Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • राष्ट्र रक्षा के लिए कालिस्थान‌ मंदिर में डा बिंदल‌‌ द्वारा यज्ञ का आयोजन
    • आतंक के खिलाफ लंबी लड़ाई, एकता ही बड़ा हथियार: मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक
    • आदर्श अस्पताल संगड़ाह पर करोड़ों खर्च के बाद भी डॉक्टर और सुविधाओं का टोटा
    • केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि खाद्यान्न संकट जैसी कोई स्थिति नहीं : उपायुक्त
    • मातृ दिवस पर करियर अकादमी स्कूल में आयोजित हुए कार्यक्रम
    • चरस तस्कर को दस साल का कठोर कारावास व एक लाख रुपए जुर्माना की सजा
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Saturday, May 10
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»कोरोना के खिलाफ कर्मवीर बन रही बहन-भाईयों की तिकड़ी, घर पर बुजुर्ग मां…
    हिमाचल प्रदेश

    कोरोना के खिलाफ कर्मवीर बन रही बहन-भाईयों की तिकड़ी, घर पर बुजुर्ग मां…

    By Himachal VartaApril 13, 2020
    Facebook WhatsApp

    नाहन। प्रदेश में कोरोना के खिलाफ धरातल पर जंग लड़ रहे कर्मवीरों  को आज देश ने पलकों पर बिठा रखा है। इसमें सफाई कर्मचारियों से लेकर अस्पताल स्टाफ व पुलिस अहम भूमिका में हैं। आपको बताना चाहेंगे, शहर में एक परिवार ऐसा भी है, जिसके पांच में से तीन सदस्य कोरोना के खिलाफ अपना दायित्व बखूबी निभा रहे हैं।

    आप यह जानकर अवश्य ही नीतू नारनोल की प्रशंसा करेंगे कि जब परवाणु में कोरोना का संकट गहरा रहा था तो वो डयूटी के लिए मुस्तैदी से डट गई। एक भाई अरुण नारनोल मेडिकल कॉलेज में पैरा मेडिकल स्टाफ में अपने कर्त्तव्य को बखूबी निभा रहा है। इसी कॉलेज में अब तक करीब-करीब 50 सैंपल लिए जा चुके हैं। एक पॉजिटिव भी आया है। बावजूद इसके हौंसले में कमी नहीं है। आधी रात को भी एमरजेंसी में डयूटी को तैयार रहता है। परिवार का दूसरा बेटा अश्वनी नारनोल अपनी सेवाएं पुलिस महकमे को दे रहा है। वो भी बखूबी यह जानता है कि चाहे कर्फ्यू को लागू करने की बात हो या फिर कोरोना पॉजिटिव पाए गए पेशेंट को अस्पताल पहुंचाना हो, डयूटी तो करनी ही पड़ेगी।

    उल्लेखनीय है कि ट्रैफिक कर्मी अर्जुन की भी एक ऐसी दिल को छू देनी वाली दास्तां सामने आई थी, जब उन्हें अपने नवजात बेटे के अंतिम संस्कार से ही सामाजिक दूरी बनानी पड़ी थी। आप यह भी सोच रहे होंगे कि आखिर तीन बहन-भाईयों के डयूटी पर तैनात रहने के दौरान घर पर कौन होता है तो बुजुर्ग मां को कर्मवीरों के परिवार को भी संभालना पड़ता है। पिता प्रेम कुमार अब इस दुनिया में अपने बच्चों को इस तरीके से डयूटी निभाते देखने के लिए मौजूद नहीं हैं। दिवंगत पिता जेल महकमे से हैड वार्डर के पद से सेवानिवृत हुए थे।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • राष्ट्र रक्षा के लिए कालिस्थान‌ मंदिर में डा बिंदल‌‌ द्वारा यज्ञ का आयोजन
    • आतंक के खिलाफ लंबी लड़ाई, एकता ही बड़ा हथियार: मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक
    • आदर्श अस्पताल संगड़ाह पर करोड़ों खर्च के बाद भी डॉक्टर और सुविधाओं का टोटा
    • केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया कि खाद्यान्न संकट जैसी कोई स्थिति नहीं : उपायुक्त
    • मातृ दिवस पर करियर अकादमी स्कूल में आयोजित हुए कार्यक्रम
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.