Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Breakng
    • सैनवाला स्कूल के छात्रों ने विप्रो अर्थियन अवार्ड में प्रदेश में पाया पहला स्थान
    • अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल की आयुषी शर्मा ने 95.6प्रतिशत अंक झटके, सीबीएसई जमा दो का शत प्रतिशत रहा रिज़ल्ट
    • मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा व नाहन की जनता का बडा चौक में धरना : डा बिंदल
    • किरयाना की दुकान से 06 लीटर पकड़ी शराब
    • राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की हो रही है सराहना -विनय कुमार
    • बेरोजगार युवाओं के साथ सुक्खू सरकार का छलावा : मेलाराम शर्मा
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Himachal Varta
    • होम पेज
    • हिमाचल प्रदेश
      • शिमला
      • सिरमौर
      • ऊना
      • चंबा
      • लाहौल स्पीति
      • बिलासपुर
      • मंडी
      • सोलन
      • कुल्लू
      • हमीरपुर
      • किन्नोर
      • कांगड़ा
    • खेल
    • स्वास्थ्य
    • चण्डीगढ़
    • क्राइम
    • दुर्घटनाएं
    • पंजाब
    • आस्था
    • देश
    • हरियाणा
    • राजनैतिक
    Tuesday, May 13
    Himachal Varta
    Home»हिमाचल प्रदेश»यशवंतनगर में वन विभाग का बैरियर बना सफेद हाथी , तीन दशक में नहीं आया कोई अवैध लकड़ी का केस
    हिमाचल प्रदेश

    यशवंतनगर में वन विभाग का बैरियर बना सफेद हाथी , तीन दशक में नहीं आया कोई अवैध लकड़ी का केस

    By Himachal VartaAugust 2, 2020
    Facebook WhatsApp
    यशवंतनगर में वन विभाग का बैरियर बना सफेद हाथी , तीन दशक में नहीं आया कोई अवैध लकड़ी का केस
    नाहन। वन माफिया पर लगाम कसने के दृष्टिगत करीब 40 वर्ष पहले वन विभाग द्वारा यशवंतनगर में स्थापित बैरियर किया गया था जोकि वर्तमान में सफेद हाथी बन चुका है।

    इस बैरियर पर पिछले करीब तीन दशक से अवैध लकड़ी का कोई भी केस नहीं पकड़ा गया है जबकि यह बैरियर चौबिस घंटे क्रियाशील है जिस पर एक डिप्टी रैंजर, एक फोरेस्ट गार्ड के अतिरिक्त चार फोरेस्ट वर्कर तैनात किए गए है जिनका प्रतिमाह करीब अढाई लाख का वेतन का खर्चा सरकार को वहन करना पड़ता है ।

    बता दें कि 60 के दशक में अपर शिमला व सिरमौर के उपरी क्षेत्रों से लकड़ी का बहुत कारोबार होता है। ठेकेदार वनों को काटकर उसके शहतीर बनाकर गिरी नदी में घाल अथवा ट्रकों को माध्यम से हरियाणा की यमुनानगर मार्किट में पहुंचाते थे।

    उन दिनों वन माफिया भी काफी सक्रिय हुआ करते थे जिसके चलते वन विभाग द्वारा यशवंतनगर में बैरियर स्थापित किया गया था। गौर रहे कि इस बैरियर पर चकमा देकर बाघ व चीता की खाल के तस्करों को सोलन पुलिस द्वारा अनेको बार पकड़ा है। परंतु काफी अरसे से इस बेरियर पर अवैध लकड़ी, जानवरों की खाल, जंगली जड़ी बूटियों का अवैध कारोबार इत्यादि का कोई मामला नहीं पकड़ा गया है ।

    एक ओर जहां सरकार द्वारा माली हालत को देखते हुंए अनेक खर्चों में कटौती की गई है वहीं पर इस बैरियर पर तैनात कर्मचारियों के वेतन का बोझ सरकार को वहन करना पड़ रहा है ।

    बैरियर पर तैनात कर्मचारियों का कहना है कि वनों के कटान पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाने के उपंरात पिछले काफी वर्षों से लकड़ी की अवैध तस्करी बंद हो गई है जिस कारण अवैध लकड़ी का कोई भी मामला प्रकाश में नहीं आया है ।

    डीएफओ  संगीता महाला से जब इस बारे बात की गई तो उन्होने बताया कि लकड़ी के अवैध कारोबार को रोकने के लिए बैरियर का होना जरूरी है और बैरियर के नाम पर वन माफिया में भय भी रहता है।

    Follow on Google News Follow on Facebook
    Share. Facebook Twitter Email WhatsApp


    Demo

    Recent
    • सैनवाला स्कूल के छात्रों ने विप्रो अर्थियन अवार्ड में प्रदेश में पाया पहला स्थान
    • अरिहंत इंटरनेशनल स्कूल की आयुषी शर्मा ने 95.6प्रतिशत अंक झटके, सीबीएसई जमा दो का शत प्रतिशत रहा रिज़ल्ट
    • मेडिकल कॉलेज को लेकर भाजपा व नाहन की जनता का बडा चौक में धरना : डा बिंदल
    • किरयाना की दुकान से 06 लीटर पकड़ी शराब
    • राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था की हो रही है सराहना -विनय कुमार
    Recent Comments
    • Sandeep Sharma on केन्द्र ने हिमालयी राज्यों को पुनः 90ः10 अनुपात में धन उपलब्ध करवाने की मांग को स्वीकार किया
    • Sajan Aggarwal on ददाहू मैं बिजली आपूर्ति में घोर अन्याय
    © 2025 Himachal Varta. Developed by DasKreative.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.