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    Home»हरियाणा»हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने अच्छी गुणवत्ता के सूती कपड़े के मास्क तैयार करने पर की कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की पहल एवं प्रयासों की सराहना
    हरियाणा

    हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने अच्छी गुणवत्ता के सूती कपड़े के मास्क तैयार करने पर की कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की पहल एवं प्रयासों की सराहना

    By Himachal VartaApril 22, 2020
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    चण्डीगढ़। हरियाणा की मुख्य सचिव श्रीमती केशनी आनंद अरोड़ा ने अच्छी गुणवत्ता के सूती कपड़े के मास्क तैयार करके जिला प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों को नाममात्र मूल्य पर उपलब्ध करवाने की कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग की पहल एवं प्रयासों की सराहना की है।
    कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक श्री राकेश गुप्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य सचिव को आज उनके कार्यालय में विभिन्न औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के क्राफ्ट अनुदेशकों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न डिजाइन के मास्क भेंट किए गए। मुख्य सचिव ने तुरंत ही हरियाणा सिविल सचिवालय के कर्मचारियों के लिए आवश्यक मास्क खरीदने का निर्णय लिया।
    श्री राकेश गुप्ता ने कहा कि राज्य में 172 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं, जिनमें से लगभग 90 संस्थानों में परिधान क्षेत्र से संबंधित ट्रेड चलाए जा रहे हैं। इन संस्थानों में एक वर्षीय अवधि के इन ट्रेडस में हर वर्ष लगभग 3100 प्रशिक्षु दाखिला लेते हैं और पाठ्यक्रमों के पूरा होने के उपरांत उम्मीदवारों को परिधान क्षेत्र के प्रतिष्ठानों में आसानी ने नौकरी मिल जाती है या वे स्वरोजगार शुरू कर लेते हैं।
    उन्होंने कहा कि कोविड-19 वायरस के फैलने के कारण मास्क की मांग अचानक बढ़ गई है। बाजार में उपलब्ध सर्जिकल मास्क बहुत महंगे हैं और एक समय के उपयोग के लिए हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा सर्जिकल मास्क का उपयोग मरीजों द्वारा करने और एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमण से बचने के लिए सामान्य सूती कपड़े का मास्क पहनने की हिदायत दी गई है। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में भी कोविड-19 से बचाव के लिए घर पर कपड़े के बने मास्क के उपयोग का सुझाव दिया था, इसीलिए विभाग ने राजकीय आईटीआईज़ में बड़े पैमाने पर मास्क तैयार करने के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों को मास्क तैयार करने के लिए अपनी मशीनें देने का निर्णय लिया।
    उन्होंने कहा कि हाल ही में, विभिन्न विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों की एक बैठक में मुख्य सचिव ने मास्क तैयार करने की विभाग की योजना को स्वीकृति प्रदान की थी। तदनुसार, विभाग ने स्वयं सहायता समूहों को उनकी आवश्यकता अनुसार मास्क तैयार करने के लिए अपनी सिलाई मशीनें दी। स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों ने अपने स्तर पर भी मास्क तैयार करना शुरु कर दिया और राज्य में विभिन्न जिलों में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा अब तक 11.50 लाख से अधिक मास्क तैयार किये जा चुके हैं।
    प्रासंगिक ट्रेडस में मास्क तैयार करने के लिए आईटीआईज़ की क्षमता का उपयोग करने हेतू परिधान ट्रेड के प्रत्येक अनुदेशक को प्रतिदिन कम से कम 50 मास्क और 30 अप्रैल,2020 तक 1000 मास्क तैयार करने का लक्ष्य दिया गया है। इसके अतिरिक्त, सभी ट्रेडस के अनुदेशकों को भी निर्देश दिये गये हंै कि वे अपने पास आउट प्रशिक्षुओं को अपने घरों पर मास्क बनाने और अपनी कॉलोनियों एवं गांवों में जरूरतमंद लोगों एवं परिवारों को तैयार मास्क वितरित करने के लिए प्रेरित करें। यदि कोई प्रशिक्षु आईटीआई आकर आईटीआई के कपड़े का उपयोग करके मास्क तैयार करता है तो उसे 2.5 रुपये प्रति मास्क दिये जाएंगे। यह अभियान 15 अप्रैल से शुरू किया गया है और आधिकारिक रूप से कल तक आईटीआई और प्रशिक्षुओं द्वारा 40,000 से अधिक मास्क तैयार किए जाने की रिपोर्ट है।
    श्री गुप्ता ने कहा कि आईटीआईज़ के प्राचार्यों को संस्थान में सभी कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं द्वारा सामाजिक दूरी बनाए रखने के निर्धारित मानदंडों का अनुपालन और मशीनों एवं कार्यशाला को नियमित रूप से सेनेटाइज करना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि हर अनुदेशक मास्क तैयार करते समय स्वयं भी मास्क पहने और काम शुरू करने से पहले हाथों को साफ कर ले। मास्क के नमूने को स्थानीय अस्पताल से पास करवाना होगा और सूती कपड़े का उपयोग करना होगा। कपड़े की गुणवत्ता के आधार पर सिंगल लेयर या मल्टी लेयर क्लॉथ मास्क बनाये जा सकते हैं ताकि मास्क क्वालिटी टेस्ट पास कर सकें।
    उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों को मास्क प्रदान किए जाएंगे। पारदर्शिता बनाए रखने और संस्थान में कच्चे माल के दुरुपयोग से बचने के लिए संस्थान द्वारा प्रदान किए गए कपड़े का उपयोग करके तैयार किए गए मास्क की कीमत बिना किसी नुकसान या लाभ के केवल 8 रुपये प्रति मास्क तय की गई है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी खुद के कपड़े का उपयोग करके भी मास्क तैयार कर रहे हैं और लोगों को मुफ्त वितरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 30 अप्रैल,2020 तक स्टाफ एवं प्रशिक्षुओं के माध्यम से आईटीआईज़ में तीन लाख मास्क बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

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