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    Home»हिमाचल प्रदेश»हिमाचल को शीघ्र बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाने के प्रयासः जय राम ठाकुर
    हिमाचल प्रदेश

    हिमाचल को शीघ्र बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाने के प्रयासः जय राम ठाकुर

    By Himachal VartaAugust 3, 2020
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    शिमला। मुख्यमंत्री ने गौसदन, गौशाला व गौ अभयारण्य योजना को सहायता की शुरूआत की।

    मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां पशुपालन विभाग की गौसदन, गौशाला और गौ अभयारण्य योजना को सहायता और राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण-दो के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि डेढ़ साल के भीतर हिमाचल प्रदेश को देश का बेसहारा पशु मुक्त राज्य बनाने के प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गौसदन, गौशाला, गौ अभयारण्य योजना सहायता के अंतर्गत भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप, पशु उत्पादकता और स्वास्थ्य के लिए सूचना नेटवर्क और राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत पूर्ण टैगिंग के बाद उन सभी गौसदनों, गौशालाओं, और गौ अभयारण्यों के रख-रखाव के लिए भत्ते के रूप में प्रति माह 500 प्रति गाय दिए जाएंगे, जिनमें मवेशियों की संख्या 30 या इससे अधिक है। उन्होंने कहा कि इन लाभों को सरकार द्वारा स्थापित गौ अभयारण्यों, गौशालाओं, पंचायतों, महिला मंडलों, स्थानीय निकायों और गैर-सरकारी संगठनों आदि द्वारा चलायी जा रही गौ अभयारण्यों और गौशालाओं तक बढ़ाया जाएगा।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि किसी को भी अपने मवेशियों को लावारिस छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य सरकार की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में ही अराजनीतिक तौर पर मानवीय दृष्टिकोण से यह निर्णय लिया गया था कि बिना किसी आय सीमा के वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उठाने के लिए आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष की जाए। मंत्रिमंडल का दूसरे फैसले में बेसहारा पशुओं को आश्रय देने और गौ सदनों के रखरखाव के लिए प्रति बोतल शराब पर एक रुपये का उपकर लगाने का प्रावधान किया गया।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने अब प्रति बोतल शराब पर 1.50 रुपये प्रति मवेशी रुपये का उपकर लगाने का फैसला किया है ताकि राजस्व में बढ़ोतरी के साथ गौ अभयारण्यों को विकसित किया जा सके। सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि सड़कों पर एक भी मवेशी नहीं मिले जिसके लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
      उन्होंने कहा कि राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण- दो के अंतर्गत मवेशियों की नस्ल सुधारने के लिए कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा प्रदान की जाएगी, जिससे किसानों को अपनी आमदनी बढ़ाने में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि इससे राज्य के आठ लाख से अधिक किसान लाभान्वित होंगे।
    जय राम ठाकुर ने किसानों और गौसदनों व गौशालाओं की प्रबंधन समिति के सदस्यों के साथ भी बातचीत की।
    कृषि, ग्रामीण विकास और पंचायती राज एवं पशुपालन मंत्री वीरेंद्र कंवर ने कहा कि यह पहली बार है कि मुख्यमंत्री ने राज्य के पशुपालकों के साथ बातचीत की है। गौ सदनों और गाय अभयारण्यों में सभी बेसहारा छोड़े गए मवेशियों को गौ सदनों और गौर अभयारण्यों में लाने का प्रयास किया जाएगा, जिसके लिए समाज के हर वर्ग के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्य में गौ अभयारण्यों की क्षमता वृद्धि के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
    उन्होंने कहा कि राज्य के सात जिलों में सात गाय अभयारण्य स्थापित किए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही क्रियाशील बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग गौर अभयारण्यों से गाय का गोबर खरीदेगा और किसानों को केंचुआ खाद के रूप में बेचा जाएगा। गौ अभयारण्य क्षेत्रों में चारे के पेड़ लगाने के भी प्रयास किए जाएंगी ताकि गायों को हरा चारा मिल सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार साल में दो बार मवेशियों का मुफ्त टीकाकरण सुनिश्चित करेगी।
    पशुपालन विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने कहा कि राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम चरण- दो राज्य में मवेशियों की नस्ल में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा जिसके परिणामस्वरूप कृषि क्षेत्र से आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश को देश का ‘मिल्क बाउल’ बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
    हिमाचल प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष अशोक शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
    निदेशक पशुपालन डा. अजमेर सिंह डोगरा ने विभाग की विभिन्न गतिविधियों पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि लोगों को उनके मवेशियों को छोड़ने से हतोत्साहित करने के लिए मवेशियों की टैगिंग की जा रही है।
    मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव डा. आर.एन. बत्ता, गौ सेवा अयोग के सदस्य और अन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

     

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