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    Home»चण्डीगढ़»कैप्टन अमरिन्दर द्वारा उद्योग विभाग और डिप्टी कमीशनरों को योग्य उद्योगों को फिर खोलने के लिए 12 घंटे के अंदर मंजूरियां और कर्फ्यू पास देने की हिदायत
    चण्डीगढ़

    कैप्टन अमरिन्दर द्वारा उद्योग विभाग और डिप्टी कमीशनरों को योग्य उद्योगों को फिर खोलने के लिए 12 घंटे के अंदर मंजूरियां और कर्फ्यू पास देने की हिदायत

    By Himachal VartaApril 25, 2020
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    प्रधानमंत्री के साथ सोमवार को वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के दौरान उद्योग के लिए केंद्रीय सहायता का मुद्दा उठाएंगे
    चंडीगढ़। संकट की इस घड़ी में अपनी सरकार की तरफ से उद्योग को पूरा समर्थन देने का भरोसा देते हुये पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उद्योग विभाग और डिप्टी कमीशनरों के अधीन काम कर रहे जि़ला उद्योग केन्द्रों को सभी योग्य औद्योगिक इकाईयों को फिर खोलने के लिए उनकी तरफ से अप्लाई करने के 12 घंटे के अंदर ज़रूरी मंजूरियां और कफ्र्यू पास मुहैया करवाने के हुक्म दिए हैं।

    कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने उनको यह भरोसा भी दिया कि वह उद्योग के लिए केंद्रीय सहायता का मुद्दा प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के पास सोमवार को बुलायी गई सभी मुख्यमंत्रियों की वीडियो कॉन्फ्ऱेंस के दौरान उठाएंगे।

    एक वैबीनार जिसमें औद्योगिक घरानों के तकरीबन 100 दिग्गजा़ें, विदेशी राजदूतों /नीतिवानों और अन्यों ने हिस्सा लिया, के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले ही केंद्र सरकार को इस मुश्किल समय में उद्योग की सहायता के लिए नवीन और ठोस हल ढूँढने की विनती की थी जिससे वह मज़दूरों और कामगारों को वेतनों का भुगतान जारी रख सकें। उन्होंने इस मुद्दे पर भागीदारों की तरफ से ज़ाहिर की गई चिंता के जवाब में कहा कि उद्योग निरंतर वेतन का भुगतान नहीं कर सकते।

    कैप्टन अमरिन्दर ने अफ़सोस ज़ाहिर करते हुये कहा कि केंद्र से राज्य को अपना हिस्सा नहीं मिल रहा और केंद्र ने शराब की बिक्री की आज्ञा देने सम्बन्धी राज्य की विनती को भी रद्द कर दिया है जिससे 6200 करोड़ रुपए के राजस्व का नुक्सान हुआ है। उन्होंने ज़ोर देते हुये कहा कि केंद्र को मुआवज़ा देना पड़ेगा और आगे कहा कि वह यह मसले सोमवार को प्रधान मंत्री के साथ वीडियो कान्फ्ऱेंस के दौरान उठाएंगे और शराब कारोबार को फिर खोलने का मुद्दा भी उठाएंगे जिससे राजस्व जुटाया जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब एक छोटा सा राज्य है और केंद्र सरकार राज्य से जी.एस.टी और शराब की बिक्री से बिना मौजूदा संकट से जुझने की उम्मीद कैसे कर सकती है।

    मुख्यमंत्री ने उद्योग को भारत सरकार के स्पष्टीकरण से भी अवगत करवाया कि यदि कोई मज़दूर कोविड -19 से प्रभावित पाया जाता है तो किसी भी औद्योगिक इकाई के विरुद्ध कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाऐगी। इस सम्बन्ध में उद्योग की चिंता के जवाब में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने पहले उद्योग विभाग को केंद्र के पास इस मामले को ज़ोर से उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद केंद्रीय गृह सचिव ने स्पष्ट किया कि दिशा-निर्देशों में ऐसे मामलों में कोई दंडात्मक कार्यवाही या एफआईआर दर्ज करने का आदेश नहीं दिया गया है।

