जीरो वेस्ट टूरिस्ट सेंटर आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
केवल महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा शी-हाट
नाहन। जिला सिरमौर के पच्छाद विकास खण्ड के बाग पशोग में बनने वाला प्रदेश का पहला शी-हाट महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त तथा सक्षम बनाने के साथ-साथ पर्यटन व जिला की समृद्व संस्कृति को बढ़ावा देने में मिल का पत्थर साबित होगा। इसके अतिरिक्त शी-हाट में बनने वाले जीरो वेस्ट भवन से पर्यावरण का भी संरक्षण होगा जोकि जिला प्रशासन का जून, 2020 तक पर्यावरण को पूरी तरह स्वच्छ बनाने के लक्ष्य की उपलब्धि में कारगर साबित होगा।
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पच्छाद विकास खण्ड के बाग पशोग पंचायत भवन में शी-हाट का शिलान्यास सांसद लोक सभा सुरेश कश्यप तथा विधायक पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र रीना कश्यप द्वारा संयुक्त रूप से गत दिवस किया गया। उन्होंने बताया कि शी-हाट में केवल महिलओं द्वारा ही संचालित होगा। इसके लिए शुरूआती चरण में 25 महिलाओं का चयन किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस शी-हाट में महिलाओं द्वारा तैयार किए गए पारम्परिक उत्पादों को प्रदर्शित करने के अतिरिक्त उनके विपणन की सुविधा के लिए भी मंच उपलब्ध होगा। उन्होंने बताया कि इस भवन में डूने-पत्तल बनाने की मशीन, बनुाई मशीन, सिलाई मशीन व आटा चक्की की मशीन स्थापित की जाएगी। इस शी-हाट में कपड़े के थैले, पत्तों से बने डूने-पत्तल, स्वेटर के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार की सामग्री प्रर्दशन व विक्रय हेतु उपलब्ध होगी। उन्होंने बताया कि शी-हाट में यात्रियों के लिए नाश्ता, दोपहर तथा रात्री भोजन में पारम्परिक पकवान उपलब्ध करवाएं जाएंगे। इसके अतिरिक्त शी-हाट में पारम्परिक परिधान विक्रय के लिए उपलब्ध होंगे, जिससे जिला की समृद्व संस्कृति को भी पहचान मिलेगी। इस शी-हाट में रियायती दरों पर अतिथियों के लिए ठहरने की व्यवस्था भी उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि इस शी-हाट में एक जीरो वेस्ट भवन बनेगा जो सौर ऊर्जा से कार्य करेगा, जिसमें रूफ टॉप रेन हार्वेस्टिंग, प्लास्टिक कचरे से पॉलीब्रिक्स तथा गीले कचरे से खाद व बायोगैस के प्रबंधन का प्रावधान होगा। उन्होंने बताया कि इसमें छोटे बायोगैस संयत्र को चलाने के लिए रसोई व शौचालय के कचरे का उपयोग किया जाएगा जिससे रसोई के लिए आवश्यक ईंधन प्राप्त होगा। यह जीरो वेस्ट टूरिस्ट सेंटर आधुनिक किंचन, शौचालय, कैफे व वाई-फाई सुविधा से लैस होगा। इस सेंटर मंे अधिकतर ऐसी वस्तुओं का प्रयोग किया जाएगा जो रिसाइकल हो सके और इनका पर्यावरण के उपर भी कोई दुष्प्रभाव नही पड़ेगा।
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Thursday, April 18