दो गज दूरी बहुत जरूरी, हिमाचल पुलिस के जवान का यह संदेश देशभर में वायरल…
नाहन नगर परिषद ने सिंबल सॉन्ग के रूप में किया स्वीकार….
नाहन। कंटेनमेंट जोन में पूरी कर्तव्य निष्ठा के साथ ड्यूटी देते समय हिमाचल पुलिस के जवान गणेश गुरुंग ने एक ऐसा गीत लिख डाला जो आज हमारे जीवन की बड़ी जरूरत है। दो गज दूरी बहुत जरूरी, जिसको लिखा गणेश गुरुंग ने हैं और बकायदा इसे खुद अपने संगीत के साथ गाया भी है। गणेश गुरुंग हेड कांस्टेबल है और आर्मी से रिटायर हैं। जो भी ड्यूटी उन्हें प्रशासन या सरकार के द्वारा सौंपी जाती है मजाल है उसमें कहीं जरा सी चूक हो जाए। कोरोना संक्रमित स्थान पर ड्यूटी देते हुए और सामने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का चेहरा पोस्टर में देखकर अनायास ही गणेश गुरुंग ने यह गीत लिखा था।
अब समस्या यह थी कि गीत लिखने के बाद उसे कंपोज और रिकॉर्डिंग के साथ म्यूजिक कहां दिया जाए। तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन सुर्खियां बटोरने वाले आदित्य उर्फ गुरु ने अपने गिटार पर स्कोर ट्यून किया और आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित नाहन में ही अपने स्टूडियो में इसे रिकॉर्ड करने का निर्णय ले लिया और जब यह कीमती संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो देखते ही देखते यह गाना लोगों की जुबान पर भी चढ़ गया। यह संदेश इसलिए कीमती है क्योंकि अब हमें 2 गज दूरी के साथ ही सुरक्षा मिल सकती है क्योंकि अनलॉक टू का दौर चला हुआ है।
नाहन नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी अजमेर सिंह ने भी इस गाने को नाहन नगर परिषद के संदेश में शामिल कर लिया है। अजमेर सिंह का कहना है कि यह संदेश 2 गज दूरी तो सिखाता ही है और साथ में हमें किस तरीके से साफ रहना है स्वच्छ रखना है यह भी संदेश हमें मिलता है। अब आपको बता दें कि गणेश गुरुंग आर्मी में ऑर्केस्ट्रा बैंड पर थे और वहां से रिटायरमेंट आने के बाद हिमाचल पुलिस में भी उन्होंने लंबे अरसे तक पुलिस बैंड में अपनी सेवाएं दी हैं। इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के नामी-गिरामी संगीतकारों के साथ भी उन्होंने स्टेज प्रोग्राम किए हैं।
उनके इस जज्बे और जज्बातों को देखते हुए उन्हें कोरोना वारियर की उपाधि भी मिली है। यहां आपको यह भी बता दें कि आदित्य उर्फ गुरु बड़ी तेजी से उभरता हुआ संगीत का सितारा है। गिटार पर पारंगत गुरु के कई विदेशी युवक भी फैन है और उनसे ऑनलाइन गिटार बजाना भी सीखते हैं। इसके अलावा संगीत गुरु धर्म दत्त सहगल के साथ भी गुरु ने म्यूजिक कंपोज किया है। बरहाल कहा जा सकता है कि जिला सिरमौर की मिट्टी में संगीत का बीज पहले से ही बिखरा हुआ है। मोहित चौहान जैसा सिंगर भी नाहन की मिट्टी से ही निकला है। जिला सिरमौर में चाहे पहाड़ी कल्चर हो, वेस्टर्न म्यूजिक हो, गजल हो या फिर राग पर आधारित गीत यहां के युवकों में संगीत के प्रति जबरदस्त दिलचस्पी है