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    Home»पंजाब»कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा कोविड-19 से कमज़ोर वर्गों को पेश मुश्किलें घटाने के लिए केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग
    पंजाब

    कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा कोविड-19 से कमज़ोर वर्गों को पेश मुश्किलें घटाने के लिए केंद्र से वित्तीय पैकेज की मांग

    By Himachal VartaMarch 23, 2020
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    एम.एस.एम.ई., कारोबारी उद्यमों और संगठित और ग़ैर-संगठित कामगारों के लिए मोदी और सीतारमन को लिखे पत्र
    एम.एस.एम.ई., पर्यटन एवं आतिथ्य सैकटरों और स्वास्थ्य सुरक्षा और फ़ार्मा में दखलअन्दाज़ी के लिए वित्तीय एक महीना बढ़ाने के लिए कहा
    राष्ट्री खाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत मिलता अनाज दोगुना करके तुरंत बाँटने की अपील
    चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कोविड -19 के कारण राज्य में कारोबारी सैक्टर, दैनिक वेतन भोगी गरीब कामगारों और बुरी तरह प्रभावित कमज़ोर वर्गों को पेश मुश्किलें घटाने के लिए केंद्र सरकार से व्यापक वित्तीय पैकेज की माँग की है।
    एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को विस्तृत माँग पत्र सौंपते हुए कारोबारी उद्यमों, सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों (एम.एस.एम.ई.) के साथ-साथ संगठित और ग़ैर-संगठित कामगारों के लिए भारत सरकार से आर्थिक मदद की अपील की है।
    स्थिति के तत्काल मुल्यांकन के आधार पर मुख्यमंत्री ने सबसे बुरी तरह प्रभावित सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों और पर्यटन एवं आतिथ्य सैकटरों के अलावा स्वास्थ्य सुरक्षा और फार्मा सैक्टरों में बड़ी दखलअन्दाज़ी को ध्यान में रखते हुए 31 मार्च से 30 अप्रैल तक वित्तीय वर्ष में तुरंत विस्तार करने की माँग की। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एक्ट -2013 अधीन हर महीने प्रति व्यक्ति मिलते पाँच किलो अनाज को दोगुना करके 10 किलो किया जाये और इसको तुरंत बँटा जाना चाहिए।
    ग्रामीण विकास मंत्रालय अधीन चल रहे सभी कार्यों को स्थगित करने की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने मनरेगा कामगारों को मेहनताना देने के लिए कहा क्योंकि उनको मनरेगा एक्ट रोजग़ार के मेहनताना की गारंटी दी जाती है। यह मेहनताना राष्ट्रीय स्तर पर स्वास्थ्य ऐमरजैंसी ख़त्म हो या उनके 100 दिन पूरे हो जो भी पहले हो, तक दिया जाये। उपरोक्त मनरेगा कामगारों के लिए 15 दिनों के लिए 53 करोड़ की राशि की ज़रूरत है।
    प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि चाहे पंजाब सरकार कोविड -19 के साथ उभरी चुनौतियों के साथ निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है परन्तु यह महसूस किया जाता है कि इस स्थिति के साथ आर्थिक प्रभाव और गहराता जा रहा है। उन्होंने श्री मोदी को समस्या के साथ आने वाली आर्थिक कठिनाईयों को सुलझाने के लिए राज्य के प्रस्तावों पर गौर करने के लिए कोविड -19 इकनौमिक रिस्पांस टास्क फोर्स को सलाह देने के लिए कहा।
