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    Home»चण्डीगढ़»पंजाब के मुख्यमंत्री ने जिम्म और कोचिंग सैंटरों को खोलने समेत अनलॉक 3.0 की छूटों संबंधी डिप्टी कमिशनरों से सुझाव मांगे
    चण्डीगढ़

    पंजाब के मुख्यमंत्री ने जिम्म और कोचिंग सैंटरों को खोलने समेत अनलॉक 3.0 की छूटों संबंधी डिप्टी कमिशनरों से सुझाव मांगे

    By Himachal VartaJuly 31, 2020
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    कहा, आखिऱी फ़ैसला ज़मीनी स्तर पर स्थिति के मूल्यांकन और विस्तृत चर्चा के बाद लिया जायेगा

    डिप्टी कमिशनरों को कोविड नियमों का उल्लंघन करने वाली दुकानों को पहली गलती के लिए तीन दिन और लगातार उल्लंघन करने वालों को ज़्यादा दिन बंद रखने की हिदायतें

    चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को जिम्म और कोचिंग सैंटरों को खोलने संबंधी डिप्टी कमिशनरों के सुझाव मांगे और कहा कि इस सम्बन्धी और अनलॉक 3.0 की अन्य छूटों संबंधी अंतिम फ़ैसला उनके सुझाव और विचार जानने के उपरांत ही किया जायेगा।

    कोविड पर काबू पाने और प्रबंधों संबंधी स्वास्थ्य अधिकारियों और जिलों के डिप्टी कमिशनरों के साथ वीडियो कॉफ्रेंसिंग के द्वारा एक समीक्षा मीटिंग के मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि केंद्र सरकार ने कुछ छूटों का ऐलान किया है जिनमें अनलॉक 3.0 के दिशा-निर्देशों के अनुसार जिम्म खोले जाना भी शामिल है परन्तु उनकी तरफ से इस सम्बन्धी फ़ैसला ज़मीनी स्थिति से अवगत होने के उपरांत ही किया जायेगा। उन्होंने डिप्टी कमिशनरों को इस मसले सम्बन्धी गहराई से सोच विचार करके अपने सुझाव और विचार मुख्य सचिव विनी महाजन तक पहुँचाने के लिए कहा जिसके बाद सरकार द्वारा विस्तृत चर्चा के बाद अंतिम फ़ैसला लिया जायेगा।

    राज्य में बढ़ते मामलों के मद्देनजऱ सख्त पालना की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हालाँकि नौजवानों की तरफ से जिम्म और कोचिंग संस्थान खोले जाने की काफ़ी माँग की जा रही थी परन्तु इस सम्बन्धी रूप रेखा बनाने के लिए गंभीरता से सोच-विचार करते हुए सभी विकल्पों पर गौर किया जाना ज़रूरी है। इससे पहले कि किसी आखिऱी नतीजे पर पहुँचा जा सके।

    कुछ दुकानदारों के द्वारा कोविड प्रोटोकॉल और सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन करने सम्बन्धी रिपोर्टों का गंभीर नोटिस लेते हुए मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिशनरों को निर्देश दिए कि पहली गलती होने पर तीन दिन के लिए दुकानें बंद की जाएँ और लगातार गलती दोहराए जाने पर ज़्यादा दिन के लिए यह कार्यवाही की जाये। उन्होंने डिप्टी कमिशनरों को कोविड महामारी की रोकथाम के लिए सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और नियमों जिनमें मास्क डालना और सामाजिक दूरी बनाऐ रखना शामिल है, की सख़्ती के साथ पालना यकीनी बनाने के लिए कहा। इस मौके पर डा. के.के. तलवाड़ ने कहा कि वैज्ञानिक तौर पर आंकड़े यह दर्शाते हैं कि मास्क डालना लॉकडाऊन की तरह ही असरदार है क्योंकि यह न सिफऱ् इस वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकता है बल्कि मौत की दर भी घटाता है।

    डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने मीटिंग में बताया कि 23 मार्च से 29 जुलाई तक उल्लंघन के विभिन्न मामलों में 14384 केस दर्ज हुए और 19850 व्यक्तियों को गिरफ़्तार किया गया। 550150 व्यक्तियों को कोविड दिशा निर्देशों के उल्लंघन के दोष में जुर्माने किये गए।

