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    हरियाणा

    जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद आगामी शैक्षणिक सत्र से पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) स्तर पर विज्ञान विषय के चार नये पाठ्यक्रम शुरू करने का लिया निर्णय

    By Himachal VartaJune 15, 2020
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    चण्डीगढ़। जे.सी. बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद आगामी शैक्षणिक सत्र से पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी) स्तर पर विज्ञान विषय के चार नये पाठ्यक्रम शुरू करने का निर्णय लिया है। विश्वविद्यालय द्वारा नये जीव विज्ञान विभाग का गठन किया गया है तथा विभाग के अंतर्गत आगामी शैक्षणिक सत्र से बायो-टेक्नोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बॉटनी और जूलॉजी में चार नए विज्ञान पाठ्यक्रम शुरू किये जा रहे है। सभी दो वर्षीय एमएससी डिग्री कोर्स 20-20 सीटों के साथ शुरू किये जा रहे है।
    इस आशय का निर्णय इन विषयों के बढ़ते महत्व और इसमें कैरियर के विकल्पों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इसके अलावा, विश्वविद्यालय ने एनर्जी और एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में इंटर-डिसिप्लिनरी दो वर्षीय एमटेक डिग्री कोर्स भी शुरू करने का निर्णय लिया है।
    इस संबंध में जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने बताया कि वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के खतरे ने पर्यावरण इंजीनियरों के महत्व को बढ़ा दिया है। इस प्रकार, एनर्जी और एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग क्षेत्र में रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हुई है। खनन, भूवैज्ञानिक, रासायनिक और पेट्रोलियम क्षेत्रों में अधिक से अधिक प्रोफेशल्स की आवश्यकता है। साथ ही, सतत विकास की दिशा में काम कर रही सरकारी एजेंसियों तथा विभागों के साथ-साथ अनुसंधान क्षेत्र में पर्यावरण इंजीनियरों के लिए रोजगार की संभावनाएं उज्ज्वल हैं।
    इस प्रकार, एनर्जी और एनवायरनमेंटल इंजीनियरिंग में इंटर-डिसिप्लिनरी एमटेक डिग्री कोर्स को क्षेत्र में उपलब्ध कैरियर विकल्पों को ध्यान में रखते हुए शुरू किया जा रहा है। इसी तरह, जैव-प्रौद्योगिकी, माइक्रोबायोलॉजी, वनस्पति विज्ञान और जूलॉजी का प्रभाव कई क्षेत्रों में महसूस किया जा रहा है, जिसमें वैज्ञानिक अनुसंधान, फार्मास्यूटिकल्स, रसायन, पर्यावरण, कृषि, वैज्ञानिक, स्वास्थ्य और औद्योगिक अनुप्रयोग शामिल हैं।
    कोविड-19 महामारी के बाद पर्यावरण, स्वास्थ्य और चिकित्सा जैसे क्षेत्रों में अधिक शोध कार्य की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस प्रकार, नए पाठ्यक्रम को शामिल करने के साथ विश्वविद्यालय का उद्देश्य रोजगार के संभावित क्षेत्रों में अवसरों का लाभ उठाना तथा अनुसंधान गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कुशल कार्यबल उपलब्ध करवाना है।
    कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि नये पाठ्यक्रमों की जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यकता अनुसार शिक्षकों की भर्ती भी की जायेगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को दी जा रही सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम कर रहा है तथा विगत चार वर्षों के दौरान नये क्लासरूम, लैब तथा अन्य सुविधाएं विकसित की गई है। इसके अलावा, एक नया विज्ञान ब्लॉक भी निर्माणाधीन है, जो जल्द बनकर तैयार हो जायेगा और नए पाठ्यक्रमों की आवश्यकता को पूरा करेगा।

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