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    Home»चण्डीगढ़»रिहायशी सैक्टर के लिए गमाडा की तरफ से और आकर्षित लैंड पुल्लिंग नीति पेश
    चण्डीगढ़

    रिहायशी सैक्टर के लिए गमाडा की तरफ से और आकर्षित लैंड पुल्लिंग नीति पेश

    By Himachal VartaAugust 17, 2020
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    नगद मुआवज़े के बदले विकसित किए गए प्लॉट मिलेंगे
    प्लॉट बेचकर कृषि ज़मीन खरीदने पर स्टैंप ड्यूटी पर मिलेगी छूट
    आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा जल्द जारी होगा नोटिफिकेशन
    पंजाब मंत्रीमंडल द्वारा मिल चुकी है मंज़ूरी

    चंडीगढ़। विकास परियोजनाओं के लिए स्वैच्छा से अपनी जायदाद देने वालों के लिए लैंड पुल्लिंग नीति को और आकर्षित बनाते हुए पंजाब सरकार ने ऐसे व्यक्तियों को मुआवज़े के तौर पर अतिरिक्त ज़मीन देने का फ़ैसला किया है। औद्योगिक सैक्टर के लिए भी ऐसी ही नई नीति लाई जा रही है। इस सम्बन्धी नोटिफिकेशन बहुत जल्द आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा जारी किया जाएगा।
    यह जानकारी देते हुए एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पिछले महीने हुई मंत्रीमंडल की बैठक में ग्रेटर मोहाली एरिया डिवैल्पमैंट अथॉरिटी (गमाडा) के अधिकार क्षेत्र में रिहायशी सैक्टर सम्बन्धी लैंड पुल्लिंग नीति को सुधारने और इस नीति को औद्योगिक सैक्टर में भी लागू करने की मंज़ूरी दे दी गई है।
    यह फ़ैसला गमाडा द्वारा ऐरोट्रोपोलिस एस्टेट के विकास के लिए पहले पड़ाव में 1680 एकड़ ज़मीन एक्वायर करने के मौके पर लिया गया है। यह संशोधित की गई नीति एस.ए.एस. नगर (मोहाली) में 101 और 103 सैक्टरों में औद्योगिक एस्टेट के विकास के लिए भी सहायक होगी, जहाँ परियोजनाओं को समय पर चलाने के लिए भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया को सुविधाजनक बना दिया गया है।
    उन्होंने बताया कि गमाडा की संशोधित की गई लैंड पुल्लिंग नीति के अंतर्गत नयी बन रही ऐरोट्रोपोलिस रैज़ीडैंशियल एस्टेट के लिए ज़मीन के मालिकों से एक्वायर किए जाने वाले हरेक एक एकड़ के लिए नगद मुआवज़े के बदले विकसित किए गए प्लॉटों में से 1000 वर्ग गज़ रिहायशी प्लॉट और 200 वर्ग गज़ कमर्शियल प्लॉट (पार्किंग के बिना) दिया जाएगा।
    औद्योगिक सैक्टर के विकास के लिए पहली बार लागू की जाने वाली लैंड पुल्लिंग नीति के अंतर्गत हरेक एक एकड़ के पीछे मुआवज़े के बदले ज़मीन मालिक को औद्योगिक प्लॉटों में से 1100 वर्ग गज़ औद्योगिक प्लॉट और 200 वर्ग गज़ विकसित कमर्शियल प्लॉट (पार्किंग के बिना) दिया जाएगा।
    इसी तरह जो ज़मीन मालिक लैंड पुल्लिंग नीति के अंतर्गत प्राप्त किए गए प्लॉट को बेचने के उपरांत यदि उक्त पैसों से कहीं और कृषि करने लायक ज़मीन खऱीदता है तो उसे कई लाभ मुहैया करवाने के लिए विभाग द्वारा ‘सहूलियत सर्टिफिकेट’ जारी किया जाएगा, जिसकी समय सीमा नयी नीति के अंतर्गत ज़मीन मालिक को अलॉट किए गए प्लॉट की तारीख़ से माना जाएगा। इससे पहले इसकी समय सीमा अवॉर्ड ऐलान करने की तारीख़ से 2 सालों तक होती थी। इस सर्टिफिकेट के साथ ज़मीन मालिक द्वारा लैंड पुल्लिंग के अधीन मिले प्लॉट को बेचकर कृषि ज़मीन खरीदने के लिए स्टैंप ड्यूटी से छूट मिलने के अलावा अन्य कई लाभ मिलते हैं।
    यह कदम इस कारण उठाया गया है क्योंकि ज़मीन मालिकों की माँग थी कि सर्टिफिकेट की समय सीमा को प्लॉट देने के कब्ज़े की पेशकश की तारीख़ से लागू किया जाए क्योंकि बुनियादी ढांचे की स्थापना से इसकी संभावित कीमत बढ़ जाती है।
    ज़्यादा जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि गमाडा द्वारा साल 2001 से 2017 तक के समय के दरमियान 4484 एकड़ ज़मीन एक्वायर की गई है। इस ज़मीन में से अब तक लैंड पुल्लिंग नीति के द्वारा 2145 एकड़ ज़मीन एक्वायर की जा चुकी है। यह नीति साल 2008 में शुरू की गई थी जिसको समय-समय पर सुधारा गया है।
    नई लैंड पुल्लिंग नीति लाने का उद्देश्य ज़मीन एक्वायर की प्रक्रिया को तेज़ करना और गमाडा पर वित्तीय बोझ घटाने को यकीनी बनाना है, क्योंकि गमाडा नगद मुआवज़े के ज़रिये ज़मीनों की प्राप्ति पर अदालत द्वारा अतिरिक्त मुआवज़े की अदायगी के जोखिमों का सामना कर रही है।

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