    बढ़ती मौत दर पर गहरी चिंता ज़ाहिर करते हुये मुख्यमंत्री ने इस दर को घटाने के लिए ठोस कदम उठाने के लिए कहा। पंजाब में अब तक कोरोना के कारण 361 व्यक्तियों की जान चली गई है और बीती रात 25 मरीज़ों की मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि यह तथ्य स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि बीमारी की जल्दी शिनाख़्त ही एकमात्र बचाव का हल है और जल्द इलाज ही इस बीमारी को रोकने की प्रभावशाली विधि है। उन्होंने डिप्टी कमिशनरों को हिदायत करते हुये कहा कि लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी ज़रुरी कदम उठाए जाएँ और बीमारी के पहले लक्षण से तुरंत बाद लोगों को टैस्ट करवाने के लिए कहा जाये।

    मुख्यमंत्री ने हालाँकि राज्य में कोविड की स्थिति निपटने में किये बेमिसाल कामों के लिए डिप्टी कमिशनरों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि पंजाब की स्थिति दूसरे राज्यों की अपेक्षा बेहतर है परन्तु इसके साथ ही मामलों का बढऩा गहरी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि बढ़ते मामलों को देखते हुये डिप्टी कमिशनरों को लोगों ख़ास कर धार्मिक नेताओं और सामाजिक संस्थाओं से सहयोग और मदद लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के साथ मिल कर काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भीड़ -भाड़ और राजसी और धार्मिक भीड़ों पर सामाजिक दूरी के उल्लंघन के मामलों को सख्ती से चैक करना चाहिए। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कोविड मिशन के अंतर्गत अगर समाज अपने स्तर पर जि़म्मेदारी समझे तो इस महामारी के फैलाव को रोकने के लिए सार्थक नतीजे सामने आऐंगे।

    राज्य के बहुत ही प्रभावित जिलों में से अमृतसर, जालंधर, पटियाला और मोहाली के डिप्टी कमिशनरों ने अपने -अपने जिलों की स्थिति और लोगों की निगरानी, ट्रैक, टैस्ट और इलाज के लिए उठाये जा रहे कदमों संबंधी अवगत करवाया। जालंधर के एस.एस.पी. ने बताया कि कोविड के साथ सामाजिक बदनामी जुड़ जाने को देखते हुये जि़ला पुलिस ने सभी कैमिस्टों के लिए लाजि़मी कर दिया है कि बुख़ार और ज़ुकाम के लिए दवाएँ खरीदने वालों संबंधी रिपोर्ट की जाये।

    राज्य में इस समय पर 64 माईक्रो -कंटेनमैंट जोन (सूक्ष्म सीमित जोन) हैं, जिनमें से जालंधर में 16 जोन हैं, जिसमें 20 कलस्स्टर और एक अधिक प्रभावित इलाका है। इसी तरह अधिक संख्या में कलस्टर अमृतसर में हैं, चाहे कि यहाँ सिफऱ् 2 ही माईक्रो -कंटेनमैंट जोन हैं। पिछले एक हफ़्ते में लुधियाना (सिटी), जालंधर (सिटी), संगरूर, बरनाला, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और फिऱोज़पुर जिलों में पुलिस मुलाजिमों के अधिक पॉजिटिव केस देखे गए हैं।

    मुख्यमंत्री ने डिप्टी कमिशनरों को अपने समेत सरकारी दफ़्तरों में सामाजिक दूरी के नियमों को अपना कर मिसाल कायम करने के लिए कहा। उन्होंने हर प्राईवेट संस्था जहाँ बड़ी संख्या में लोग आते हैं, में एक समर्पित कोविड रोकथाम निगरान नियुक्त करने की भी सलाह दी। उन्होंने डिप्टी कमिशनरों को ज़रूरतमंदों को मुफ़्त मास्क बाँटने के लिए भी कदम उठाने और सार्वजनिक स्थानों पर सैनीटाईजऱ और मास्क मुहैया करवाने वाली मशीनें लगाने के लिए भी कहा।

    मुख्यमंत्री ने नोडल अफसरों और नव -नियुक्त कोविड पेशेंट ट्रेकिंग अफसरों समेत डिप्टी कमिशनरों को कोविड का इलाज मुहैया करवा रहे सरकारी और प्राईवेट अस्पतालों की निरंतर निगरानी और तालमेल करने के लिए भी कहा जिससे इलाज में शिकायतें दूर करने के लिए साधनों का उचित प्रयोग किया जा सके।

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