    श्रीमती सीतारमन को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने कहा कि बहुत कमज़ोर वर्गों और व्यापार, कारोबार, उद्योग और कृषि और बेशक गरीब दिहाड़ीदारों को उदार रूप में मदद की ज़रूरत है जिससे कोरोनावायरस के फैलाव के साथ पड़े बुरे प्रभाव से इनकी सभी नहीं तो कम से कम कुछ मुश्किलों का हल तो निकल सके। उन्होंने श्री मोदी को कोविड -19 इकनौमिक रिस्पांस टास्क फोर्स के प्रमुख होने के नाते राज्य सरकार के प्रस्तावों को विचारने की अपील की जिससे समस्या के साथ पैदा हुई आर्थिक उथल -पुथल को घटाया जा सके।
    राज्य सरकार की तरफ से पेश किये प्रस्तावों में औद्योगिक कर्जों पर ब्याज की दर 2 प्रतिशत घटाने, पैट्रोलियम, डीज़ल और सहायक उत्पादों पर एक्साईज और वैट में कम से -कम 25 प्रतिशत कटौती जिससे पेट्रोल और डीज़ल की कीमत 9-10 रुपए तक कम हो सके, एम.एस.एम.ई. की वित्तीय ज़रूरतों की पूर्ति के लिए 25000 करोड़ रुपए का विशेष फंड, प्रभावित समय के लिए कर्जों/सी.सी. लिमिटों पर ब्याज माफ करने, जी.एस.टी. रिटर्नों की आखिरी तारीख़ में विस्तार करना और पी.एफ. और ई.एस.आई.सी. में मालिक के योगदान की अदायगी का समय बढ़ाना शामिल है।
    राज्य सरकार की तरफ़ से मुख्यमंत्री द्वारा सौंपे मैमोरंडम के मुताबिक पर्यटन और होटल, एविएशन, मैनुफ़ेक्चरिंग जैसे सबसे बुरी तरह प्रभावित सैकटरों को आने वाले समय में फिर से उभारने और पैरों पर खड़ा करने के लिए तीन प्रतिशत ब्याज पर आर्थिक सहायता की माँग की। इसी तरह इस समय के दौरान सरहदी जिलों में स्थित औद्योगिक ईकायों के लिए केंद्र के हिस्से का जी.एस.टी. घटाने या छूट देने के साथ-साथ गेहूँ का आटा, दूध और चावल जैसी ज़रूरी वस्तुओं के लिए भाड़ा सब्सिडी की माँग की जिससे कोविड -19 के साथ पैदा हुए मौजूदा संकट के साथ निपटा जा सके।
    एम.एस.एम.ई. के लिए विशेष तौर पर ज़ोर देते हुए राज्य सरकार ने टैक्स वसूली के लिए बिना किसी मुकद्मे के तीन महीने टालने का सुझाव दिया। बैंकों को उपभोक्ताओंं और कारोबारियों के लिए कजऱ्े /महीनावार किश्त (ई.एम.आई.) में 6-12 महीनों की मोहलत दी जानी चाहिए। पंजाब सरकार ने एम.एस.एम.ई. सैक्टर के लिए और सुझाव देते हुए एन.पी.ए. नियमों में ढील देने के साथ-साथ वेतन पर स्टाफ को रखने के लिए अस्थायी वेतन सब्सिडी का सुझाव दिया।
    इस नाजुक समय में एम.एस.एम.ईज़ को समर्थन देने के लिए अन्य सुझाओं में राज्य सरकार ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि अगर औद्योगिक / व्यापारिक संस्था लाजि़मी तौर और बंद की जाती हैं, तो एमएसएमई यूनिट की तरफ से मुलाज़ीम को अदा की जाना वाली तनख़्वाह का 1/3 हिस्सा भारत सरकार को अदा करना चाहिए इस वायरस की रोकथाम में सहायक वस्तुओं जैसे कि मास्क, प्रोटैक्टिव सूट, वैंटीलेटर आदि बनाने वाली इकाईयों के लिए तुरंत प्रभाव से लिबरल ओवरड्राफ्ट की सुविधा की आज्ञा होने सम्बन्धी प्रस्ताव भी पेश किया गया है।
    स्टार्टअप्ज़ के लिए राज्य सरकार ने टैक्स लाभ के साथ-साथ लिए गए कर्जों की किश्त वापसी सम्बन्धी अगले 6 महीनों की राहत देने की माँग की है। इसके अलावा स्टार्टअप्प इंडिया मिशन और बैंकों के द्वारा अतिरिक्त मुक्त लोन की माँग के साथ-साथ विशेष राहत पैकेज बायोटैक क्षेत्र और हैल्थटैक क्षेत्र को भी देने की वकालत की गई।
    गंभीर हैल्थकेयर क्षेत्र में प्रयोग योग्य विभिन्न वस्तुओं की सप्लाई को यकीनी बनाने की माँग करते हुए मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि निकट भविष्य में आयात और वितरण सम्बन्धी ढांचे को राहत दी जाये जिससे किसी किस्म की दवाओं के लिए कच्चे माल की कमी से निपटा जा सके।