    मुख्यमंत्री ने उद्योग को यह भी भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार की तरफ से उनकी काम करने वाली जगह पर किसी कोविड -पॉज़ेटिव मामलों सामने आने पर उद्योगों पर और उनके कार्यकारी समूहों पर कोई अपराधिक जुर्माना लगाने का न तो कोई इरादा है और न ही कोई निर्देश है। हालाँकि, मुख्यमंत्री ने उनसे अपील की है कि वह कोरोनावायरस के फैलाव को रोकने के लिए सभी सेहत और डाक्टरी सुरक्षा प्रोटोकोलों की पालना करें।

    एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि उद्योग को कोविड संकट के विरुद्ध पंजाब की लड़ाई का एक ज़रूरी हिस्सा बताते हुये मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को उद्योग फिर खोलने और काम शुरू करने के लिए सहायता और सहूलतें देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की तरफ से काम करने की शर्तों के अनुसार यदि उद्योग कर्मचारियों को भोजन और रहने के लिए मुहैया करवाते हैं तो वह दिशा-निर्देशों के अनुसार काम कर सकते हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि औद्योगिक इकाई को चलाने की मंज़ूरी देने वाले सभी आदेश श्रम, पुलिस और अन्य सम्बन्धित विभाग को भेजे जाने चाहिएं जिससे औद्योगिक इकाईयों को कोई परेशान न करे।

    कैप्टन अमरिन्दर ने औद्योगिक इकाईयों से अपील की कि वह पेश मुश्किलों सम्बन्धी तुरंत सम्बन्धित डी.सी. या उद्योग मंत्री और विभाग के सीनियर अधिकारियों को बताएं। उन्होंने कहा कि अगर किसी सप्लाई कड़ी की मुश्किलों के कारण कोई भी औद्योगिक इकाई काम नहीं कर सकती, तो उनको काम बंद करने की इजाज़त दी जायेगी परन्तु सरकार ऐसी मुश्किलों को हल करने के लिए सभी यत्न करेगी।

    उत्तम कानून और व्यवस्था और श्रम संबंधों के साथ पंजाब को एक प्रगतिशील राज्य के तौर पर पेश करते हुये मुख्यमंत्री ने उद्योग को सामुहिक तरक्की के लिए राज्य सरकार के दृष्टीकोण की हिस्सेदारी में सक्रिय भूमिका निभाने की अपील की।

    फ़सल की खरीद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य इस बार बहुत सारी उपज की उम्मीद कर रहा है, पिछले साल के मुकाबले अब तक इस बार दोगुनी खरीद हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य ने केंद्र से अपील की है कि वह महामारी के फैलाव को रोकने के लिए मंडियों में क्रमवार गेहूँ लाने के एवज़ में किसानों की सहायता के लिए मुआवज़े की योजना पेश करे।

    इस मौके पर दूसरो के अलावा, वैबिनार में इटली और डेनमार्क के राजदूत, क्रमवार विनसैनजो डी लुका और फरैडी सवने, इशतेयाक्यू अमजद, उप -प्रधान, सार्वजनिक मामले और संचार, कोका कोला इंडिया, अजय खन्ना ग्रुप के चीफ़ – स्ट्रेटेजिक और पब्लिक अफेअरज और ग्रुप ओमबडसमैन, जुबीलैंट लाईफ़ साइंसेज़ लिमिटेड, अमरदीप सिंह आहलूवालीया, चीफ़ कॉर्पोरेट अफेअरज अफ़सर, यूनाइटिड बरूअरज़ लिमिटेड और रमन सिद्धू, पूर्व प्रधान और पीएएफआई के संस्थापक शामिल थे। इसके अलावा वीडियो कॉन्फ्ऱेंस मीटिंग में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग विनी महाजन, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास विसवजीत खन्ना और सीईओ इनवैस्ट पंजाब रजत अग्रवाल समेत पंजाब के सीनियर अधिकारी शामिल हुए।

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