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    Home»हिमाचल प्रदेश»भारत के 732 जिलों में जिला सिरमौर को प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन में मिला दूसरा स्थान
    हिमाचल प्रदेश

    भारत के 732 जिलों में जिला सिरमौर को प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन में मिला दूसरा स्थान

    By Himachal VartaJanuary 10, 2020
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    उपायुक्त सिरमौर को 12 जनवरी को दिल्ली में किया जाएगा सम्मानित

    उपायुक्त सिरमौर के प्रयास को भारत सरकार ने नवाजा पॉलीथीन के बेहतर निष्पादन के लिए देष में प्राप्त हुआ दूसरा स्थान।

    नाहन। भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार भारत के 732 जिलों मे जिला सिरमौर को प्लास्टिक कचरे के बेहतर निष्पादन के लिये दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। 12 जनवरी, 2020 को उपायुक्त सिरमौर डा. आर.के. परूथी को उनके प्लास्टिक कचरा प्रबन्धन के अनूठे प्रयास के लिए भारत सरकार द्वारा नई दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा।
    भारत सरकार ने वर्ष 2019 में स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के अंतगर्त सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल न करने के लिये मुहिम छेडी थी जिसके तहत पॉलीथीन के निष्पादन के लिए बेहतर प्रयास करने वाले चार जिलो को राष्ट्रीय स्तर पर चुनकर सम्मानित करना था जिसमे ंआज जिला सिरमौर को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
    उपायुक्त सिरमौर डा. आर.के. परूथी ने बताया कि 13 जुलाई, 2019 को जिला में पॉलीथीन के कचरे के निष्पादन के लिए मुहिम की शुरूआत हुई जिसके अंतगर्त अभी तक 9000 किलोग्राम से अधिक पॉलीथीन एकत्रित किया जा चुका है और 20 हजार से अधिक पॉलीब्रिक्स बनाये जा चुके है। जिनके माध्यम से जिला के विभिन्न क्षेत्रो में पोली बेन्च, पॉली दिवार, पॉली टॉयलट, व फलावर पॉट इत्यादि बनाकर लोगो को स्वच्छता के प्रति जागरूक किया जा रहा है।
    उन्होने कहा कि यह सम्मान जिला सिरमौर के लिए गर्व की बात है। और यह सम्मान जिला वासियों व प्रशासन को स्वच्छता के क्षेत्र मे अधिक कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा। उन्होने जिला के सभी शिक्षण सस्ंथानों के छात्र-छात्राओं, सभी पंचायतों, स्ंवय सहायता समूहों, सभी युवक मण्डलों व जिला के सभी अधिकारियों व कर्मचारियो को प्लास्टिक के निष्पादन और पॉलीब्रिक्स बनाकर जिला को स्वच्छ करने और इस सम्मान के लिए उनके सहयोग का धन्यवाद किया
    उन्होंने कहा कि जिला के जो लोग अभी तक इस मुहिम से नही जुड पाये है वह भी जल्दी से जल्दी जुडे ताकि जिला सिरमौर को पूरे देश में पहला पॉलीथीन मुक्त जिला बना सके।
    उन्होने बताया कि जिला सिरमौर को 6 जून, 2020 तक पूर्णता स्वच्छ बनाना हमारा लक्ष्य है, जिसके लिए उन्होंने सभी पंचायतों, महिला मण्डलों, नव युवक मण्डलों, स्वयं सहायता समूहों से प्रशासन का सहयोग करने का आहवान किया। उन्होंने सभी पंचायतों से सिंगल यूज पॉलीथीन का इस्तेमाल न करने, पॉलीथीन बैंग की जगह कपड़े के बैंग इस्तेमाल करने, प्लास्टिक के कचरे से पालीब्रिक्स बनाने तथा कचरे को अलग-अलग कर निष्पादित करने की अपील की।
    उपायुक्त सिरमौर ने कहा कि यदि आप आज सुन्दर गांव या सुन्दर शहर की कल्पना करते हैं तो कम से कम प्लास्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए और अपने बच्चों को भी इसके कम से कम इस्तेमाल करने के बारे मे भी जागरूक करना चाहिए ताकि वह इस्तेमाल की गई चीजों को इधर-उधर ना फैके और स्वच्छता के प्रति उनके व्यवहार में बदलाव आये।
    उन्होंने बताया कि जिला में पॉलीथीन के निष्पादन के लिये दो मुहिम चलाई गई है जिसमें ‘एक दिन स्कूल के नाम’ स्वच्छता कार्यक्रम पहले चरण के तहत, 879 स्कूलों के 27976 छात्रों ने 1825 किलोग्राम से अधिक पॉलिथीन एकत्र किया, 310 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई की और 631 पॉलीब्रिक्स बनाए।
    इसी प्रकार, अभियान के दूसरे चरण के तहत, 1152 स्कूलों के 52,042 छात्रों ने 3500 किलोग्राम से अधिक पॉलिथीन इकट्ठा किया और 605 किलोमीटर क्षेत्र में सफाई की व 3766 स्थानीय निकायों के सदस्यों की मदद से 4804 पॉलीब्रिक्स बनाए। इसी प्रकार जिले के 2031 स्कूलों के कुल 80,018 छात्रों ने अब तक 5325 किलोग्राम पॉलीथिन एकत्र किया है, लगभग 916 किलोमीटर क्षेत्र की सफाई की और 5435 पॉलीब्रिक्स बनाए।
    इसी के तहत दूसरी मुहिम में पूरे जिला वासियों को सम्मलित करने के लिए ‘एक दिन पंचायत के नाम’ स्वच्छता कार्यक्रम की शुरूआत की गई है। इस अभियान में ज़िला कि सभी 228 पंचायतें भाग लेगी और 1278 महिला मण्डल 1504 वार्डों को पूर्णता पॉलीथीन मुक्त करने की दिशा में कार्य कर रही है। इसमें ज़िला के सभी युवक मण्डल, स्वंय सहायता समूह भी इस अभियान में शामिल है। जोकि हर माह के पहले रविवार को अपने-अपने वार्डों में सफाई कर एकत्रित पॉलीथीन से वार्डों में पालीब्रिक्स बनाकर पॉली बैंच, पॉली शौचालय, फ्लावर पोट आदि बनाकर पॉलीथीन का निष्पादन करेगी।
    उपायुक्त ने बताया कि इस अभियान का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को पूर्णता पॉलीथीन मुक्त करना है और लोगों को पॉलीथीन का इस्तेमाल न करने के बारे में जागरूक करना है और स्वच्छता के प्रति लोगों के व्यवहार में परिर्वतन लाना है।

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