लैपटॉप चार्जर में शॉर्ट सर्किट के बाद लगी आग
3 लड़कियों की जलकर मौत, 1 ने कूदकर जान बचाई
चंडीगढ़। चंडीगढ़ में शनिवार को सेक्टर 32 के एक घर में आग लगने से 3 लड़कियों की मौत हो गई। जबकि 2 लड़कियों को घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के अनुसार सेक्टर-32डी स्थित मकान नंबर 3325 में शाम 3.50 बजे करीब पहली मंजिल पर अचानक आग लग गई। चंडीगढ़ के पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी युवतियों की उम्र 19-22 साल थी। वे सेक्टर 32 की इमारत की पहली मंजिल पर पेइंग गेस्ट रह रही थीं। पुलिस ने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए 4 दमकल की गाड़ियों को भेजा गया। प्रशासन मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ। यह गाडियां सेक्टर 17 और 32 के फायर स्टेशन से भेजी गई थीं। आग सेक्टर 32 के एक पीजी की पहली मंजिल में लगी है। प्रारम्भिक जांच के बाद बताया गया कि लैपटॉप चार्जिंग के दौरान शार्ट सर्किट से आग लगी है। हालांकि अभी भी जांच जारी है। तीनों लड़कियों को सेक्टर-32 अस्पताल ले जाया गया है। जहां इन्हें मृत घोषित कर दिया गया। तीनों की उम्र 20 से 22 साल बताई जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे में तीनों मृतक लड़कियों की पहचान हो गई है। पंजाब के कपूरथला निवासी रिया, दूसरी लड़की पंजाब के कोटकपूरा की रहने वाली पाक्षी और तीसरी की पहचान हरियाणा के हिसार निवासी मुस्कान के तौर पर हुई है। गंभीर रूप से झुलसने वालों में जैसमीन और फामिना शामिल हैं। जैसमीन पंजाब के मोगा, जबकि फामिना हरियाणा के फतेहाबाद की रहने वाली है। उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार घर का मालिक गौरव अनेजा सेक्टर 32 में हलवाई की दुकान चलाता है और सेक्टर 30 में अपने परिवार के साथ रहता है। मौके पर पाए गए एक केयरटेकर को पुलिस ने पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।
हादसे में मरने वाली प्राक्षी कोटकपूरा शहर के सट्टा बाजार निवासी नवदीप ग्रोवर की बेटी थी। बताया जा रहा है वह डीएवी कालेज में मेडिकल ग्रुप में 12वीं कक्षा की टॉपर रह चुकी है। वह चंडीगढ़ में एसडी कालेज की छात्रा थी।
इस स्थल के आसपास रह रहे लोगों ने बताया कि इस पीजी में लगभग 25 बच्चों के रहने की व्यवस्था है, लेकिन अभी यहां चार-पांच लड़कियां ही रह रही थीं। सम्भावना व्यक्त की जा रही है कि आग लैपटॉप की बैटरी फटने के कारण लगी है। कमरे में लकड़ी का सामान अधिक होने के कारण उसने आग पकड़ ली और चंद में मिनटों में आग ने लड़कियों को अपनी चपेट में ले लिया। घटना के समय पीजी केयरटेकर और घरेलू सहायिका भी घर में मौजूद थीं। आग की लपटों में घिरते ही दोनों बाहर भागे। उनके मुताबिक पीजी में आजकल 15-20 छात्राएं रह रही थीं, लेकिन घटना के दौरान अधिकांश मौजूद नहीं थी।
अवैध रूप से चल रहा था पीजी
बताया जा रहा है कि यह पीजी रजिस्टर्ड नहीं है। यहां अवैध रूप से पीजी चलाया जा रहा था। यह चंडीगढ़ प्रशासन के साथ पंजीकृत पेइंग गेस्ट आवास के रूप में पंजीकृत नहीं था। पुलिस और चंडीगढ़ प्रशासन अभी तक इस संबंध में यह कह कर जवाब नहीं दे रहे हैं कि मामले की जांच चल रही है।
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Saturday, May 10