नाहन। हिमाचल के पूर्व मुख्य मंत्री एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री शांता कुमार ने आज यहां पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 1975 में पूरे भारत वर्ष में आपतकालीन की घोषणा ही उस समय की प्रधान मंत्री इन्द्रा गान्धी की अवैध थी जिस कारण देश के सभी विपक्ष के नेताओं को जेल में जबरन ठोंस दिया। उन्होने कहा कि उस समय अटल बिहारी वाजपाई के सााथ कई अन्य नेताओं को भी जेल में डाला गया जिन में कर्मचारी संगठनो के अतिरिक्त पत्रकार भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह समय एक बहुत ही दुखद समय था और सभी कानूनों को ताक पर रख कर किसी भी प्रकार की कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाने वालो का गला घोटने के बराबर थी। उन्होंने कहा कि वह इस समय 85 साल की आयु में चल रहा हूं और अपनी इस लम्बी आयु में 19 महीने एक स्थान पर कभी नहीं बताए जबकि आपतकालीन ने यह भी कर के दिखा दिया और वह भी एक ही नाहन के जेल के कमरे में जिसे वह पूरी आयु कभी भुला नहीं सकेंगे। उन्होंने कहा कि आपातकालीन समय एक प्रकार की लोक तंत्र की हत्या ही माना जा सकता है क्योंकि जीने के अधिकार का कानून ने् सभी को दिया है। जय राम ठाकुर के द्वारा पेश किए गए बजट पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि जो बजट उन्होने इस बार पेश किया है वह सभी वर्गों के लिए बहुत ही उत्तम माना जा सकता है और सभी के लिए लाभदायक होगा। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण कोई अलग जात नही है बल्कि ब्राह्मण वही है जो ब्रम को जानता है।
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Thursday, March 28