
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्योतिष एक प्राचीन विज्ञान है, जिसमें ग्रह, नक्षत्र और खगोलीय पिंडों के बारे में बहुत सटीक गणनाएं करके प्रामाणिक जानकारियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि वेदों को ज्योतिष की छठी आंख कहा गया है और भारतीय ऋषि-मुनियों व मनीषियों ने ज्योतिष पर कई महत्वपूर्ण ग्रंथ लिख कर इस विधा को और समृद्ध किया है।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रसन्नता व्यक्त की कि साहित्य की विभिन्न विधाओं में सृजन के अलावा गुरमीत बेदी ने तीन दशक के अपने व्यापक शोध के बाद अपनी इस पुस्तक में ज्योतिष को लेकर फैली अनेक भ्रांतियों का निराकरण करके इसे एक संपूर्ण विज्ञान साबित करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा ज्योतिष विषय पर लगातार शोध होना चाहिए ताकि विश्व भारत की इस गौरवपूर्ण विरासत से लाभान्वित हो सके। उन्होंने इस विषय पर शोध करने के लिए गुरमीत बेदी को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि वह भविष्य में भी इस विषय पर अपना अध्ययन और शोध जारी रखेंगे।
गुरमीत बेदी हिमाचल प्रदेश सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में उप निदेशक हैं और चंडीगढ़ स्थित प्रेस संपर्क कार्यालय में तैनात हैं। इस शोध पुस्तक में उन्होंने विभिन्न ग्रहों की प्रकृति और मानव जीवन पर उनके प्रभाव का विस्तार से वर्णन किया है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में गुरमीत बेदी ने 9 पुस्तकें व तीन उपन्यास लिखे हैं। उन्हें हिमाचल अकादमी सहित देश-विदेश के कई पुरस्कार मिल चुके हैं और उनकी रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद हुआ है। उनके कविता संग्रह ‘मेरी ही कोई आकृति’ का जर्मन कवयित्री रोजविटा ने जर्मनी में भी अनुवाद किया है।
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने पिछले महीने इस पुस्तक का विमोचन किया था। गुरमीत बेदी ज्योतिष पर शोध पुस्तक लिखने वाले पहले हिमाचली लेखक भी हैं। दिल्ली के प्रमुख पब्लिशर भावना प्रकाशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है।