प्राधिकरण का उद्देश्य जरूरतमद लोगों को निःशुल्क कानूनी सहायता प्रदान करना
नाहन। देश के हर नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए तभी वह अपने व अपने परिवार को किसी भी प्रकार के शोषण से बचा सकते है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हर जिला में एक न्यायिक अधिकारी नियुक्त किया जाता है जो लोगों को निःशुल्क कानून संबंधी सहायता प्रदान करता है ताकि आर्थिक अभाव के कारण कोई व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।
यह जानकारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नाहन श्री बसन्त वर्मा ने ग्राम पंचायत अश्याडी के टिम्बी में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में दी।
इस अवसर पर उन्होने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उददेश्य जरूरतमंद लोगों को कानूनी सलाह व मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम न होने की वजह से बहुत से लोग आज भी अपने अधिकारों हेतु न्यायालय तक नही पहूंच पाते है जिस कारण वह न्याय से वंचित रह जाते है। इसके मद्देनजर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरमौर द्वारा इस तरह के विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर उन सभी जरुरतमंद लोगों, महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछडा वर्गों तथा गरीब परिवारों व सामान्य वर्ग के लोग, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख से कम हो, को यह सुविधा प्रदान की जा रही है। कोई भी जरुरतमंद सादे कागज पर विधिक साक्षरता प्राधिकरण को आवेदन कर निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।
उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिक, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो तथा सभी वर्गो के ऐसे महिला व पुरूष जिनकी सालाना आय 3 लाख से कम हो या वह एचआईवी या एड्स से पीड़ित हो, ऐसे सभी व्यक्ति भी सादे कागज पर विधिक साक्षरता प्राधिकरण को आवेदन कर निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है।
इससे पूर्व अधिवक्ता नीलम चौहान द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम, माता-पिता बच्चे व महिला के भरण पोषण पर खर्चें संबंधी कानूनी की जानकारी प्रदान की गई।
इस मौके पर तहसील कल्याण विभाग से आए राकेश शर्मा ने इस विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं व पेंशन सम्बन्धी योजनाओं की जानकारी दी।
इस शिविर में ग्राम पंचायत अश्याडी की प्रधान चमेली देवी, पैरा लीगल वालंटियर आशा चौहान, सीडीपीओ विभाग से सुपरवाईजर गीता, बीडीओ विभाग से सुरेन्द्र शर्मा, पुलिस विभाग से एसएचओ मस्त राम सहित संबंधित ग्रामवासी भी उपस्थित थे।
नाहन। देश के हर नागरिक को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहना चाहिए तभी वह अपने व अपने परिवार को किसी भी प्रकार के शोषण से बचा सकते है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा हर जिला में एक न्यायिक अधिकारी नियुक्त किया जाता है जो लोगों को निःशुल्क कानून संबंधी सहायता प्रदान करता है ताकि आर्थिक अभाव के कारण कोई व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।
यह जानकारी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नाहन श्री बसन्त वर्मा ने ग्राम पंचायत अश्याडी के टिम्बी में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में दी।
इस अवसर पर उन्होने बताया कि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण का मुख्य उददेश्य जरूरतमंद लोगों को कानूनी सलाह व मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि आर्थिक रूप से सक्षम न होने की वजह से बहुत से लोग आज भी अपने अधिकारों हेतु न्यायालय तक नही पहूंच पाते है जिस कारण वह न्याय से वंचित रह जाते है। इसके मद्देनजर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सिरमौर द्वारा इस तरह के विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन कर उन सभी जरुरतमंद लोगों, महिलाओं, बच्चों, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति व अन्य पिछडा वर्गों तथा गरीब परिवारों व सामान्य वर्ग के लोग, जिनकी वार्षिक आय तीन लाख से कम हो, को यह सुविधा प्रदान की जा रही है। कोई भी जरुरतमंद सादे कागज पर विधिक साक्षरता प्राधिकरण को आवेदन कर निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकता है।
उन्होने बताया कि इसके अतिरिक्त वरिष्ठ नागरिक, जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक हो तथा सभी वर्गो के ऐसे महिला व पुरूष जिनकी सालाना आय 3 लाख से कम हो या वह एचआईवी या एड्स से पीड़ित हो, ऐसे सभी व्यक्ति भी सादे कागज पर विधिक साक्षरता प्राधिकरण को आवेदन कर निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है।
इससे पूर्व अधिवक्ता नीलम चौहान द्वारा घरेलू हिंसा अधिनियम, माता-पिता बच्चे व महिला के भरण पोषण पर खर्चें संबंधी कानूनी की जानकारी प्रदान की गई।
इस मौके पर तहसील कल्याण विभाग से आए राकेश शर्मा ने इस विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं व पेंशन सम्बन्धी योजनाओं की जानकारी दी।
इस शिविर में ग्राम पंचायत अश्याडी की प्रधान चमेली देवी, पैरा लीगल वालंटियर आशा चौहान, सीडीपीओ विभाग से सुपरवाईजर गीता, बीडीओ विभाग से सुरेन्द्र शर्मा, पुलिस विभाग से एसएचओ मस्त राम सहित संबंधित ग्रामवासी भी उपस्थित थे।