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    Home»चण्डीगढ़»डेंगू का खतरा, कोरोना का कहर, अपनी जिम्मेदारी को समझे शहर
    चण्डीगढ़

    डेंगू का खतरा, कोरोना का कहर, अपनी जिम्मेदारी को समझे शहर

    By Himachal VartaApril 29, 2020
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    कोविड-19 व डेंगू के संभावित खतरे से लड़ने को जागरूकता को बनाएं हथियारः पूनमदीप कौर
    जागरूकता से बीते साल का रिकार्ड़ तोड़ेंगे पटियालवी
    पटियाला/चंडीगढ़। कोरोना वायरस कोविड-19 के साथ जिस तरह से शहर अभी तक अपनी लडाई को सफलता पूर्वक आगे बढ़ाता आया है, उसी बीच शहर के लिए एक नई चुनौती डेंगू के रूप में सामने आने के लिए मुंह खोले खड़ी है। निगम कमिश्नर पूनमदीप कौर का कहना है कि संकट की इस घड़ी में कोरोना और डेंगू जैसी घातक समस्याओं से बचकर आगे निकलने किसी चुनौती से कम नहीं है और इस चुनौती से लोहा लेने के लिए शहर के हरेक व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। निगम शहरवासियों की सुरक्षा के लिए हर संभव प्रयास करता आ रहा है, लेकिन कोरोना के साथ-साथ डेंगू के संभावित खतरे से निपटना लोगों के सहयोग बिना आसान नहीं होगा। वर्ष 1997 के बाद से जिस प्रकार डेंगू का प्रकोप पूरे पंजाब में बढ़ा है उसमें सरकारी आंकडों की सूची में पटियाला का नाम वर्ष 2018 की सूची में सबसे उपर रहा। सरकारी आंकड़े गवाह हैं कि जागरूकता के दम पर पटियाला वासियों ने वर्ष 2019 दौरान मेयर संजीव शर्मा के नेतृत्व में जिस तरह से जागरूकता अभियान को घर-घर पहुंचाकर डेंगू पर विजय हासिल की, ठीक उसी तर्ज पर शहरवासियों को एक बार फिर से वही मिसाल पेश कर खुद को डेंगू से सुरक्षित रखना है।

    …डेंगू का कारण बनने वाले स्रोत करें समाप्त
    मेयर संजीव शर्मा बिट्टू और निगम कमिश्नर ने डेंगू से शहर को बचाने के लिए मंगलवार को गंभीरता से चर्चा की। बैठक दौरान निगम कमिश्नर ने कहा कि शहर के जो हिस्से डेंगू का कारण बनने वाले स्रोतों को खत्म करने के लिए चुने गए, उनमें निगम की टीम केमिकल डालने का काम शुरू कर चुकी है। इसके साथ ही फॉगिंग का काम युद्ध स्तर पर शहर में शुरू करवा दिया गया है। लोगों के घरों की छतों पर पक्षियों के लिए रखे जाने वाले पानी के वर्तन, पुराने गमलों में भरा बारिश का पानी, पुराने टायर, खाली बोतलें, बोतलों के ढक्कनों में भरा बारिश का पानी तक डेंगू के लारवे को पैदा करने के लिए काफी है।

    …क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
    नेशनल वेक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम (एनवीबीडीसीपी) के स्टेट प्रोग्राम कार्यालय से ली गई जानकारी के अनुसार पंजाब में डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के मामले बढ़ना चिंता का विषय रहा है, लेकिन बीते साल पटियाला नगर निगम ने जागरूकता के दम पर डेंगू पर सराहनीय कंट्रोल किया है। पुराने आंकड़ों अनुसार पटियाला जिला व सिटी उक्त बीमारियों को लेकर काफी आगे रहा है। आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में 2015 दौरान डेंगू के 14149, 2016 में 10439, 2017 में 15398 और वर्ष 2018 दौरान 16223 मामले सामने आए थे। वर्ष 2018 दौरान पटियाला जिले में 2434 और पटियाला शहर में 1630 केस सामने आए थे। वर्ष 2019 दौरान जागरूकता दे दम पर पटियाला शहर में 92 फीसद डेंगू मामले की कमी आंकी गई। गौर हो कि भारत में डेंगू का पहला केस 1954 में सामने आया था जबकि पंजाब में सबसे पहला केस 1997 में सामने आया था।

    …क्या हैं डेंगू के लक्ष्ण
    डेंगू बुखार फीमेल मच्छर के काटने से होता है जो दिन के समय साफ सुथरे पानी से पैदा होता है। डेंगू होने की सूरत में तेज बुखार, सिर व आंखों में दर्द, मास पेशियां व जोड़ों में दर्द, उल्टी आने लगती है, थकावट महसूस होने लगती है, चमड़ी पर दाने होने लगते हैं और हालत ज्यादा खराब होने पर नाक, मूंह व मसूड़े से रक्त बहने लगया है ।

    …कैसे करें बचाव
    सिविल सर्जन डॉ. हरीष मल्होत्रा अनुसार कूलर, गमले व फ्रिज के पीछे की ट्रे जिसमें वेस्ट पानी गिरता है, को सप्ताह में एक बार साफ जरूर करें। छत पर पानी की टंकी का ढक्कन बंद रखें । टूटे बर्तन, ड्रम व टायरों को खुला न रखें, घरों के आसपास पानी जमा न होने दें, जमा पानी में एक बार सड़ा हुआ तेल डालें, दिन के समय आधे कपड़े पहनने के बजाय फुल कपड़े पहनें । बच्चों का इस मामले में खास ख्याल रखा जाए। सोने के समय मच्छरदानी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है।

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