलाएं अपने-अपने खेतों में प्राकृतिक विधि से हरी सब्जियां उगा कर अपने समूह के माध्यम से ही मार्केट में लोगों को उपलब्ध भी करवा रही हैं।
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Saturday, April 20