चंडीगढ़। हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मंडियों में सरसों व गेहूं की खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए समस्त प्रक्रिया की मॉनिटरिंग तथा निगरानी एवं मौके पर ही शिकायत निवारण के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव/प्रधान सचिव स्तर तक के अधिकारियों को नोडल अधिकारी लगाने के साथ-साथ जिला उपायुक्तों द्वारा प्रत्येक मंडी व खरीद केन्द्र के लिए खरीद अधिकारी तथा इनके साथ एक लेखा लिपिक की भी ड्यूटी अलग से लगाई गई है।
उप-मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला, जिनके पास खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग का कार्यभार भी है, ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किसान को उसकी गेहूं की फसल की खरीद का भुगतान तथा आढ़ती को उसकी ढ़ाई प्रतिशत आढ़त का भुगतान साथ-साथ हो, इसके लिए 22,000 करोड़ रूपये का कैश क्रेडिट का प्रबंध पहले ही किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियों के कुछ नेताओं को लॉकडाउन के बावजूद सुचारू रूप से चल रही खरीद प्रक्रिया हजम नहीं हो रही और किसानों को गुमराह करने के लिए मीडिया में ब्यानबाजी कर रहे हैं।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान ‘मेरी फसल-मेरा ब्यौरा’ पर दी गई जानकारी के अनुसार कितनी भी ऊपज ला सकता है, इसके लिए कोई पाबंदी नहीं है। पानीपत की मंडी में एक किसान 1600 क्विंटल गेहूं लेकर आया था और उसकी पूरी 1600 क्विंटल गेहूं की खरीद की गई।
श्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा में हमेशा से ही गेहूं की खरीद मुख्य रूप से चार सरकारी खरीद एजेंसियों नामत: खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग, हैफेड, हरियाणा भाण्डागार निगम तथा केन्द्रीय एजेंसी भारतीय खाद्य निगम द्वारा की जाती है जिसमें खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा 25 प्रतिशत, हैफेड द्वारा 45 प्रतिशत, हरियाणा भाण्डागार निगम द्वारा 18 प्रतिशत तथा भारतीय खाद्य निगम द्वारा 12 प्रतिशत की खरीद की जाती है।
उन्होंने कहा कि ज्यों-ज्यों मंडियों से खरीद की गई गेहूं का उठान गोदामों के लिए होता है त्यों-त्यों किसानों व आढ़तियों दोनों का भुगतान उठान के तीसरे दिन हो जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की सिफारिशों पर केन्द्र सरकार की गेहूं, चना, जौं, धान, ज्वार, बाजरा तथा मक्का जैसे खाद्यान्नों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के शत-प्रतिशत क्रियान्वयन में हरियाणा देश का एक प्रमुख राज्य है।
श्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कोविड-19 के चलते राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण भी खरीद प्रक्रिया में लगे सभी चाहे वह किसान हो, आढ़ती हो, मजदूर हो या खरीद एजेसिंयों के कर्मचारी हों, के लिए मंडियों में सेनेटाइजर, मास्क व साबुन इत्यादि के प्रबंध किए गए हैं तथा सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा तथा लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए गेहूं और सरसों की रिकार्ड खरीद हुई है। उन्होंने बताया कि खरीद के उपरांत उठान प्रक्रिया में लगे सभी वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया गया है। टैक्टर व ट्रॉली को भी उठान के लिए अनुमति दी गई है जो वाहन मंडी एवं खरीद केन्द्रों में आते हैं उनकी पहले सेनेटाइजेशन की जाती है।
उन्होंने बताया कि गेहूं के लिए इस बार मंडियों की संख्या जो आरंभ में 389 थी, इसमें 1507 नए अतिरिक्त केन्द्र जोडक़र 1895 किया गया, जबकि सरसों के लिए इसे 71 मंडियों से बढ़ाकर 112 नए खरीद केन्द्र जोडक़र 182 किया गया। इसी प्रकार, चने के लिए भी 30 मंडियां या खरीद केन्द्र स्थापित किए गए। उन्होंने बताया कि गेहूं की खरीद 1925 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों की 4425 रुपये प्रति क्विंटल तथा चने की 4875 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम समर्थन मूल्य के साथ खरीद की जा रही है।
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Wednesday, May 14