चंडीगढ़। कोविड-19 संकट के चलते पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजग़ार गारंटी कानून (मगनरेगा) के अधीन पड़े बकाए की देनदारियों का तुरंत निपटारा करने के लिए केंद्र से वित्तीय सहायता की माँग की है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने पंजाब में मगनरेगा वर्करों की बाकाया पड़ी देनदारियों का मुद्दा उठाया। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्रीय मंत्री को इस बात से अवगत करवाया कि 24 मार्च, 2020 तक राज्य के 1.30 लाख के करीब वर्करों की 84 करोड़ रुपए की देनदारियां बकाया पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना दिहाड़ी मिले इन मगनरेगा वर्करों द्वारा अपना गुज़ारा करना बहुत मुश्किल है, ख़ासकर तब जब कोविड-19 के कारण कफ्र्यू लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में हुई तालाबन्दी के दौरान इन लाभपात्रियों को रोजग़ार के नए मौके भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं।
इस नाजुक स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से अपील की कि वह यह अति अपेक्षित राहत देते हुए बिना किसी देरी के देनदारियों का निपटारा कर दें जिससे यह लाभपात्री अपने परिवारों का गुज़ारा कर सकें।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने यह भी बताया कि तुरंत फंड जारी करने से राज्य को मौजूदा स्थिति से निपटने में भी कुछ मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में पंजाब ने शुरुआती समय में मंज़ूर 200 लाख व्यक्तिगत दिहाड़ियों के श्रम बजट का लक्ष्य पूरा किया था और मंत्रालय ने श्रम बजट बढ़ाकर 234 लाख व्यक्तिगत दिहाड़ियों तक कर दिया था। 24 मार्च, 2020 तक राज्य ने 230 लाख व्यक्तिगत दिहाड़ियों बनाईं और सामग्री के भुगतान के लिए 120 करोड़ रुपए की देनदारियां भी बाकाया पड़ी हैं।
मुख्यमंत्री ने श्री तोमर से अपील की कि सारी वित्तीय देनदारियां निपटाने के लिए राज्य को और राजस्व की मदद के रूप में ज़रूरत है जिस कारण इस सम्बन्धी उपयुक्त वित्तीय सहायता जल्द से जल्द मुहैया करवाई जाए।
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Saturday, May 10