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    Home»हिमाचल प्रदेश»शिमला»948 मरीजों के लिए वरदान साबित हो चुकी है दवाईयों की होम डिलीवरी सेवा
    शिमला

    948 मरीजों के लिए वरदान साबित हो चुकी है दवाईयों की होम डिलीवरी सेवा

    By Himachal VartaApril 30, 2020
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    शिमला। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के आदेशों के अनुरूप मरीजों को दवाई पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने सीएम एचपी एसेंशियल मेडिसिन हेल्पलाइन नाम से नई हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। कोविड-19 महामारी के कारण लाॅकडाउन के समय जिला सिरमौर के गांव कुलह के निवासी मोहन के लिए यह सेवा वरदान सिद्ध हुई है। इस सुविधा के कारण ही उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की जीवन रक्षक दवाई उपलब्ध हो पाई।
    मोहन ही इस सुविधा का लाभ उठाने वाले एक मात्र मरीज नहीं हैं। इस सेवा से प्रदेश के दूर-दराज के हजारों मरीज विशेषकर किडनी ट्रांसप्लांट, हार्ट सर्जरी, एंटी कैंसर मेडिसन और मानसिक रोगी लाभान्वित हुए हैं। मरीजों को अब चण्डीगढ़, देहरादून और अन्य भागों से घर-द्धार पर ही दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं। लौहल घाटी के गांव मलंग की विमला को हवाई और पांगी के बिज राम को सड़क मार्ग से दवाईयां उपलब्ध करवाई गई हैं।
    कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेश में 24 मार्च, 2020 से कफ्र्यू लगा दिया गया था। इस दौरान दवा विक्रेताओं को कुछ छूट प्रदान की गई थी, परन्तु इसके उपरान्त भी आम जनता और मरीजों को दवाईयां खरीदने में कठिनाई हो रही थी। दवाई की दुकानें खोलने के लिए समय निर्धारित किया गया था। स्थानीय विक्रेताओं के पास कुछ दवाईयां उपलब्ध नहीं थीं जबकि कुछ अन्य विशेष प्रकार की दवाईयां थीं जिन्हें रोगियों तक दवाई पहुंचाने के लिए परिवहन सुविधा नहीं थी।
    मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने 4 अप्रैल, 2020 को राज्य के लोगों के लिए राज्य स्तर पर दो हेल्पलाईन नम्बर- 0177-2626076 और 2626077 और टोल फ्री नम्बर- 1070 शुरू किया। कोई भी व्यक्ति इन नम्बरों पर अपनी दवाईयां मंगवा सकता है और घर के समीप के दवा विक्रेता के माध्यम से दवाई उपलब्ध करवाई जा रही हैं। दवा मिलने के पश्चात राशि का भुगतान किया जाता है। प्रदेश में यह सेवा अभी तक 948 मरीजों के लिए वरदान साबित हुई हैं, जिसमें ड्रग निरीक्षक, दवाई विक्रेताओं और मरीजों के मध्य सेतु का काम कर रहे हैं और जरूरतमंदों को दवाईयां उपलब्ध करवाना सुनिश्चित बना रहे हैं।
    इस हेल्पलाईन पर दवाईयों के लिए अब तक 1059 मांगें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत दवाईयां उपलब्ध करवा दी गई हैं तथा शेष प्रक्रिया में हैं। मरीजों को दवाईयां न केवल स्थानीय दवाई विक्रेता के माध्यम से अपितु प्रदेश के बाहर से भी उपलब्ध करवाई गई हैं। जिला किन्नौर के कल्पा, न्यूगल सेरी, सांगला, पूह और निचार, जिला कुल्लू के निरमण्ड और आनी तथा जिला शिमला के नेरवा जैसे दूरदराज क्षेत्रों में भी दवाईयां उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
    चंबा जिले की दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद, जरूरतमंद मरीजों के लिए एंटीकैंसर, एंटीपीलेप्टिक, एंटीसाइकोटिक और एंटीहाइपरटेन्शन जैसी आवश्यक दवाईयों की व्यवस्था पठानकोट, जसूर, टांडा और चंडीगढ़ इत्यादी स्थानों से की गई और तीसा, भरमौर और पांगी जैसे दूरदराज के क्षेत्रों में दवाईयां लोगों के घरों या फिर निकटतम स्थानों पर पहुंचाया गया। दवाईयों के लिए अधिकतर आग्रह चंबा के दूरदराज के क्षेत्रों से मिले है जिन्हें बिना किसी देरी के दवाईयां उपलब्ध करवाई गई हैं। मरीजों ने राज्य सरकार की इस अनूठी पहल के लिए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर व प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है।
    कांगड़ा जिला में आवश्यक दवाईयों के लिए मरीजों की ओर से सीएम हेल्पलाइन और जिला हेल्पलाइन के माध्यम से प्राप्त मांग के आधार पर मरीजों को आवश्यक दवाईयां उपलब्ध करवाई गई हैं। अनेक जीवन रक्षक दवाईयां जो जिला में उपलब्ध नहीं थी उन्हें पठानकोट तथा चंडीगढ़ से मंगवा कर जरूरतमंद मरीजों को उनके नजदीक की दवाईयों की दुकानों के माध्यम से उपलब्ध करवाया गया है।
    इसके अलावा, राज्य सरकार  ने गोवा में फंसे लगभग 250 हिमाचली विद्यार्थियों को चिकित्सा सहायता भी प्रदान की है। राज्य में दवाईयों की होम डिलीवरी के लिए 575 विक्रेताओं को अधिकृत किया गया है। इनमें बिलासपुर में 20, चंबा में 09, हमीरपुर में 32, कांगड़ा में 44, कुल्लू में 19, लाहौल-स्पीति में एक, मंडी में 93, शिमला में 125, सिरमौर में 165, सोलन में 40 और ऊना जिले में 23 दवा विक्रेता शामिल हैं।

     

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