Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • उपायुक्त ने शिलांजी पंचायत के वार्ड सदस्य को अयोग्य करार देते हुए निष्कासित कर रिक्त घोषित किया पद
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    • अढाई साल में सरकार ने लिया 33 हजार करोड़ का कर्ज , अब फिर से 1200 करोड़ का ऋण लेने जा रही सरकार : सुरेश कश्यप
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Friday, July 4
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»बीपीएल लिस्टों में बड़ा घोटाला!
    हिमाचल प्रदेश

    बीपीएल लिस्टों में बड़ा घोटाला!

    By Himachal VartaJuly 30, 2020
    Facebook WhatsApp

    बीपीएल के भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार को बनाने चाहिए कड़े मापदंड

    नाहन। बीपीएल के नाम पर चल रहे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सरकार को कड़े नियम बनाकार नए सिरे से सर्वेक्षण किया जाना चाहिए ताकि पात्र निर्धन व्यक्ति सरकार से मिलने वाली विभिन्न सुविधाओं से वंचित न रहे। जिला सिरमौर की  राजगढ तहसील के बुद्धिजीवी व्यक्तियों रतन सिंह, देवेन्द्र कुमार, विश्वा नंद ठाकुर, कमल स्वरूप, नीरज कुमार, रामकृष्ण, बालक राम निर्मोही सहित अनेक लोगों का कहना है कि बीपीएल के नाम पर प्रदेश में बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है जिस झझल्को की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए और बीपीएल के नाम पर गरीबों का अधिकार छीन रहे समृद्ध परिवारों को बाहर किया जाना चाहिए।

    उन का मत है कि बीपीएल का चयन ग्राम सभा के माध्यम से नहीं होना चाहिए क्योंकि ग्राम सभा में गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों का दबादबा बना रहता है जिस कारण ग्रामसभा में गरीबों की फरियाद अनसुनी हो जाती है और बीपीएल में गलत लोगों का चयन हो जाता है। वरिष्ठ नागरिक विश्वानंद, लेखराम, कमल स्वरूप इत्यादि लोगों का कहना है कि प्रभावशाली लोगों द्वारा संयुक्त परिवार में रहते हुए अपने वारिसों के अलग अलग राशन कार्ड बनाए गए है ताकि इनका नाम बीपीएल के खाते में जुड़ सके।

    यही नहीं पीडीएस से मिलने वाले का भी इसी वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा हो रहा है। इनका कहना है कि बीपीएल के चयन के लिए विशेष सर्वेक्षण करवाया जाना चाहिए ताकि वास्तविक रूप से गरीब लोगों का चयन हो सके। इनका आरोप है कि बीपीएल के चयन में ग्राम सभा नहीं अपितु प्रधान का सबसे अधिक रोल रहता है और प्रधान द्वारा अपने सभी चहेतों का नाम बीपीएल में डाला जाता है । कुछ निर्धन परिवारों से जब इस बारे बात की गई तो उन्होंंने अपनी व्यथा सुनाते हुए बताया कि कोरोना संकट में कोई फ्री राशन नहीं मिला।

    पंचायत द्वारा जो समृद्ध परिवार बीपीएल में नहीं थे ऐसे परिवारों को पीएचएच मेें डालकर उन्हें फ्री राशन दिया गया। खंड विकास अधिकारी राजगढ़ रमेश शर्मा ने बताया कि बीपीएल में चयन का अधिकार ग्राम सभा को है और बीपीएल की सूचियों की समीक्षा हर वर्ष अप्रैल माह में ग्राम सभा में की जाती है। इस दौरान लोगों को समृद्ध व्यक्तियों को बीपीएल से बाहर करने बारे मामला उठाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं होता है जिस कारण बीपीएल लिस्टें यथावत रहती है।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • उपायुक्त ने शिलांजी पंचायत के वार्ड सदस्य को अयोग्य करार देते हुए निष्कासित कर रिक्त घोषित किया पद
    • पांवटा साहिब में चोरी के दो आरोपियों को सजा
    • मेघा जागरूकता शिविर आगामी आदेशों तक स्थगित-श्रम कल्याण अधिकारी
    • कर्मचारी से मारपीट पर भाजपा ने मंत्री अनिरुद्ध सिंह को बर्खास्त करने की करी मांग
    • उपायुक्त ने बरसात में अप्रिय घटनाओं से बचाव के लिए जारी किए आवश्यक दिशा निर्देश
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.