चंडीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दैरान सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करें। इसी कड़ी में, सभी जिलों में पीडीएस के तहत वितरित किए जाने वाले राशन की आपूर्ति 5 अप्रैल तक सभी डिपो में पहुंचाना सुनिश्चित करें और राशन के वितरण के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अवश्य किया जाए।
श्रीमती अरोड़ा आज यहां वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं।
बैठक में मुख्य सचिव को अवगत करवाया गया कि बाजारों में आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त उपलब्धता है। इसके अलावा, नई दिल्ली के बाजार से दाल और सरसों तेल की आपूर्ति श्रृंखला भी शुरू हो गई है। बैठक में यह भी बताया गया कि एलपीजी सिलेंडर की उपलब्धता सुनिश्चित करने और रिफिल की भी उचित व्यवस्था की गई है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रत्येक जिले में पीपीई किट की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें और इसके लिए कपड़ा उद्योगों के साथ समन्य स्थापित करके पीपीई किट बनाने की संभावनाएं तलाशी जाएं तथा इनका निर्माण जल्द से जल्द करवाया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि इन किटों के बनने के बाद चिकित्सा मानकों के अनुसार इनकी जांच करवाना भी सुनिश्चित किया जाए।
कोविड-19 की ड्यूटी में शामिल डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और स्वास्थ्य सेवाओं में लगे सभी कर्मचारियों के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इन सभी कि सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाए और इसके लिए आवश्यक चिकित्सा उपकरण, पीपीई किट, मास्क, सैनेटाइजऱ की वर्तमान में उपलब्धता और आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि निजी लैब के लिए पर्यवेक्षक अधिकारी तुरंत प्रभाव से तैनात किए जाएं। उन्होंने कहा कि टेली-मेडिसिन और मोबाइल ओपीडी की सुविधा कुछ जिलों में शुरू हो गई है शेष जिलों में भी यह सुविधा तुरंत शुरू की जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्लम क्षेत्रों में रहने वाले सभी लोगों पर कड़ी निगरानी रखी जाए और उनकी थर्मल स्कैनिंग की जाए ताकि कोरोना को फैलने से रोका जा सके।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने के साथ-साथ सुरक्षा की दृष्टि से इन वस्तुओं को लाने वाले ड्राइवरों और कंडक्टरों की हरियाणा में प्रवेश करते समय थर्मल स्कैनिंग की जाए।
उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि प्रवासी मजदूरों के आवागमन पर पूरी तरह से रोक लगाई जाए और अंतर जिला सीमाओं पर विशेष तौर पर नजर रखी जाए तथा ऐसे सभी प्रवासियों को प्रदेशभर में स्थापित ‘रिलीफ कैंपों’ में रखा जाए।
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Saturday, May 10