    उन्होंने दवाओं की कालाबाज़ारी और जमाखोरी को रोकने के लिए प्राईस मॉनीटरिंग और रिसर्च यूनिट स्थापित करने की माँग करते हुए कहा कि इससे ड्रग प्राईसिंग कंट्रोल ऑर्डर अधीन ज़रूरी दवाओं के मूल्य सम्बन्धी किए जाने वाले उल्लंघन को पकड़ा जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि फार्मा क्षेत्र के लिए सब्सिडी ज़रुरी केमिकल खरीदने के लिए दी जानी चाहिए जिससे बड़े स्तर पर दवाओं का उत्पादन किया जा सके और चीन से दवाओं के आयात को घटाया जा सके। इसके अलावा नये फार्मा पाक्र्स और विशेष राहत उन इकाईयों को दी जाये जोकि ज़रूरी दवाएँ तैयार कर रहे हैं और यह दवाएँ तैयार करने में जिनका ख़र्च बढ़ गया है।
    उन्होंने हौजऱी क्षेत्र के लिए राहतों की माँग करते हुए कहा कि इस क्षेत्र के साथ सम्बन्धित उद्योग को अगले दो तीन महीनों के लिए पहले से चल रहे कर्जों जो कि उत्पादन और निर्यात के लिए लिए गए थे, और ब्याज माफ कर दिया जाये और जी एस टी पेमेंट भी कुछ समय के लिए टाल दी जाये।
    पयर्टन और आतिथ्य क्षेत्र पर पड़े बड़े बुरे प्रभाव को लेकर उन्होंने सुझाया कि सेल्फ-असेसमेंट टैक्स वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए टैक्स अदा करने की तारीख़ और आयकर अदा करने की तारीख़ 30.9.2020 कर दी जाये। उन्होंने अगले 12 महीनों के लिए पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र को जीएसटी मुक्त करने की भी वकालत की। इसके अलावा बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं से लिए गए कर्जों पर बनते मूल राशि के मासिक ब्याज से भी छूट देने की माँग की।
    राज्य सरकार ने इसके साथ ही पर्यटन एवं आतिथ्य क्षेत्र के दूसरे हिस्सेदारों, जिनमें टैक्सी चालक, फ्रीलांस टूर गाईड, अन-रजिस्टर्ड टूर ऑपरेटर, ढाबे वाले, रैस्टोरैंट, रेहड़ी वाले शामिल हैं, के लिए भी एकमुश्त सहायता की माँग की है क्योंकि यह भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
    उड्डयन के क्षेत्र के लिए पंजाब सरकार ने एयर नेविगेशन सर्विस चार्जिज़ कोविड -19 के प्रभाव वाले समय (कम-से-कम 6 महीने) 100 प्रतिशत माफ किये जाएँ। इसके अलावा यह भी माँग की गई कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया भी निजी एयरपोर्ट ऑप्रेटरज़ के साथ 6 महीने के अस्थायी समय के लिए ठेका देने सम्बन्धी गतिविधियां करने की भी वकालत की।
    ऑटोमोबाईल क्षेत्र के लिए राहतों की माँग करते हुए जीएटी रेट 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने और कोविड -19 के प्रभाव ख़त्म होने के बाद क्षेत्र में फिर जान फूँकने के लिए मार्च 2020 के लिए बनती राशि टालने की भी बात कही।
    इसके अलावा उन्होंने निर्यातकों के लिए राहतों की माँग करते हुए पैकेजिंग क्रेडिट के लिए कजऱ्े जोकि उत्पादन या जो वस्तु निर्यात करने के लिए खऱीदी गई है के लिए तय दिनों में 180 से 270 दिन का विस्तार करने की माँग की और उनके लिए भी राहत की माँग की जहाँ निर्यात किये माल सम्बन्धी अदायगी प्राप्त नहीं हुई / कम प्राप्त हुई या राशि फंस गई है, के लिए भी उपरोक्त राहत की माँग की। इसके अलावा अन्य कजऱ् सुविधा, एसएमए /एनपीए में ज़रूरत के अनुसार राहत देने और निर्यात किये गए माल सम्बन्धी की जाने वाली अदायगी के लिए भी 9-15 महीने का विस्तार देने की वकालत की।
    मुख्यमंत्री ने ईरान को चावल एक्सपोर्ट करने की वकालत करते हुए कहा कि खेती आधारित वस्तुएँ जिनमें कृषि /एग्री-प्रोसेसिंग /पशु पालन /मीट प्रोसेसिंग आदि शामिल हैं, पर लागू जीएसटी रेट में कटौती की जाये और भाड़े को घटाने की माँग की।

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